भोपाल। कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सरकार ने काम कम किये और महिमामंडन ज्यादा किया है. बीजेपी सरकार में चलाई गई योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है.
एनसीआरबी-2017 की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने शिवराज पर साधा निशाना - narendra saluja
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने 2017 की रिपोर्ट हाल ही में जारी की है. जिसे लेकर कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सरकार ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए एनसीआरबी को आंकड़े भेजने में देरी की थी.
नरेन्द्र सलूजा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर साधा निशाना
भोपाल। कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सरकार ने काम कम किये और महिमामंडन ज्यादा किया है. बीजेपी सरकार में चलाई गई योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है.
Intro:भोपाल। हाल ही में जारी हुई एनसीआरबी की रिपोर्ट पर सियासत लगातार जारी है यह 2017 की रिपोर्ट जारी हुई है उस समय मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह का राज था और कांग्रेस का आरोप है कि एनसीआरबी की रिपोर्ट जारी होने में देरी इसलिए की गई। क्योंकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुये शिवराज सरकार ने प्रदेश में जटिल अपराधो के आंकड़ो की रिपोर्ट देरी से
एनसीआरबी को भेजी। मप्र कांग्रेस का कहना है कि रिपोर्ट में देरी भले हो।लेकिन शिवराज सरकार के पाप छुप नहीं सकते हैं।खुद को बेटियो के मामा कहलवाने वाले शिवराज के शासन की वास्तविकता का एनसीआरबी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा हुआ है।Body:मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि हाल ही में जारी हुई नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट इस बात का खुलासा करती है कि शिवराज सिंह की सरकार ने काम कम किये और उसका महिमामंडन ज्यादा किया। उनके द्वारा चलाई गई योजनाएं “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” और “लाडली लक्ष्मी योजना” सिर्फ कागजों व भ्रष्टाचार तक ही सीमित रही। हाल ही में एनसीआरबी की जो रिपोर्ट जारी हुई है। वो 2017 की है और उस समय प्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार थी। इसने शिवराज सरकार के सुशासन की पोल खोलकर रख दी है। शिवराज सिंह ने जानबूझ कर एनसीआरबी को अपराधो के आंकड़े विधानसभा चुनाव को देखते हुये देरी से भेजे, जिससे 2017 की रिपोर्ट देरी से जारी हुई। नियमानुसार रिपोर्ट हर पिछले वर्ष की जारी की जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने चुनाव में फायदा लेने के लिए आंकड़े नहीं भेज रिपोर्ट में देरी कराई और प्रदेश की जनता को दिगभ्रमित किया। वो जनता से इस वास्तविक सच्चाई को छुपाना चाहते थे, लेकिन शिवराज सरकार के पाप छुप नहीं सकते। उन्हें ये स्वीकार करना चाहिए कि उनकी सरकार चलाने की अक्षमता ने प्रदेश में बेटियों को असुरक्षित किया है। उनके राज में बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित रही। सिर्फ उनकी सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किये जाते थे।
Conclusion:नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि मध्यप्रदेश में 2016 में महिला अपराध के 26,604 मामले सामने आये थे,लेकिन यही आंकड़ा 2017 में बढ़कर 29,788 पहुंच गया। यही नहीं प्रदेश में एक साल में नाबालिग मासूमों से ज्यादती के 3082 मामले प्रकाश में आये, इन आंकड़ो से साफ जाहिर होता है कि शिवराज सिंह ने प्रदेश की बेटियों के लिए जो योजनाएं चलाई वो सब कागजी व दिखावटी थी। उनसे उनका कोई भला नहीं हुआ और न ही महिला अपराधों में कमी आई। यह रिपोर्ट यही खुलासा करती है कि उस दौरान उन्होंने जो कहा, जो किया वो सब झूठ था। यह बेहद ही शर्मनाक है कि आज भी महिला अपराधों में मध्यप्रदेश नंबर वन बना हुआ है। प्रदेश के माथे पर लगे इस कलंक व दाग को कमलनाथ सरकार धोने का निरंतर प्रयास कर रही है और धोकर रहेगी।
एनसीआरबी को भेजी। मप्र कांग्रेस का कहना है कि रिपोर्ट में देरी भले हो।लेकिन शिवराज सरकार के पाप छुप नहीं सकते हैं।खुद को बेटियो के मामा कहलवाने वाले शिवराज के शासन की वास्तविकता का एनसीआरबी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा हुआ है।Body:मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि हाल ही में जारी हुई नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट इस बात का खुलासा करती है कि शिवराज सिंह की सरकार ने काम कम किये और उसका महिमामंडन ज्यादा किया। उनके द्वारा चलाई गई योजनाएं “बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ” और “लाडली लक्ष्मी योजना” सिर्फ कागजों व भ्रष्टाचार तक ही सीमित रही। हाल ही में एनसीआरबी की जो रिपोर्ट जारी हुई है। वो 2017 की है और उस समय प्रदेश में शिवराज सिंह की सरकार थी। इसने शिवराज सरकार के सुशासन की पोल खोलकर रख दी है। शिवराज सिंह ने जानबूझ कर एनसीआरबी को अपराधो के आंकड़े विधानसभा चुनाव को देखते हुये देरी से भेजे, जिससे 2017 की रिपोर्ट देरी से जारी हुई। नियमानुसार रिपोर्ट हर पिछले वर्ष की जारी की जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने चुनाव में फायदा लेने के लिए आंकड़े नहीं भेज रिपोर्ट में देरी कराई और प्रदेश की जनता को दिगभ्रमित किया। वो जनता से इस वास्तविक सच्चाई को छुपाना चाहते थे, लेकिन शिवराज सरकार के पाप छुप नहीं सकते। उन्हें ये स्वीकार करना चाहिए कि उनकी सरकार चलाने की अक्षमता ने प्रदेश में बेटियों को असुरक्षित किया है। उनके राज में बेटियां सबसे ज्यादा असुरक्षित रही। सिर्फ उनकी सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे किये जाते थे।
Conclusion:नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि मध्यप्रदेश में 2016 में महिला अपराध के 26,604 मामले सामने आये थे,लेकिन यही आंकड़ा 2017 में बढ़कर 29,788 पहुंच गया। यही नहीं प्रदेश में एक साल में नाबालिग मासूमों से ज्यादती के 3082 मामले प्रकाश में आये, इन आंकड़ो से साफ जाहिर होता है कि शिवराज सिंह ने प्रदेश की बेटियों के लिए जो योजनाएं चलाई वो सब कागजी व दिखावटी थी। उनसे उनका कोई भला नहीं हुआ और न ही महिला अपराधों में कमी आई। यह रिपोर्ट यही खुलासा करती है कि उस दौरान उन्होंने जो कहा, जो किया वो सब झूठ था। यह बेहद ही शर्मनाक है कि आज भी महिला अपराधों में मध्यप्रदेश नंबर वन बना हुआ है। प्रदेश के माथे पर लगे इस कलंक व दाग को कमलनाथ सरकार धोने का निरंतर प्रयास कर रही है और धोकर रहेगी।