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दिग्विजय सिंह की चिट्ठी से चढ़ा सियासी पारा, कमलनाथ के मंत्री का पर कतर सकती है PCC - Digvijay Singh

कमलनाथ सरकार के वन मंत्री उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, जिस पर संगठन भी खफा है और कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है.

दिग्विजय सिंह की चिट्ठी से चढ़ा सियासी पारा
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Published : Sep 3, 2019, 6:20 PM IST


भोपाल। पहले दिग्विजय सिंह का बयान और अब उनकी चिट्ठी प्रदेश कांग्रेस को चारो खाने चित करती नजर आ रही है. जिससे प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है और कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने तो दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल ही रखा है. ऊपर से दिग्विजय सिंह की चिट्ठी पर पार्टी उनके साथ खड़ी नजर आ रही है.

दिग्विजय सिंह की चिट्ठी से चढ़ा सियासी पारा
सूत्रों की माने तो इस मुद्दे पर लगातार हो रही बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप को लेकर पीसीसी कोई सख्त कदम भी उठा सकती है. जिस तरह उमंग सिंघार दिग्विजय सिंह पर आरोप लगा रहे हैं और तरह-तरह के बयान दे रहे हैं, उसको लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन काफी नाराज नजर है. इस पर प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि दिग्विजय सिंह की चिट्ठी में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिस पर इतना एतराज जताया जाये, बल्कि उन्होंने अपनी चिट्ठी के जरिए एक सिस्टम और प्रक्रिया बताई है, जो सबको अपनाना चाहिए.

संगठन इस मामले में सख्ती बरतने पर भी विचार कर रहा है, कांग्रेस सूत्रों की माने तो उमंग सिंघार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चेतावनी दी है. इसके बाद कांग्रेस अपने पदाधिकारियों और सरकार के मंत्रियों को एडवाइजरी भी जारी कर सकती है.

चिट्ठी को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि दिग्विजय सिंह प्रदेश के नेता हैं और पार्टी के उस पद पर विराजमान हैं, जिसका सम्मान सबको करना है. एक सिस्टम और पॉलिसी होती है, एक नियम होता है, यदि आपको किसी प्रशासन में बैठे व्यक्ति से मिलना है तो उससे समय लेना पड़ता है, दिग्विजय सिंह ने उस सिस्टम को फॉलो किया था. जिसमे कोई खामी नहीं है. हम भी आगे चलकर इस सिस्टम को फॉलो करेंगे और मंत्रियों से समय मांग कर ही उनसे मुलाकात करेंगे.


भोपाल। पहले दिग्विजय सिंह का बयान और अब उनकी चिट्ठी प्रदेश कांग्रेस को चारो खाने चित करती नजर आ रही है. जिससे प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है और कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने तो दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल ही रखा है. ऊपर से दिग्विजय सिंह की चिट्ठी पर पार्टी उनके साथ खड़ी नजर आ रही है.

दिग्विजय सिंह की चिट्ठी से चढ़ा सियासी पारा
सूत्रों की माने तो इस मुद्दे पर लगातार हो रही बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप को लेकर पीसीसी कोई सख्त कदम भी उठा सकती है. जिस तरह उमंग सिंघार दिग्विजय सिंह पर आरोप लगा रहे हैं और तरह-तरह के बयान दे रहे हैं, उसको लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन काफी नाराज नजर है. इस पर प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि दिग्विजय सिंह की चिट्ठी में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिस पर इतना एतराज जताया जाये, बल्कि उन्होंने अपनी चिट्ठी के जरिए एक सिस्टम और प्रक्रिया बताई है, जो सबको अपनाना चाहिए.

संगठन इस मामले में सख्ती बरतने पर भी विचार कर रहा है, कांग्रेस सूत्रों की माने तो उमंग सिंघार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चेतावनी दी है. इसके बाद कांग्रेस अपने पदाधिकारियों और सरकार के मंत्रियों को एडवाइजरी भी जारी कर सकती है.

चिट्ठी को लेकर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि दिग्विजय सिंह प्रदेश के नेता हैं और पार्टी के उस पद पर विराजमान हैं, जिसका सम्मान सबको करना है. एक सिस्टम और पॉलिसी होती है, एक नियम होता है, यदि आपको किसी प्रशासन में बैठे व्यक्ति से मिलना है तो उससे समय लेना पड़ता है, दिग्विजय सिंह ने उस सिस्टम को फॉलो किया था. जिसमे कोई खामी नहीं है. हम भी आगे चलकर इस सिस्टम को फॉलो करेंगे और मंत्रियों से समय मांग कर ही उनसे मुलाकात करेंगे.

Intro:भोपाल। दिग्विजय सिंह की चिट्ठी को लेकर मप्र की सियासत में उबाल आ गया है और कमलनाथ सरकार के मंत्री उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लेकिन उस चिट्ठी को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस दिग्विजय सिंह के साथ खड़ी नजर आ रही है। चर्चा तो यहां तक है कि इस मामले में लगातार हो रही बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप को लेकर पीसीसी कोई सख्त कदम भी उठा सकती है। जिस तरह से उमंग सिंगार दिग्विजय सिंह पर आरोप लगा रहे हैं और तरह-तरह के बयान दे रहे हैं। उसको लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस संगठन काफी नाराज नजर आ रहा है। मौजूदा परिस्थितियों में ऐसा लग रहा है कि मंत्री उमंग सिंघार की बयानबाजी से कांग्रेस और कमलनाथ सरकार नाराज हैं। मध्य प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि दिग्विजय सिंह की चिट्ठी में ऐसा कुछ भी नहीं है,जिस पर इतना एतराज हो। बल्कि उन्होंने अपनी चिट्ठी के जरिए एक सिस्टम और प्रक्रिया बताई है। जो सबको अपनाना चाहिए।


Body:दरअसल,कमलनाथ सरकार के वन मंत्री उमंग सिंघार जिस तरह से दिग्विजय सिंह की चिट्ठी के बाद उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और तरह तरह के बयान बाजी कर रहे हैं। उसको लेकर सरकार और संगठन में काफी नाराजगी है। मध्यप्रदेश कांग्रेस दिग्विजय सिंह की चिट्ठी को लेकर कोई एतराज नहीं कर रहा है। संगठन का मानना है कि वह चिट्ठी में उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं लिखा है, जिसको लेकर इतना हंगामा किया जाए। दूसरी तरफ संगठन इस मामले में सख्ती बरतने पर भी विचार कर रहा है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो उमंग सिंघार को मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तलब किया है। इसके बाद कांग्रेस अपने पदाधिकारियों और सरकार के मंत्रियों को एडवाइजरी भी जारी कर सकती है।लेकिन इस पूरे प्रकरण में उमंग सिंघार अलग-थलग पड़े नजर आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह पर लगाए आरोपों को लेकर जहां उन पर भी आरोपों की झड़ी लग रही है। तो दूसरी तरफ जिस तरह से वह बयान बाजी कर रहे हैं।उसको लेकर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ जमकर नाराज हैं। जहां तक जिस चिट्ठी को लेकर उमंग सिंघार हंगामा कर रहे हैं।उस चिट्ठी को लेकर प्रदेश कांग्रेस संगठन दिग्विजय सिंह के साथ खड़ा नजर आ रहा है।


Conclusion:जिस चिट्ठी पर बवाल हो रहा है। उस चिट्ठी को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि दिग्विजय सिंह प्रदेश के नेता हैं, वर्तमान में सरकार में जो मंत्री हैं, हम कहेंगे कि सरकार के उस पद पर विराजमान हैं, जिसका मान सम्मान सबको करना है। एक सिस्टम और पॉलिसी होती है, एक नियम होता है। यदि आपको किसी प्रशासन में बैठे व्यक्ति से मिलना है, तो उससे समय लेना होता है। दिग्विजय सिंह ने उस सिस्टम को फॉलो किया था, मंत्रियों से मिलने का समय मांगा था, उनसे बोला था कि आप हमें समय दीजिए। तो एक सिस्टम को फॉलो करना एक कानूनी प्रक्रिया को फॉलो करना, बहुत अच्छी बात है।मेरे नेता ने पूरे देश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को और सब को यह शिक्षा दी है कि इस सिस्टम को फॉलो करना चाहिए। यह एक तरह से कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया है। देखा जाए तो इस चिट्ठी के माध्यम से हमें सिस्टम को फॉलो करने का मार्गदर्शन मिला है। हम भी आगे चलकर इस सिस्टम को फॉलो करेंगे और मंत्रियों से समय मांग कर उनसे मुलाकात करेंगे। यह कानूनी दायरा है,जो पद की नैतिकता है, उसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए।
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