भोपाल। एक तरफ दिल्ली में किसान बिल के खिलाफ आंदोलन चल रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में कांग्रेस किसान आंदोलन का मन बना रही है. आंदोलन का स्वरूप कैसा हो, आंदोलन चरणबद्ध किया जाए, इसके लिए विचार-विमर्श चल रहा है. खासकर किसानों की बकाया कर्ज माफी कराने, किसानों की लंबित सम्मान निधि, फसल बर्बादी मुआवजा जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ आंदोलन का मन बना रही है.
अब तक नहीं मिला अतिवृष्टि का मुआवजा
मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई. वहीं सोयाबीन की फसल आफलन की स्थिति में पहुंच गई थी. कोरोना काल में रबी की फसल समय पर कट नहीं पाने के कारण और बेचने में आई परेशानियों की वजह से किसान पहले से परेशान हैं. खरीफ की फसल नष्ट होने का किसानों को अब तक मुआवजा हासिल नहीं हुआ. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बात को लेकर शिवराज सरकार की नीयत पर सवाल भी उठा चुके हैं.
बकाया कर्ज माफी को लेकर शिवराज सरकार पर दबाव बनाएगी कांग्रेस
कमलनाथ सरकार ने दो चरणों में मध्यप्रदेश के करीब 27 लाख किसानों का ग्यारह हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था. तीसरा चरण जून 2020 में शुरू होना था. लेकिन मार्च में ही कमलनाथ सरकार गिर गई. मध्यप्रदेश विधानसभा के सितंबर में हुए एक दिवसीय सत्र में एक लिखित जवाब में शिवराज सरकार ने स्वीकार किया कि, 2 चरणों में करीब 27 लाख किसानों का 11 हजार करोड़ का कर्जा माफ हुआ है. अब किसानों की बकाया कर्ज माफी के लिए कांग्रेस, शिवराज सरकार पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन की तैयारी कर रही है.