भोपाल। कोरोना योद्धा के तौर पर काम करने वाले नर्सिंग स्टाफ और जूनियर डॉक्टर्स ने होटल खाली कर दिया है और वो सभी अपना सामान लेकर गांधी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं. जहां सभी ने अपने ठहरने के लिए आवास की मांग की. कोरोना वायरस की ड्यूटी में कार्यरत स्टाफ नर्स निर्मला ने बताया कि, कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान जो भी स्टाफ और जूनियर डॉक्टर्स सर्वे, सैंपलिंग और वार्ड में काम कर रहे हैं उन्हें कहा गया कि वह 5 जून तक होटल खाली कर दें और अपने रहने की व्यवस्था खुद करें.
उन्होंने कहा कि हम सब यहां अपने आवास की मांग को लेकर इकठ्ठा हुए है, क्योंकि यदि हम अपने स्थानीय निवास पर वापस लौटते हैं तो हमसे हमारे परिवाजनों को संक्रमण होने का खतरा है. हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता अच्छी है यदि हमें संक्रमण होता भी है तो हम ठीक हो जाएंगे, लेकिन यहां के स्टाफ में कई लोग ऐसे है जिनके परिवार में छोटे बच्चे, बुजुर्ग हैं हमसे यदि इन्हें संक्रमन होता है तो उनके लिए यह घातक होगा. यदि प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में हमें सुविधाएं दी थी तो अब भी यह सुविधाएं जारी रखना चाहिए था.
स्टाफ नर्स ने बताया कि अभी तक कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हुआ है. हम अपने कारण कई लोगों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते हैं. इसलिए हमारी मांग है कि जो सुविधाएं हमें पहले दी जा रही थी उन्हें जारी रखा जाए.
होटल और अन्य जगहों पर रह रहे कोरोना योद्धाओं को होटल खाली करने के आदेश दिए गए हैं, तब से इस आदेश का विरोध किया जा रहा है. कुछ दिन पहले भी जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस विषय में पत्र भी लिखा था. वहीं संक्रमण की बात करें तो जीएमसी से करीब 30 जूनियर डॉक्टर्स और नर्स अब तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.