भोपाल। इनफ्लुएंजा वायरस और ओमिक्रोन के नए वेरिएंट का खतरा देश में कई राज्यों में बढ़ता जा रहा है. इससे बचाव के लिए लोगों को भीड़भाड़ वाली जगह पर मास्क लगाकर जाने के ही निर्देश दिए गए हैं. वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में भी करोना के संक्रमित पॉजिटिव मरीजों में इजाफा हो रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी सरकारी अस्पतालों में मॉकड्रिल के निर्देश जारी किए हैं. आगामी 10 और 11 अप्रैल को भोपाल समेत मध्य प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ये मॉक ड्रिल की जाएगी. लेकिन ईटीवी भारत ने की ग्राउण्ड रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते संक्रमण के चुनौतियों के बीच स्वास्थ्य सेवाएँ लचर हैं. ऑ्क्सीजन प्लांट पर ही लगे हैं ताले.
मॉक ड्रिल से पहले ETV BHARAT रियलिटी चेक: ETV Bharat ने भोपाल के 3 बड़े सरकारी अस्पतालों का रियलिटी चेक किया और देखा कि मॉक ड्रिल के पहले ही यहां क्या स्थिति बनी हुई है क्योंकि जिस दिन मॉक ड्रिल होती है उस दिन तो तैयारियां बेहतर कर दी जाती हैं लेकिन उसके पहले क्या स्थिति है यह भी देखने की कोशिश की गई. ETV Bharat की टीम सबसे पहले भोपाल के जेपी अस्पताल पहुंची. यहां पीएम केयर से पीपीपी मोड पर 2 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए थे. ऑक्सीजन प्लांट का जब हमने रियलिटी चेक किया तो देखा कि इन ऑक्सीजन के प्लांट ऊपर ताले लगे हुए हैं. प्रधानमंत्री केयर से स्थापित इन प्लांटों की हकीकत ये सामने आई.
काटजू और हमीदिया अस्पताल का हाल: इसके बाद ETV Bharat की टीम भोपाल के काटजू अस्पताल पर पहुंची. यहां पर भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया था लेकिन यहां भी देख हमारे होश उड़ गए कि यह ऑक्सीजन प्लांट भी बंद ही पाया गया. अब बारी थी भोपाल के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल की. यहां 2000 लीटर पर मिनट के हिसाब से ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है. इस प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई यहां आने वाले मरीजों को की जाती है. टीम जब यहां पहुंची तो देखा ऑक्सीजन प्लांट बंद था, लेकिन जैसे ही हमारी टीम के आने की सूचना यहां मिली तो इसे चालू कर दिया गया. इस बारे में जब हमीदिया के अधीक्षक आशीष गोहिया से पूछा गया तो उनका कहना था कि प्लांट चालू है और मेंटेनेंस के चलते कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाता है और जब आवश्यकता लगती है तो इसे चालू कर दिया जाता है क्योंकि इसके अलावा भी हमीदिया हॉस्पिटल में कई सिलेंडरों के माध्यम से ऑक्सीजन अवेलेबल है फिलहाल अभी यह स्थिति नहीं है कि ज्यादा ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़े.
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रियलिटी चेक में फेल अस्पताल: फिलहाल तो रियलिटी चेक में यही देखने में आया कि मॉक ड्रिल के पहले ही राजधानी भोपाल के कई ऑक्सीजन प्लांट बंद पाए गए. ऐसे में कहा जा सकता है कि जब मॉक ड्रिल होगी तो यह निश्चित ही चालू मिलेंगे लेकिन उसके पहले हकीकत सामने नजर आ गई. ऐसे में सवाल उठता है कि जब इमरजेंसी होगी तो एकदम से यह ऑक्सीजन प्लांट चालू हो पाएंगे या नहीं क्योंकि इसके पहले भी जब मॉक ड्रिल हुई थी तो जेपी अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट खराब पाया गया था. मध्यप्रदेश में कोविड के 82 एक्टिव केस बने हुए हैं जिसमें से नए केसों में सोमवार तक 35 पॉजिटिव मरीजों की संख्या दर्ज की गई है. जिसमें 27 नए मरीज भोपाल और 5 इंदौर व 2 जबलपुर में मिले हैं.