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फसल बीमा राशि देने की तारीख बढ़ी आगे, कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना - फसल बीमा राशि

किसानों के खाते में फसल बीमा राशि डाले जाने की तारीख 6 सितंबर से बढ़ाकर 18 सितंबर किए जाने के बाद कांग्रेस अब बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी के जब झूठे आश्वासन की पूर्ति नहीं होती है, तो किसान आत्महत्या की तरफ जाता है. वहीं बीजेपी मामले में सफाई देती नजर आ रही है.

Congress-BJP face to face with crop insurance amount
फसल बीमा राशि को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने
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Published : Sep 8, 2020, 7:03 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के किसानों को 6 सितंबर को फसल बीमा की राशि उनके खाते में पहुंचाने का ऐलान किया था. लेकिन सरकार ने यह फैसला बदल दिया और अब कहा जा रहा है कि यह राशि 18 सितंबर को खाते में डाली जाएगी. इस मामले को लेकर अब कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है कि आखिर शिवराज सिंह किसानों को पैसा क्यों नहीं दे रहे हैं.

फसल बीमा राशि को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

इस मामले में कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि शिवराज सिंह से झूठा व्यक्ति मध्यप्रदेश में कोई नहीं है. इनके जब झूठे आश्वासन की पूर्ति नहीं होती है, तो किसान आत्महत्या की तरफ जाता है. किसान सोचता है और आशा भरी दृष्टि से देखता है कि हमें पैसा मिलेगा. किसानों को फसल बीमा मिला नहीं और फसल नष्ट हो गई, किसानों पर दोहरी मार है.

उन्होंने कहा कि यह जो फसल बीमा की राशि है, यह 2019 के बीमा की राशि है. कमलनाथ सरकार ने 525 करोड़ों रुपए की राशि का प्रीमियम भरा था. क्रेडिट शिवराज सिंह चौहान लेना चाहते हैं, किसान सब समझ रहा है. लेकिन सवाल यह है कि यह पैसा क्यों नहीं बंट रहा है. जब आपने सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हुए वाहवाही लूट ली कि किसानों के खाते में साढ़े 4 हजारों करोड़ रुपए सितंबर को आ जाएगा, तो पैसा क्यों नहीं मिल रहा है. दरअसल बात यह है कि खजाना खाली है. यह वह लोग हैं, जो बीमा की राशि का भी उपयोग दूसरी जगह कर सकते हैं.

इस मामले में भाजपा प्रवक्ता राहुल कोठारी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी भाजपा की सरकार का और जनता और किसानों का रिश्ता कभी समझ नहीं पाएगी. हम लोगों ने जिस तरह संवेदनशीलता से काम किया हैं. चाहे वह कोरोना हो या फिर किसानों की समस्या का मामला हो.

प्रदेश के किसान भली-भांति जानते हैं कि जिस तरीके से फसल बीमा और कर्ज माफी के मामले में कांग्रेस पार्टी ने लोगों को छला था, किसानों को परेशान किया है , उन सब परिस्थितियों से उबार कर हम उन्हें ले आए हैं. निश्चित रूप से मध्यप्रदेश में जो बाढ़ की स्थिति बनी है, उनको देखते हुए कुछ फैसले किए जा रहे हैं. लेकिन भाजपा की सरकार में किसान इस बात से आश्वस्त हैं कि जो भी अधिकार उनके होंगे और जो उसका पैसा उनके हक होगा, उन्हें जरूर मिलेगा.

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के किसानों को 6 सितंबर को फसल बीमा की राशि उनके खाते में पहुंचाने का ऐलान किया था. लेकिन सरकार ने यह फैसला बदल दिया और अब कहा जा रहा है कि यह राशि 18 सितंबर को खाते में डाली जाएगी. इस मामले को लेकर अब कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है कि आखिर शिवराज सिंह किसानों को पैसा क्यों नहीं दे रहे हैं.

फसल बीमा राशि को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

इस मामले में कमलनाथ सरकार के पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि शिवराज सिंह से झूठा व्यक्ति मध्यप्रदेश में कोई नहीं है. इनके जब झूठे आश्वासन की पूर्ति नहीं होती है, तो किसान आत्महत्या की तरफ जाता है. किसान सोचता है और आशा भरी दृष्टि से देखता है कि हमें पैसा मिलेगा. किसानों को फसल बीमा मिला नहीं और फसल नष्ट हो गई, किसानों पर दोहरी मार है.

उन्होंने कहा कि यह जो फसल बीमा की राशि है, यह 2019 के बीमा की राशि है. कमलनाथ सरकार ने 525 करोड़ों रुपए की राशि का प्रीमियम भरा था. क्रेडिट शिवराज सिंह चौहान लेना चाहते हैं, किसान सब समझ रहा है. लेकिन सवाल यह है कि यह पैसा क्यों नहीं बंट रहा है. जब आपने सार्वजनिक रूप से घोषणा करते हुए वाहवाही लूट ली कि किसानों के खाते में साढ़े 4 हजारों करोड़ रुपए सितंबर को आ जाएगा, तो पैसा क्यों नहीं मिल रहा है. दरअसल बात यह है कि खजाना खाली है. यह वह लोग हैं, जो बीमा की राशि का भी उपयोग दूसरी जगह कर सकते हैं.

इस मामले में भाजपा प्रवक्ता राहुल कोठारी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी भाजपा की सरकार का और जनता और किसानों का रिश्ता कभी समझ नहीं पाएगी. हम लोगों ने जिस तरह संवेदनशीलता से काम किया हैं. चाहे वह कोरोना हो या फिर किसानों की समस्या का मामला हो.

प्रदेश के किसान भली-भांति जानते हैं कि जिस तरीके से फसल बीमा और कर्ज माफी के मामले में कांग्रेस पार्टी ने लोगों को छला था, किसानों को परेशान किया है , उन सब परिस्थितियों से उबार कर हम उन्हें ले आए हैं. निश्चित रूप से मध्यप्रदेश में जो बाढ़ की स्थिति बनी है, उनको देखते हुए कुछ फैसले किए जा रहे हैं. लेकिन भाजपा की सरकार में किसान इस बात से आश्वस्त हैं कि जो भी अधिकार उनके होंगे और जो उसका पैसा उनके हक होगा, उन्हें जरूर मिलेगा.

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