भोपाल । हाल ही में एआईसीसी ने कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार और संगठन में समन्वय के लिए समितियों का गठन किया है. अब एमपीसीसी इसी तर्ज पर जिला स्तर पर भी समन्वय समितियों का गठन करने जा रही है. दिल्ली में हुई प्रदेश स्तर की समन्वय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया की बैठक में एक प्रारूप भी तैयार किया गया है, जो सभी जिला कांग्रेस कमेटियों को भेज दिया गया है. माना जा रहा है कि, आगामी एक महीने में सभी जिलों की समन्वय समितियों का गठन हो जाएगा.
मध्य प्रदेश कांग्रेस की इस कवायद को आगामी नगरीय निकाय चुनाव और जिला स्तर पर उपज रहे असंतोष से निपटने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. प्रदेश स्तर पर बनाई गई समिति में मुख्यमंत्री कमलनाथ, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी जैसे नेताओं को शामिल किया गया है. इस समन्वय समिति की एक बैठक दिल्ली में हो चुकी है. इस बैठक में प्रस्ताव आया था कि, जिला स्तर पर भी इस तरह की समन्वय समिति बननी चाहिए, जो सरकार और संगठन के बीच समन्वय में अहम भूमिका निभाएगी. साथ ही जो छोटे-छोटे कामकाज के लिए कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को भोपाल तक आना पड़ता है, उन्हें बार-बार नहीं आना पड़ेगा. हालांकि इस कवायद के पीछे दूसरे कारण ये भी माना जा रहा है कि, आगामी नगरीय निकाय के चुनाव की तैयारियों के लिए यह समन्वय समिति काम करेगी और जिला स्तर पर उपजने वाले असंतोष से निपटने में अहम भूमिका भी निभाएगी.
इस बारे में मध्य प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि, 'जिला समन्वय समितियों का प्रारूप हमने जिला कांग्रेस कमेटियों को भेजा था. कई जिलों में समितियों का गठन कर लिया गया है, तो कई जगह अभी प्रक्रिया चल रही है. आगामी 10 दिन में समन्वय समितियां बन जाएंगी. इन समन्वय समितियों में जो जिला स्तर पर हमारे वरिष्ठ कांग्रेसी सदस्य हैं या जो अन्य पदों पर हैं, उन्हें समिति में स्थान दिया जाएगा. इसे बनाने के पीछे मूल भावना है कि, जो जनहित से जुड़ी जिला स्तर की समस्याएं आती हैं, उन्हें समन्वय समिति के माध्यम से वहीं सुलझाया जाए और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बार-बार भोपाल ना आना पड़े'.