ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पेड़ों के काटने के मामले में बड़ा आदेश जारी किया है. कोर्ट की बेंच ने अधिवक्ता उमेश बोहरे को निर्देशित किया है कि नेशनल हाईवे के निर्माण में वह 2 सप्ताह के भीतर पेड़ों को काटने और नए पेड़ लगाने संबंधी केंद्र और राज्य की नियमावली कोर्ट में पेश करें. अधिवक्ता बोहरे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उनका कहना है कि 2012 में ग्वालियर, भिंड, इटावा राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया था इस नेशनल हाईवे नंबर 92 के नाम से जाना जाता है.
जानें क्या है नियम
उनका कहना है कि उस समय हाईवे के निर्माण में बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गए थे. इन पेड़ों को बाद में बेचा भी गया. वहीं राज्य और केंद्र सरकार का नियम है कि जितने भी पेड़ काटे जाएं उससे 10 फीसदी ज्यादा पेड़ हाईवे के दोनों और लगाए जाएं. याचिकाकर्ता अधिवक्ता का कहना है कि उसमें भी करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है. इसलिए उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
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मामले पर 2 सप्ताह बाद सुनवाई
हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता अधिवक्ता को निर्देशित किया है कि वह इस मामले में यूनियन ऑफ इंडिया यानी केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाए और पेड़ काटने अथवा लगाने संबंधी नियमावली कोर्ट में पेश करें. इस मामले पर 2 सप्ताह बाद सुनवाई होगी. याचिकाकर्ता का कहना है कि करीब 1 लाख पेड़ों को काटा गया था और 6 लाख पेड़ लगाए जाने थे, लेकिन दोनों ही मामले में अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार हुआ है.