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एमपी में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

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Published : Jun 24, 2020, 8:52 AM IST

लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है. कांग्रेस शिवराज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को वापस लेने की मांग करेगी.

Congress will protest against bjp
बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस करेगी विरोध

भोपाल। मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें अब सियासी मुद्दा बन गया है. पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस 24 जून यानी आज शिवराज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी. प्रदर्शन जिला, शहर और विकासखंड मुख्यालयों पर होंगे. पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ग्वालियर में प्रदर्शन करेंगे. शहर में कांग्रेस फूल बाग से होते हुए मोती महल संभागीय आयुक्त कार्यालय तक रैली निकालेगी.

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि सबसे महंगा पेट्रोल मध्य प्रदेश में हो गया है. 17 वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्घि हुई है, जो पेट्रोल एक जून को 77.56 रुपये और डीजल 68.27 प्रति/लीटर मिल रहा था. पिछले 17 दिनों के भीतर पेट्रोल साढ़े 8 रुपये और डीजल 10 रुपये प्रति/लीटर महंगा हो गया है. जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 40 डालर प्रति बैरल के करीब है. उसके हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आनी चाहिए, लेकिन लगातार कीमतों में वृद्घि हो रही है.

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जनता की जेब पर डांका डाला जा रहा है. इस बढ़ोतरी के विरोध में 24 जून को सुबह 11 बजे पूरे प्रदेश के जिला, शहर और ब्लॉक मुख्यालयों पर कांग्रेस प्रदर्शन कर केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार से पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को वापस लेने की मांग करेगी.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, "प्रदेश की जनता कोरोना महामारी का दंश झेल रही है. पिछले तीन माह से प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ी हैं. इससे लोगों के व्यापार-व्यवसाय, काम-धंधे पूरी तरह बंद हैं. प्रदेश की जनता, छोटे दुकानदार सभी अपना रोजगार और व्यापार गंवा कर तीन महीनों से घरों में बैठे हैं. इसके चलते वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. केंद्र और प्रदेश सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार के बेतुके फैसलों से उन्हें और अधिक संकट झेलने पर विवश होना पड़ रहा है. केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर निरंतर मुनाफा कमाने में लगी हुई हैं. इससे जनता पर महंगाई की मार पड़ रही है."

ग्वालियर-चंबल सहित प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. लिहाजा कांग्रेस उपचुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए आंदोलन का सहारा ले रही है. कांग्रेस पेट्रोल और डीजल के बाद, बिजली के बिल, किसानों के मुद्दे और युवाओं को रोजगार देने के मामले पर सरकार के खिलाफ विरोध आंदोलन करेगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें अब सियासी मुद्दा बन गया है. पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस 24 जून यानी आज शिवराज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी. प्रदर्शन जिला, शहर और विकासखंड मुख्यालयों पर होंगे. पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ग्वालियर में प्रदर्शन करेंगे. शहर में कांग्रेस फूल बाग से होते हुए मोती महल संभागीय आयुक्त कार्यालय तक रैली निकालेगी.

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि सबसे महंगा पेट्रोल मध्य प्रदेश में हो गया है. 17 वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्घि हुई है, जो पेट्रोल एक जून को 77.56 रुपये और डीजल 68.27 प्रति/लीटर मिल रहा था. पिछले 17 दिनों के भीतर पेट्रोल साढ़े 8 रुपये और डीजल 10 रुपये प्रति/लीटर महंगा हो गया है. जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 40 डालर प्रति बैरल के करीब है. उसके हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आनी चाहिए, लेकिन लगातार कीमतों में वृद्घि हो रही है.

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जनता की जेब पर डांका डाला जा रहा है. इस बढ़ोतरी के विरोध में 24 जून को सुबह 11 बजे पूरे प्रदेश के जिला, शहर और ब्लॉक मुख्यालयों पर कांग्रेस प्रदर्शन कर केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकार से पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को वापस लेने की मांग करेगी.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, "प्रदेश की जनता कोरोना महामारी का दंश झेल रही है. पिछले तीन माह से प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप पड़ी हैं. इससे लोगों के व्यापार-व्यवसाय, काम-धंधे पूरी तरह बंद हैं. प्रदेश की जनता, छोटे दुकानदार सभी अपना रोजगार और व्यापार गंवा कर तीन महीनों से घरों में बैठे हैं. इसके चलते वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. केंद्र और प्रदेश सरकार से आर्थिक मदद की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार के बेतुके फैसलों से उन्हें और अधिक संकट झेलने पर विवश होना पड़ रहा है. केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर निरंतर मुनाफा कमाने में लगी हुई हैं. इससे जनता पर महंगाई की मार पड़ रही है."

ग्वालियर-चंबल सहित प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. लिहाजा कांग्रेस उपचुनाव से पहले कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए आंदोलन का सहारा ले रही है. कांग्रेस पेट्रोल और डीजल के बाद, बिजली के बिल, किसानों के मुद्दे और युवाओं को रोजगार देने के मामले पर सरकार के खिलाफ विरोध आंदोलन करेगी.

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