भोपाल। मध्यप्रदेश के अस्पतालों में ऐसे लोगों के नाम पर भी इलाज कर दिया गया, जिनकी मृत्यु पहले ही हो चुकी थी. इस तरह के फर्जी इलाज के जरिए हॉस्पिटल संचालकों ने केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत फर्जी क्लेम की राशि ले ली गई, इस फर्जीवाड़े का खुलासा ताजा नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह 447 मृत मरीजों को अस्पताल में भर्ती दिखाया गया, जिनकी क्लेम की राशि 1.12 करोड़ रुपए बनती है. रिपोर्ट के मुताबिक हॉस्पिट्ल्स ने क्षमता से ज्यादा बेड आक्युपेसी दिखाकर क्लेम की राशि ली है.
बेड 30, भर्ती मरीज दिखाए 43: रिपोर्ट में बताया गया कि "आयुष्मान योजना के नाम पर हॉस्पिट्ल्स ने गड़बड़ी की है, इसमें अस्पतालों की जितनी बैड की क्षमता ही नहीं थी, उससे कहीं ज्यादा मरीजों को एक समय में भर्ती दिखाया गया और क्लेम की राशि ली गई. 30 मार्च 2021 को गुरू आशीष हॉस्पिटल में बेड की क्षमता 30 है, जबकि इसमें एक ही समय में 43 मरीजों को भर्ती दिखाया गया. इसी तरह 31 मार्च 2021 को सरकार केंसर हॉस्पिटल में 108 बेड की क्षमता के मुकाबले 129 बैड की ऑक्युपेंसी दिखाई गई, इस योजना के तहत पूर देश में मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड धारक हैं. मध्यप्रदेश में इसकी संख्या 2 करोड़ 47 लाख है, जबकि उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर आता है, यहां आयुष्मान कार्ड धारकों की संख्या 1.40 करोड़ है. छत्तीसगढ़ में 1.28 करोड़ आयुष्मान कार्डधारक हैं, मध्यप्रदेश में 4.47 लाख लोगों ने इस कार्ड से अपना इलाज कराया है."
फर्जीवाड़ा करने वाले हॉस्पिटल की सूची की जारी: कैग ने अपनी रिपोर्ट में उन अस्पतालों की सूची भी जारी की है, जिन्होंने इस योजना के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है. खासतौर से जिन्होंने बैड क्षमता से ज्यादा मरीजों को भर्ती दिखाया और क्लेम का लाभ लिया. देश भर में ऐसे 190 अस्पतालों की सूची जारी की गई है, इसमें मध्यप्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा हॉस्पिटल हैं, इसमें एक हॉस्पिटल भोपाल का जवाहर लाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर है, जिसमें बेड संख्या 100 है, जबकि यहां 20 मार्च 2021 के आक्युपेंसी 233 मरीजों की दिखाई गई. प्रदेश में नवंबर 2022 तक 16.49 लाख क्लेम किए गए, जो 2455 करोड़ रुपए के थे. रिपोर्ट के मुताबिक इस तरीख तक 638 करोड़ के साढ़े तीन लाख क्लेम अभी प्रक्रिया में हैं.