भोपाल। मध्य प्रदेश में सिंधिया की मेहरबानी से बीजेपी ने सत्ता तो हासिल कर ली है, लेकिन कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए नेताओं के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं से समन्वय बनाना एक बड़ी चुनौती लग रही है. सांची से पूर्व विधानसभा उम्मीदवार मुदित शेजवार जो 2018 के चुनाव में कांग्रेस नेता प्रभुराम चौधरी से चुनाव में हारे थे, अब प्रभुराम चौधरी खुद बीजेपी के पाले में हैं, ऐसे में कहीं न कहीं दोनों नेताओं के बीच मनमुटाव भी देखा जा रहा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में मुदित शेजवार ने कहा कि यदि सभी कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बन जाता है तो चुनाव जीत सकते हैं.
दरअसल बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने भी यह बात कही थी कि कांग्रेस से आए नेता यदि बीजेपी के कार्यकर्ताओं से सामंजस्य बना लेते हैं, तो सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर मेहनत करेंगे. इसके लिए कांग्रेस से आए लोगों को बीजेपी नेताओं के साथ सामंजस बनाना जरूरी है. पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने ही 2018 में अपनी सीट छोड़कर अपने बेटे को विधानसभा में उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें प्रभुराम चौधरी ने ही हराया था, क्योंकि अब दोनों नेता एक ही पार्टी में है. ऐसे में कहीं न कहीं दोनों के बीच समन्वय होना भी पार्टी के लिए एक चुनौती है.
आपको बता दें कि कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए प्रभु राम चौधरी इस बार सांची से उम्मीदवार रहेंगे, ऐसे में गौरीशंकर शेजवार और उनके कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बनाना बड़ी चुनौती रहेगी और यदि पार्टी सामंजस्य नहीं बना पाती तो पार्टी को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है.