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जून में पीक पर होगा कोरोना, क्या है राजधानी भोपाल की तैयारी - preparation of Bhopal

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कोरोना जून माह में पीक पर होगा और ऐसे में मध्यप्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहेगा, प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इस चुनौती के लिए उच्चस्तरीय तैयारी कर रहा है.

Corona will be at peak in June
महामारी से जंग
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Published : May 29, 2020, 6:25 PM IST

Updated : May 30, 2020, 12:33 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है, इसके साथ ही मौत का आंकड़ा भी अब 300 के पार पहुंच गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक देश भर में कोरोना के पॉजिटिव मामलों की संख्या आने वाले दो-तीन महीनों में बढ़ सकती है. इससे मध्यप्रदेश भी अछूता नहीं है, मध्यप्रदेश में जून- जुलाई में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है.

जून में पीक पर होगा कोरोना

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के बाद इसे लेकर प्रदेश स्तर पर भी एक आंकलन किया गया, जिसके मुताबिक ये बात सामने आएगी. जून और जुलाई के महीने में मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी होगी, इस अनुमान के मुताबिक ही अब मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य महकमा हर जिले में उच्चस्तरीय तैयारी करने में जुटा हुआ है, इसमें खासतौर पर प्रदेश के रेड जोन जिले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, खंडवा, शामिल हैं. प्रदेश के सभी सीएमएचओ अपने जिलों में निजी अस्पताल, नर्सिंग होम्स, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक, एलोपैथिक अस्पतालों में बिस्तर, आईसीयू, वेंटीलेटर की लिस्ट तैयार कर स्वास्थ्य महकमे को भेजी है ताकि मामलों के बढ़ने पर स्थिति को संभाला जा सके.

इन पूरी व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि हमने आने वाले महीनों में प्रदेश की स्थिति को जानने के लिए एक आंकलन किया है कि जून माह के आस-पास कोरोना वायरस संक्रमण से प्रदेश में क्या स्थिति रहेगी. एक तकनीकी दल ने इस आंकलन किया है, जिसमें एम्स के डॉक्टर और सदस्य भी शामिल थे, दल के मुताबिक आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या कितनी हो सकती है और ऐसे में कितने आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर की जरूरत होगी. साथ ही इन मशीनरी के अलावा ह्यूमन रिसोर्स (डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ) कि कितनी जरूरत हो सकती है, इसके आधार पर हम अपनी प्लानिंग कर रहे हैं. इसमें प्रदेश के लगभग सभी जिले शामिल हैं, क्योंकि हो सकता है कि आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के केस में बढ़ोतरी देखने को मिले.

Corona will be at peak in June
कोरोना वारियर्स

राजधानी भोपाल की बात करें तो इस आंकलन के मुताबिक भोपाल में अगले 2-3 महीनों में कोरोना संक्रमण के मामले 5-6 हज़ार के पार पहुंच सकते हैं, जिसके लिए शहर के करीब 400 से ज्यादा निजी अस्पताल-नर्सिंग होम को चिन्हित कर यहां 21, हजार बेड आरक्षित किए गए हैं, इसके साथ ही 950 के करीब आईसीयू रूम में 1944 बेड चिन्हाकित किये गए हैं. इन अस्पतालों में बुजुर्ग मरीजों के लिए 250 से ज्यादा वेंटीलेटर,11 न्यू नेटल वेंटिलेटर और 21 पीडियाट्रिक वेंटिलेटर चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा 1500 ऑक्सीजन बेड भी रिजर्व किए गए हैं, यदि जरूरत पड़ती है तो इनकी संख्या 2500 के आस-पास भी बढ़ाई जा सकती है. इसके साथ ही कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री के आधार पर लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए शहर के सभी गेस्ट हाउस, मैरिज गार्डन में व्यवस्थाएं की गई हैं. साथ ही कुछ बड़े मैदानों में भी अस्थाई क्वारेंटाइन सेंटर बनाने की भी तैयारी है.

बता दें कि अब तक शहर में 1423 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं तो वहीं 54 लोगों की मृत्यु भी दर्ज की गई है और 902 मरीज संक्रमण से ठीक हो चुके हैं. व्यवस्थाओं की बात की जाए तो भोपाल के एम्स, हमीदिया अस्पताल, चिरायु अस्पताल, बंसल अस्पताल और शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में कोरोना वायरस से संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है. वहीं अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर में कई लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है.

भोपाल। राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है, इसके साथ ही मौत का आंकड़ा भी अब 300 के पार पहुंच गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक देश भर में कोरोना के पॉजिटिव मामलों की संख्या आने वाले दो-तीन महीनों में बढ़ सकती है. इससे मध्यप्रदेश भी अछूता नहीं है, मध्यप्रदेश में जून- जुलाई में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है.

जून में पीक पर होगा कोरोना

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान के बाद इसे लेकर प्रदेश स्तर पर भी एक आंकलन किया गया, जिसके मुताबिक ये बात सामने आएगी. जून और जुलाई के महीने में मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी होगी, इस अनुमान के मुताबिक ही अब मध्यप्रदेश का स्वास्थ्य महकमा हर जिले में उच्चस्तरीय तैयारी करने में जुटा हुआ है, इसमें खासतौर पर प्रदेश के रेड जोन जिले इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, खंडवा, शामिल हैं. प्रदेश के सभी सीएमएचओ अपने जिलों में निजी अस्पताल, नर्सिंग होम्स, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक, एलोपैथिक अस्पतालों में बिस्तर, आईसीयू, वेंटीलेटर की लिस्ट तैयार कर स्वास्थ्य महकमे को भेजी है ताकि मामलों के बढ़ने पर स्थिति को संभाला जा सके.

इन पूरी व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि हमने आने वाले महीनों में प्रदेश की स्थिति को जानने के लिए एक आंकलन किया है कि जून माह के आस-पास कोरोना वायरस संक्रमण से प्रदेश में क्या स्थिति रहेगी. एक तकनीकी दल ने इस आंकलन किया है, जिसमें एम्स के डॉक्टर और सदस्य भी शामिल थे, दल के मुताबिक आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या कितनी हो सकती है और ऐसे में कितने आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर की जरूरत होगी. साथ ही इन मशीनरी के अलावा ह्यूमन रिसोर्स (डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ) कि कितनी जरूरत हो सकती है, इसके आधार पर हम अपनी प्लानिंग कर रहे हैं. इसमें प्रदेश के लगभग सभी जिले शामिल हैं, क्योंकि हो सकता है कि आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के केस में बढ़ोतरी देखने को मिले.

Corona will be at peak in June
कोरोना वारियर्स

राजधानी भोपाल की बात करें तो इस आंकलन के मुताबिक भोपाल में अगले 2-3 महीनों में कोरोना संक्रमण के मामले 5-6 हज़ार के पार पहुंच सकते हैं, जिसके लिए शहर के करीब 400 से ज्यादा निजी अस्पताल-नर्सिंग होम को चिन्हित कर यहां 21, हजार बेड आरक्षित किए गए हैं, इसके साथ ही 950 के करीब आईसीयू रूम में 1944 बेड चिन्हाकित किये गए हैं. इन अस्पतालों में बुजुर्ग मरीजों के लिए 250 से ज्यादा वेंटीलेटर,11 न्यू नेटल वेंटिलेटर और 21 पीडियाट्रिक वेंटिलेटर चिन्हित किए गए हैं. इसके अलावा 1500 ऑक्सीजन बेड भी रिजर्व किए गए हैं, यदि जरूरत पड़ती है तो इनकी संख्या 2500 के आस-पास भी बढ़ाई जा सकती है. इसके साथ ही कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री के आधार पर लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए शहर के सभी गेस्ट हाउस, मैरिज गार्डन में व्यवस्थाएं की गई हैं. साथ ही कुछ बड़े मैदानों में भी अस्थाई क्वारेंटाइन सेंटर बनाने की भी तैयारी है.

बता दें कि अब तक शहर में 1423 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं तो वहीं 54 लोगों की मृत्यु भी दर्ज की गई है और 902 मरीज संक्रमण से ठीक हो चुके हैं. व्यवस्थाओं की बात की जाए तो भोपाल के एम्स, हमीदिया अस्पताल, चिरायु अस्पताल, बंसल अस्पताल और शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय में कोरोना वायरस से संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है. वहीं अलग-अलग क्वॉरेंटाइन सेंटर में कई लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है.

Last Updated : May 30, 2020, 12:33 PM IST
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