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भोपाल: सितंबर महीने में बेकाबू हो रहा है कोरोना, तेजी से बढ़ रहा मौत का आंकड़ा - भोपाल कोरोना अपडेट

राजधानी भोपाल में कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहा है. बीते सप्ताह में हर रोज 230 से ज्यादा मरीज सामने आ रहा है. वहीं शनिवार को सारे रिकार्ड तोड़ते हुए कोरोना के 301 मामले सामने आए हैं.

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राजधानी में जारी कोरोना का कहर
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Published : Sep 21, 2020, 4:10 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस बेकाबू होता नजर आ रहा है. अगस्त के मध्य तक संक्रमण के मामलों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन अनलॉक 4 के बाद खासतौर से अगस्त महीने के आखिर से संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. चिंता की बात ये है कि मौतों का आंकड़ा भी दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है.

बीते एक सप्ताह से हर रोज 230 से ज्यादा कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं. पहले प्रतिदिन 1 से 3 लोग कोरोना से अपनी जान गवां रहे थे, वहीं अब करीब पांच लोग कोरोना के चलते मौत की नींद सो रहे हैं. शनिवार को राजधानी भोपाल में अब तक के सबसे ज्यादा 301 मामले सामने आए हैं.

राजधानी में जारी कोरोना का कहर

बेड के लिए घंटों करना पड़ता है इंतजार

शहर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के कारण अब एक्टिव केसों की संख्या भी बढ़ रही है, जिसके चलते कोविड सेंटरों में व्यवस्थाओं की कमी होने लगी है. कोविड पॉजिटिव मरीजों को घंटों बेड के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. बेड की कमी को देखते हुए प्रशासन ने अब निजी अस्पतालों में भी 20 फीसदी बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं.

60 अस्पतालों में बेड आरक्षित

आयुष्मान भारत के तहत आने वाले करीब 60 अस्पतालों में भी बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें 12 से ज्यादा निजी अस्पतालों में इलाज शुरू हो गया है. इसके बाद भी शहर में बढ़ रहे संक्रमण के कारण व्यवस्थओं की कमी साफ तौर पर देखने को मिल रही है. हालांकि इस बारे में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि शहर में लगातार तैयारियां चल रही हैं, ताकि हर मरीज को पूरा इलाज मिल सकें. हमारी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग,सैंपलिंग और कंटेमेंट जोन की रणनीति काफी अच्छी चल रही है.

रोजाना दो हजार सैंपल की जांच

शहर के 21 लैब्स में करीब 2000 सैंपल टेस्टिंग हर रोज की जा रही है. अब शहर में एक्टिव मरीजों की संख्या 1704 है. टेस्टिंग और पॉजिटिव मामलों की तुलना की जाए, तो यह अंतर काफी नजर आता है, लेकिन मरीजों की मौत के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. गम्भीर मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध करवाना भी मुश्किल हो रहा है.

किस अस्पताल में कितने बेड आरक्षित

अस्पतालसंख्या
हमीदिया अस्पताल700
एम्स भोपाल600
पीपुल्स मेडिकल कॉलेज600
चिरायु मेडिकल कॉलेज600
बीएमएचआरसी350
एडवांस मेडिकल कॉलेज300
टीवी अस्पताल150
आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज100
अन्य निजी अस्पताल500
अन्य सरकारी अस्पताल1000

11 से 19 सितंबर तक कोरोना का कहर

दिनांकपॉजिटिव केसमौत
11 सितंबर2354
12 सितंबर2642
13 सितंबर2423
14 सितंबर2445
15 सितंबर2155
16 सितंबर2565
17 सितंबर2135
18 सितंबर2915
19 सितंबर301-

शहर के बड़े अस्पतालों में भी मरीजों की मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. बीते एक सप्ताह में शहर में कोरोना से 29 मौतें हुई हैं और संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए यह स्पष्ट है कि आने वाले समय मे कोरोना संक्रमण के मामले और बढ़ेंगे, साथ ही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ सकता है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस बेकाबू होता नजर आ रहा है. अगस्त के मध्य तक संक्रमण के मामलों में थोड़ी गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन अनलॉक 4 के बाद खासतौर से अगस्त महीने के आखिर से संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. चिंता की बात ये है कि मौतों का आंकड़ा भी दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है.

बीते एक सप्ताह से हर रोज 230 से ज्यादा कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं. पहले प्रतिदिन 1 से 3 लोग कोरोना से अपनी जान गवां रहे थे, वहीं अब करीब पांच लोग कोरोना के चलते मौत की नींद सो रहे हैं. शनिवार को राजधानी भोपाल में अब तक के सबसे ज्यादा 301 मामले सामने आए हैं.

राजधानी में जारी कोरोना का कहर

बेड के लिए घंटों करना पड़ता है इंतजार

शहर में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के कारण अब एक्टिव केसों की संख्या भी बढ़ रही है, जिसके चलते कोविड सेंटरों में व्यवस्थाओं की कमी होने लगी है. कोविड पॉजिटिव मरीजों को घंटों बेड के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. बेड की कमी को देखते हुए प्रशासन ने अब निजी अस्पतालों में भी 20 फीसदी बेड कोविड मरीजों के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं.

60 अस्पतालों में बेड आरक्षित

आयुष्मान भारत के तहत आने वाले करीब 60 अस्पतालों में भी बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें 12 से ज्यादा निजी अस्पतालों में इलाज शुरू हो गया है. इसके बाद भी शहर में बढ़ रहे संक्रमण के कारण व्यवस्थओं की कमी साफ तौर पर देखने को मिल रही है. हालांकि इस बारे में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि शहर में लगातार तैयारियां चल रही हैं, ताकि हर मरीज को पूरा इलाज मिल सकें. हमारी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग,सैंपलिंग और कंटेमेंट जोन की रणनीति काफी अच्छी चल रही है.

रोजाना दो हजार सैंपल की जांच

शहर के 21 लैब्स में करीब 2000 सैंपल टेस्टिंग हर रोज की जा रही है. अब शहर में एक्टिव मरीजों की संख्या 1704 है. टेस्टिंग और पॉजिटिव मामलों की तुलना की जाए, तो यह अंतर काफी नजर आता है, लेकिन मरीजों की मौत के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. गम्भीर मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध करवाना भी मुश्किल हो रहा है.

किस अस्पताल में कितने बेड आरक्षित

अस्पतालसंख्या
हमीदिया अस्पताल700
एम्स भोपाल600
पीपुल्स मेडिकल कॉलेज600
चिरायु मेडिकल कॉलेज600
बीएमएचआरसी350
एडवांस मेडिकल कॉलेज300
टीवी अस्पताल150
आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज100
अन्य निजी अस्पताल500
अन्य सरकारी अस्पताल1000

11 से 19 सितंबर तक कोरोना का कहर

दिनांकपॉजिटिव केसमौत
11 सितंबर2354
12 सितंबर2642
13 सितंबर2423
14 सितंबर2445
15 सितंबर2155
16 सितंबर2565
17 सितंबर2135
18 सितंबर2915
19 सितंबर301-

शहर के बड़े अस्पतालों में भी मरीजों की मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है. बीते एक सप्ताह में शहर में कोरोना से 29 मौतें हुई हैं और संक्रमण की बढ़ती दर को देखते हुए यह स्पष्ट है कि आने वाले समय मे कोरोना संक्रमण के मामले और बढ़ेंगे, साथ ही मौतों का आंकड़ा भी बढ़ सकता है.

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