भोपाल। मध्यप्रदेश के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी कोविड-19 की टेस्टिंग शुरू हो गई है. टेस्टिंग के लिए इंदौर के प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और एक डायग्नोस्टिक लैब में कोविड-19 के लिए आईसीएमआर की अनुमति मिल गई है. इसके बाद प्रदेश में टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. प्रदेश में अभी अधिकतम 15 सौ टेस्टिंग की क्षमता मौजूद है.
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. इसके लिए प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग के लिए जरूरी तमाम संसाधनों को पूरा कर उन्हें आईसीएमआर में रजिस्टर्ड कराने के प्रयास किए जा रहे हैं. अभी तक प्रदेश में दस टेस्टिंग लैब में सैंपल की जांच की जा रही थी.
वहीं अब दो अन्य लैब में टेस्टिंग शुरू हो गई हैं. आईसीएमआर की अनुशंसा मिलने के बाद इंदौर के अरविंदो मेडिकल कॉलेज और संपूर्ण सोडाणी डायग्नोस्टिक लैब में भी टेस्टिंग शुरू हो चुकी है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला के मुताबिक टेस्टिंग लैब की प्रदेश में संख्या को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
इसके लिए मेडिकल कॉलेजों को टेस्टिंग के लिए जरूरी संसाधन और मेन पावर जुटाने के निर्देश दिए गए हैं और जल्द से जल्द जरूरी गाइड लाइन को पूरा कर आईसीएमआर से इनकी अनुमति ली जा रही है. इंदौर के अरविंदो मेडिकल कॉलेज और संपूर्ण सोडाणी के बाद अब रतलाम मेडिकल कॉलेज और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज इंदौर को भी जरूरी संसाधन जुटाने के निर्देश दिए गए हैं.
जल्द ही आधा दर्जन मेडिकल कॉलेजों में टेस्टिंग लैब शुरू होगी. भोपाल में चार लैब में कोरोना सैंपल की जांच की जा रही है. एम्स भोपाल के अलावा गांधी मेडिकल कॉलेज, बीएमएचआरसी और आनंद नगर स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की लेबोरेटरी में भी कोविड-19 की जांच की जा रही है. चिकित्सा शिक्षा विभाग के कमिश्नर निशांत वरवड़े का कहना है कि, मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में टेस्टिंग क्षमता सात हजार किए जाने का प्रयास किया जा रहा है.