भोपाल। मध्यप्रदेश में नियमितीकरण की मांग को लेकर NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी के बंगले के बाहर धरना दे दिया. संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को जब पता चला कि मंत्री बंगले में नहीं हैं तो सभी बंगले के बाहर बैठ गए और जमकर नारेबाजी करने लगे. बता दें सोमवार को इन संविदा कर्मियों ने एनएचएम के मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया था. जहां अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार से गुहार लगाई थी. बावजूद उसके कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया. जिसके बाद उन्होंने मंगलवार को आंदोलन के तहत स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी के बंगले का घेराव किया और वहीं धरने पर बैठ गए.
18 अप्रैल से अनिश्चितकालीन क्रमिक हड़ताल पर संविदा कर्मी: प्रदेशभर में आए हजारों की संख्या में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अब सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. इनका कहना है कि 18 अप्रैल से अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं. 2013 से लगातार अपनी मुख्य मांगों को लेकर शासन प्रशासन से मांग कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी शासन का इनकी और ध्यान नहीं है. इनका कहना है कि 2018 में भी 42 दिन की हड़ताल की गई थी. उस दौरान मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया था की संविदा एक शोषण व अन्याय पूर्ण व्यवस्था है, इसे समाप्त किया जाएगा. फिर 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एक नीति पारित की गई थी. रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान दिया जाए, लेकिन NHM के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को उस नीति का लाभ आज दिनांक तक नहीं दिया गया है. वह सिर्फ घोषणा बनकर रह गई है.
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: अभी कुछ माह पहले 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई थी. उस दौरान भी स्वास्थ्य मंत्री ने 1 माह के भीतर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज दिनांक तक पूरा नहीं किया गया. हर बार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ सरकार द्वारा वादाखिलाफी की जा रही है. वहीं महिला कर्मचारियों का कहना है कि एक और मुख्यमंत्री लाडली बहनों की बात करते हैं, वहीं दूसरी और उनकी लाडली बहना नियमितीकरण की मांग को लेकर सड़कों पर बैठे हुए हैं. बता दें प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में आक्रोश है. इन्होंने चेतावनी दी है कि अब भी शासन प्रशासन द्वारा मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो आगामी दिवस में आमरण अनशन या भोपाल भरो ,आंदोलन किया जाएगा.
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प्रमुख मांगे
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए. अन्य कर्मचारियों को 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान तत्काल लागू किया जाए व सीएचओ कैडर को MLHP तहत नियमित किया जाए.
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउट सोर्स ठेका प्रथा न किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए अथवा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए एवं निष्कासित कर्मचारियों को सत प्रतिशत वापस लिया जाए
- 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए हैं उन्हें तत्काल वापस लिया जाए