भोपाल। मध्य प्रदेश खेल विभाग प्रदेश के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने के कई मौके दे रहा है, लेकिन अब यह विभाग भी घोटालों और गड़बड़ियों की जद में आ गया है. खेल विभाग में 2 मामलों में गड़बड़ियों की बात सामने आई है. गड़बड़ियों के मामले में खेल मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि किसी भी तरह की अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच की जाएगी.
जानकारी के अनुसार पहला मामला 3 साल पहले 2015-16 में हुई राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी और हैंडबॉल प्रतियोगिता का है, जिसमें 8 सौ खिलाड़ियों ने भाग लिया था. इसमें तकरीबन 50 लाख रुपये के गबन की बात सामने आई है. खेल विभाग के तत्कालीन उप संचालक विनोद प्रधान और तत्कालीन जिला खेल अधिकारी रीना चौहान ने खिलाड़ियों को धर्मशाला में ठहराया था, जबकि बिल होटल के लगाए गए हैं. खास बात तो ये है कि होटल में केवल 14 रूम ही हैं, यहां सवाल ये उठता है कि 14 कमरों में इतने खिलाड़ी रुके कैसे.
दूसरा मामला फर्जी प्रमाणपत्र का है, जिसमें खेल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और खेल मंत्री जीतू पटवारी को ज्ञापन देकर जांच की मांग की है. एसोसिएशन का कहना है कि कुछ लोगों को फर्जी प्रमाणपत्र के जरिए खेल विभाग में नौकरी मिली हैं, जिसकी जांच की होनी चाहिए. वहीं जब इस बारे में खेल मंत्री जीतू पटवारी से बात की गई तो उनका कहना है कि खेल विभाग में जितनी भी अनियमितताएं पाई गई हैं, वह चाहे आर्थिक हो या किसी भी तरह की हो, उनकी निष्पक्ष जांच की जाएगी.