भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस की शुरुआत लगभग 6 महीने पहले हुई थी. जबलपुर में मार्च महीने में पहला केस दर्ज किया गया था, तब से लेकर अब तक प्रदेश के हर जिले में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. मार्च में कोरोना आउट ब्रेक के समय प्रदेश में संक्रमित मामलों की संख्या 66 थी. संक्रमण केवल भोपाल, ग्वालियर, इंदौर,जबलपुर, शिवपुरी और उज्जैन जिलों तक ही सीमित था. लेकिन धीरे-धीरे स्थिति भयावह होती गई.
इस तरह फैला कोरोना
- अप्रैल में संक्रमण 31 जिलों में फैला और संक्रमण के मामले 2625 तक पहुंच गए. जिसमें से 137 मरीजों की मौत हो गई.
- मई में कोरोना वायरस की चपेट में प्रदेश के सभी जिले आ गए. संक्रमितों की संख्या 8 हजार 89 पहुंच गई. जिसमें मौत आंकड़ा 350 हो गया.
- जून में मामलों में इजाफा देखने को मिला और कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 13 हजार 593 हो गई. जिसमें 572 मरीजों की मौत हुई.
- जुलाई में कुल पॉजिटिवों की संख्या 31 हजार 806 हो गई. जिसमें से 867 मौतें दर्ज की गईं.
- अगस्त महीने में प्रदेश में स्थिति और भयावह होती नजर आ रही है. प्रदेश में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा करीब 55 हजार पहुंच गया है. इनमें 1246 मरीज जान गवां चुके हैं.
कोरोना मृत्यु दर में कमी
ये आंकड़े डराने वाले जरूर हैं. लेकिन राहत की खबर ये है कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों की दर में कमी आई है. अप्रैल में कोरोना डेथ रेट 5.11 फीसदी थी. जो मई में 5.44, जून में 4.2, जुलाई में 3.1 और अगस्त में 2.3 फीसदी हो गई है.
टेस्टिंग की संख्या में बढ़ोतरी
इसकी मुख्य वजह कहीं ना कहीं कोरोना टेस्टिंग की संख्या रही है. प्रदेश में जिस गति से संक्रमण फैला, प्रशासन और सरकार ने व्यवस्थाओं को बढ़ाने की ओर काम भी किया है. प्रदेश में पहले केवल पांच टेस्टिंग लैब ही कोरोना वायरस टेस्टिंग के लिए अधिकृत थे. तो वहीं अब सरकारी के साथ-साथ निजी लैब्स में भी टेस्टिंग की जाने लगी है. अब करीब रोजाना 20 हजार से ज्यादा टेस्ट किए जा रहे हैं.
चिंता का विषय
शासन-प्रशासन ने कोरोना से लड़ने के लिए किल कोरोना से अभियान जैसे अभियान चलाए. कोरोना गाइडलाइन लागू कीं. लेकिन हाल फिलहाल में जिस तरह से सार्वजनिक राजनीतिक आयोजन किए जा रहे हैं. उससे कहीं ऐसा हो कि इन प्रयासों पर पानी फिर जाए.
ये भी जानें....
- एमपी में इंदौर है कोरोना का गढ़
पिछले एक हफ्ते में राज्य के सभी जिलों में आए मामलों की समीक्षा हुई. इस समीक्षा में सबसे ज्यादा हर दिन औसत कोरोना के मामले इंदौर में आए जो 212 हैं। दूसरे नंबर पर भोपाल है जहां 138 और ग्वालियर में 122 मामले सामने आए. जबलपुर में 109, मुरैना में 14, उज्जैन में 20, खरगोन में 25, नीमच में 24, बड़वानी में 10 और सागर में 16 मामले प्रतिदिन औसत के हिसाब से मिले। - रिकवरी रेट में अव्वल भोपाल
एमपी में भोपाल की रिकवरी रेट 81 प्रतिशत है जबकि इंदौर में 69 प्रतिशत, ग्वालियर में 75 प्रतिशत रिकवरी रेट है. मुरैना की रिकवरी रेट 94 प्रतिशत है. - मृत्यु दर 1.3 प्रतिशत आया
मध्य प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों का रेट लगातार घट रहा है. मृत्यु दर निरंतर कम हो रही है। इस पखवाड़े में प्रदेश की मृत्यु दर 1.3% रही. राज्य में ग्वालियर जिले की में सबसे कम मृत्यु दर 0.9 प्रतिशत है.