भोपाल। प्रदेश सरकार के मध्य प्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ध्वनि प्रसारण यंत्रों पर सख्ती से पाबंदी लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हिंदू उत्सव समिति आष्टा के एक आवेदन को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कमलनाथ सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है. शिवराज सिंह के आरोपों पर जवाब देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि न्यायालय के आदेश के परिपालन में सरकार को समय-समय पर आदेश जारी करना होता है. बीजेपी उस पर भी निकृष्ट राजनीति कर रही है. जाति धर्म की राजनीति को कहीं सहानुभूति नहीं मिलेगी, वह गर्त में जा रहे हैं.
शिवराज सिंह ने बताया इसे शर्मनाक तुष्टीकरण
जारी हुए इस आवेदन में आष्टा के प्राचीन शंकर मंदिर से लाउडस्पीकर नहीं हटाने पर जप्त करने की चेतावनी दी गई है. जिसे शिवराज सिंह चौहान ने शर्मनाक तुष्टीकरण बताते हुए कहा कि दूसरे धार्मिक स्थलों पर क्या ये लागू करवा पाएंगे. प्रदेश की मुखिया के लिए सभी धर्म समान होना चाहिए.
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क्यों बनाया जा रहा है भ्रम का वातावरण
इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि जिस तरह से देश में संघ पंजीकृत नहीं है, वे सवाल उठा रहे हैं कि मंदिर में लाउडस्पीकर क्यों हटाया. मुझे समझ नहीं आता है कि जब प्रशासन ने कोई कार्रवाई की ही नहीं है, तो भ्रम का वातावरण क्यों बनाया जा रहा है. क्यों प्रदेश और देश के वातावरण को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है. न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सीमित ध्वनि तक साउंड सिस्टम का उपयोग हो सकता है, इसके अलावा नहीं किया जा सकता हैं.
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न्यायालय के नियम पर भी की जा रही है राजनीति
साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि ये न्यायालय का निर्णय है और उसको पूरा देश मान रहा है. आज से नहीं 1985 से जब से नियम बना है,तब से मान रहा है. तो सरकार को उसको समय-समय पर अधीनस्थ अधिकारियों को आदेश-निर्देश भेजना पड़ता है. ये न्यायालय का नियम है और उस पर भी राजनीति की जा रही हैं. देश और प्रदेश के अंदर हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और दुनिया के जाति-धर्म के नाम पर राजनीति करने का प्रयास भाजपा कर रही है. यह निकृष्टता है, देश में इन बातों को कभी सम्मान नहीं मिलेगा. ना उनको सहानुभूति मिलेगी, वे गर्त में जा रहे हैं.