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कोरोना महामारी के एक साल, अब भी बेकाबू हालात

ठीक एक साल पहले कोरोना ने मध्यप्रदेश के भोपाल में दस्तक दी थी. लॉकडाउन में लोगों के धैर्य, अनेकों लोगों के सेवा भाव और एक नए समय को इस मानव जाति ने देखा है.

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कोरोना महामारी के एक साल पूरे
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Published : Mar 22, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 9:07 PM IST

भोपाल। ठीक एक साल पहले कोरोना ने मध्यप्रदेश के भोपाल में दस्तक दी थी. लॉकडाउन में लोगों के धैर्य, अनेकों लोगों के सेवा भाव और एक नए समय को इस मानव जाति ने देखा है. सैकड़ों के रोजगार छिन गए, हजारों लोगों ने सैकड़ों मील की दूरी को पैदल ही तय किया तो कई महीनों तक लोग घरों में कैद रहे. उद्योग धंधे बंद रहे, पर्यटन सहित अर्थव्यवस्था चरमराई और हजारों लोगों ने अपने परिवार रिश्तेदारों को खो दिया. देश में कोरोना के मामले और सियासत में उठापटक एक साथ ही मध्यप्रदेश में शुरु हुई थी. यह दोनों को ही मध्यप्रदेश में 1 साल पूरे होने को है. जबलपुर के पहले मामले से प्रदेश कोरोना वायरस की चपेट में आ गया था. जिसका असर 1 साल बाद तक जारी है.

प्रदेश में कोरोना के कहर को एक साल पूरे
  • कोरोना ने जबलपुर में दी थी पहली दस्तक

मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस तक की दस्तक जबलपुर से शुरू हुई थी. जहां 4 मामले सामने आए थे. इसमें तीन लोग एक ही परिवार के थे और चौथा व्यक्ति जर्मनी से लौटा था. प्रदेश में कोरोना वायरस का यह पहला मामला था. वहीं दूसरा मामला भोपाल के लंदन से लौटे गुंजन सक्सेना का आया था. जिसके बाद से ही कोरोना से मध्यप्रदेश में रफ्तार पकड़ी और वही आंकड़े 1 साल बाद तक 2 लाख 74 हजार तक पहुंच गए हैं. साल भर में 3903 लोग इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं. इस समय मध्यप्रदेश में महाराष्ट्र को छोड़कर देश भर में दूसरे सबसे अधिक एक्टिव मामले हैं. लेकिन मध्यप्रदेश के लोग कोरोना को निरंतर लड़ रहे हैं.

  • भोपाल में हुई थी कोरोना से पहली मौत

मध्यप्रदेश में कोरोना से संक्रमित सबसे पहला व्यक्ति जबलपुर में डिटेक्ट किया गया था. वहीं प्रदेश में कोरोना वायरस का पहला मामला राजधानी भोपाल में आया था. यहां 4 अप्रैल 2020 को जगन्नाथ यादव नाम के गैस पीड़ित व्यक्ति ने कोरोना संक्रमण से सबसे पहले दम तोड़ा था.

  • प्रदेश के 20 लाख लोगों को लगा कोरोना का टीका

कोरोना की शुरुआत के समय प्रदेश में केवल कुछ हजार ही केस आ रहे थे. जो अब 33 हजार तक पहुंच गए हैं. करीब 9 महीने के संघर्ष के बाद कोरोना की वैक्सीन का बन गई . जिसके लिए सरकार ने अक्टूबर से ही तैयारियां शुरू कर दीं थीं. जो अब लगना शुरू हो गए हैं. मध्यप्रदेश में 16 जून से 20 लाख 47 हजार से ज्यादा लोगों को डोज लगा दिया गया है. जिसमें 8 लाख फ्रॉनलाइन वर्कर का टीकाकरण कर दिया गया है. जिससे हेल्थ डिपार्टमेंट 31 जून तक पूरा कर लेगा.

वीकेंड लॉकडाउन से पहले सड़क पर उतरे CM, बोले- प्लीज मास्क लगाएं

  • कोरोना के दौरान काम करने वाले डॉक्टर में नाराजगी

कोरोना के दौरान भगवान कहे जाने फ्रॉनलाईन वर्कर जिन्होंने सबसे अधिक काम किया. जिन्हें मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए 10 हजार प्रति माह देने की घोषणा की थीं उन्हें अभी तक सरकार पूरा नहीं कर पाई है. जिससे डॉक्टरों में सरकार से नाराजगी बनी हुई है. जूनियर डॉक्टर एशोसिएशन के सचिव डॉक्टर हरीश पाठक का कहना है कि सरकार को जब काम की जरूरत थी. तो सबसे पहले डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम मे डालकर काम किया. इसके लिए उस समय 10 हजार प्रति माह देने की घोषणा भी की गई थी. लेकिन साल भर बाद भी रुपए जारी नही किये गए है. अब डॉक्टर अपने रुपए के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

  • इस जिले में रहा कोरोना का सबसे कम असर

एक तरफ जहां इंदौर और भोपाल में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस देखने को मिला. वहीं नया जिला निवाड़ी इस वायरस से सबसे कम प्रभावित रहा. निवाड़ी में 1 साल में कोई 692 लोग कोराना की चपेट में आए. इसमें 682 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. कोरोना वायरस से यहां तीन लोगों की जान भी ली. फिलहाल यहां पर कोरोना के केवल 7 ही एक्टिव किस बचे हुए हैं.

  • लोगों की लापरवाही से फिर बढ़ रहा कोरोना

एक फिर एक साल के बाद कोरोना की वापसी हो गई है. प्रदेश वैक्सीनेशन ऑफिसर संतोष शुक्ला जो की प्रदेश के कोरोना ऑफिसर भी रह चुके है. उन्होंने बताया कि "पहले कोरोना पर कंट्रोल कर लिया था. लेकिन अब फिर कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. मध्यप्रदेश के जबलपुर से शुरू हुआ कोरोना पूरे राज्य में फैल गया. अब पहले मरीज के साथ इसके लक्ष्ण के साथ परिवर्तन होता जा रहा है. समय के साथ आ रहे परिवर्तन और लोगो की लापहरवाही के बाद कोरोना के मरीज बढ़ रहें हैं. फिलहाल प्रदेश में कोरोना के 7344 एक्टिव मरीज मौजूद हैं. जो समय के साथ बढ रहे हैं और इसी के साथ मध्यप्रदेश एक बार फिर लॉकडाउन की तरफ बढ़ गया है.

भोपाल। ठीक एक साल पहले कोरोना ने मध्यप्रदेश के भोपाल में दस्तक दी थी. लॉकडाउन में लोगों के धैर्य, अनेकों लोगों के सेवा भाव और एक नए समय को इस मानव जाति ने देखा है. सैकड़ों के रोजगार छिन गए, हजारों लोगों ने सैकड़ों मील की दूरी को पैदल ही तय किया तो कई महीनों तक लोग घरों में कैद रहे. उद्योग धंधे बंद रहे, पर्यटन सहित अर्थव्यवस्था चरमराई और हजारों लोगों ने अपने परिवार रिश्तेदारों को खो दिया. देश में कोरोना के मामले और सियासत में उठापटक एक साथ ही मध्यप्रदेश में शुरु हुई थी. यह दोनों को ही मध्यप्रदेश में 1 साल पूरे होने को है. जबलपुर के पहले मामले से प्रदेश कोरोना वायरस की चपेट में आ गया था. जिसका असर 1 साल बाद तक जारी है.

प्रदेश में कोरोना के कहर को एक साल पूरे
  • कोरोना ने जबलपुर में दी थी पहली दस्तक

मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस तक की दस्तक जबलपुर से शुरू हुई थी. जहां 4 मामले सामने आए थे. इसमें तीन लोग एक ही परिवार के थे और चौथा व्यक्ति जर्मनी से लौटा था. प्रदेश में कोरोना वायरस का यह पहला मामला था. वहीं दूसरा मामला भोपाल के लंदन से लौटे गुंजन सक्सेना का आया था. जिसके बाद से ही कोरोना से मध्यप्रदेश में रफ्तार पकड़ी और वही आंकड़े 1 साल बाद तक 2 लाख 74 हजार तक पहुंच गए हैं. साल भर में 3903 लोग इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं. इस समय मध्यप्रदेश में महाराष्ट्र को छोड़कर देश भर में दूसरे सबसे अधिक एक्टिव मामले हैं. लेकिन मध्यप्रदेश के लोग कोरोना को निरंतर लड़ रहे हैं.

  • भोपाल में हुई थी कोरोना से पहली मौत

मध्यप्रदेश में कोरोना से संक्रमित सबसे पहला व्यक्ति जबलपुर में डिटेक्ट किया गया था. वहीं प्रदेश में कोरोना वायरस का पहला मामला राजधानी भोपाल में आया था. यहां 4 अप्रैल 2020 को जगन्नाथ यादव नाम के गैस पीड़ित व्यक्ति ने कोरोना संक्रमण से सबसे पहले दम तोड़ा था.

  • प्रदेश के 20 लाख लोगों को लगा कोरोना का टीका

कोरोना की शुरुआत के समय प्रदेश में केवल कुछ हजार ही केस आ रहे थे. जो अब 33 हजार तक पहुंच गए हैं. करीब 9 महीने के संघर्ष के बाद कोरोना की वैक्सीन का बन गई . जिसके लिए सरकार ने अक्टूबर से ही तैयारियां शुरू कर दीं थीं. जो अब लगना शुरू हो गए हैं. मध्यप्रदेश में 16 जून से 20 लाख 47 हजार से ज्यादा लोगों को डोज लगा दिया गया है. जिसमें 8 लाख फ्रॉनलाइन वर्कर का टीकाकरण कर दिया गया है. जिससे हेल्थ डिपार्टमेंट 31 जून तक पूरा कर लेगा.

वीकेंड लॉकडाउन से पहले सड़क पर उतरे CM, बोले- प्लीज मास्क लगाएं

  • कोरोना के दौरान काम करने वाले डॉक्टर में नाराजगी

कोरोना के दौरान भगवान कहे जाने फ्रॉनलाईन वर्कर जिन्होंने सबसे अधिक काम किया. जिन्हें मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए 10 हजार प्रति माह देने की घोषणा की थीं उन्हें अभी तक सरकार पूरा नहीं कर पाई है. जिससे डॉक्टरों में सरकार से नाराजगी बनी हुई है. जूनियर डॉक्टर एशोसिएशन के सचिव डॉक्टर हरीश पाठक का कहना है कि सरकार को जब काम की जरूरत थी. तो सबसे पहले डॉक्टरों ने अपनी जान जोखिम मे डालकर काम किया. इसके लिए उस समय 10 हजार प्रति माह देने की घोषणा भी की गई थी. लेकिन साल भर बाद भी रुपए जारी नही किये गए है. अब डॉक्टर अपने रुपए के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

  • इस जिले में रहा कोरोना का सबसे कम असर

एक तरफ जहां इंदौर और भोपाल में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस देखने को मिला. वहीं नया जिला निवाड़ी इस वायरस से सबसे कम प्रभावित रहा. निवाड़ी में 1 साल में कोई 692 लोग कोराना की चपेट में आए. इसमें 682 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. कोरोना वायरस से यहां तीन लोगों की जान भी ली. फिलहाल यहां पर कोरोना के केवल 7 ही एक्टिव किस बचे हुए हैं.

  • लोगों की लापरवाही से फिर बढ़ रहा कोरोना

एक फिर एक साल के बाद कोरोना की वापसी हो गई है. प्रदेश वैक्सीनेशन ऑफिसर संतोष शुक्ला जो की प्रदेश के कोरोना ऑफिसर भी रह चुके है. उन्होंने बताया कि "पहले कोरोना पर कंट्रोल कर लिया था. लेकिन अब फिर कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं. मध्यप्रदेश के जबलपुर से शुरू हुआ कोरोना पूरे राज्य में फैल गया. अब पहले मरीज के साथ इसके लक्ष्ण के साथ परिवर्तन होता जा रहा है. समय के साथ आ रहे परिवर्तन और लोगो की लापहरवाही के बाद कोरोना के मरीज बढ़ रहें हैं. फिलहाल प्रदेश में कोरोना के 7344 एक्टिव मरीज मौजूद हैं. जो समय के साथ बढ रहे हैं और इसी के साथ मध्यप्रदेश एक बार फिर लॉकडाउन की तरफ बढ़ गया है.

Last Updated : Mar 22, 2021, 9:07 PM IST
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