भोपाल। कोरोना का कहर मध्य प्रदेश समेत पूरे भारत में कम हो गए थे. लेकिन अभी भी संक्रमण का खतरा टला नहीं है. ठंड बढ़ने के साथ ही कोरोना वायरस ने रफ्तार पकड़ ली है. अक्टूबर महीने के आखिरी में और नवम्बर महीने की शुरुआत में मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल रही थी. लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
राजधानी भोपाल में जहां पिछले कुछ दिनों पहले शहर में रोजाना 100 से 150 के बीच नए मामले सामने आ रहे थे. वहीं अब 100 से लेकर 250 तक मामले सामने आ रहे हैं. पिछले 1 नवम्बर से 15 नवम्बर तक 15 दिनों में शहर में 2827 नए मामले सामने आए हैं.
क्या है व्यवस्थाएं ?
ठंड बढ़ने के साथ ही कोरोना वायरस की बढ़ी हुई रफ्तार के कारण एक्टिव केसों की संख्या भी बढ़ रही है. भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि शहर में इस वक्त 46 फीवर क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, और यदि किसी भी व्यक्ति को कोविड-19 के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. तो वह अपने नजदीकी फीवर क्लीनिक जाकर अपना कोरोना वायरस का टेस्ट करा सकता है. इसमें कोई चिंता का विषय नहीं है. इसके साथ ही बिस्तरों की संख्या पर्याप्त बनी रहे, इसको लेकर लगातार तैयारियां की जा रही है. अभी हाल फिलहाल में मामलों में जो बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, इसके बावजूद हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं, कि इलाज में कहीं कोई कमी न हो.
शहर में कोविड सेंटर्स
राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल, जिला अस्पताल जेपी,एम्स भोपाल, टीवी अस्पताल और बीएमएचआरसी में कोविड 19 के शासकीय सेंटर बनाए गए हैं. जहां मरीजों को मुफ्त इलाज दिया जा रहा है. इसके अलावा चिरायु अस्पताल में भी अनुबंध के तहत मुफ्त इलाज दिया जा रहा है. साथ ही शहर के आयुष्मान भारत योजना के तहत आने वाले निजी अस्पतालों में भी कोविड 19 के इलाज के अनुमति दी गई है.
15 दिनों में बढ़े मामले
राजधानी भोपाल में 21 अक्टूबर से लेकर 31 अक्टूबर तक 1913 मामले सामने आए थे. तो वहीं 1 नवंबर से लेकर 15 नवंबर के बीच 2,827 मामले सामने आए हैं. यदि विशेषज्ञों की मानें तो ठंड बढ़ने के साथ ही मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इसलिए लगातार प्रशासन की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, मास्क लगाने और हैंड सेनिटाइज करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. हालांकि त्योहारी सीजन में कोविड-19 प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही है. जिसके चलते भी मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.