भोपाल। सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसान कानूनों पर रोक लगाए जाने और कमेटी के गठन के बाद कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेने लगी है. कांग्रेस का आरोप है कि कमेटी में जिन लोगों को शामिल किया गया है, वे पहले से ही किसान आंदोलन के विरोध और कानूनों के पक्ष में हैं. ऐसे में किसानों के साथ न्याय नहीं होगा.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से किसानों को ठगने की कोशिश कर रही है. क्योंकि सरकार ने जो किसानों को कमेटी में नाम दिए हैं, वह सब ऐसे लोगों के हैं, जो कृषि कानून को लेकर अपना समर्थन व्यक्त कर चुके हैं.
किसानों को ठगने की कोशिश में सरकार
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह कृषि कानून के अमल पर रोक लगाई है, उससे स्पष्ट हो गया है कि यह कानून किसान विरोधी थे और केवल उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए बनाए गए हैं. अब सरकार द्वारा यहां भी किसानों को धोखा देने की कोशिश की जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट को जो कमेटी के लिए नाम दिए गए हैं, वह तमाम सदस्य पहले ही इस कानून के समर्थन में समय-समय पर अपनी राय देते रहे हैं, लिख चुके हैं और बोल चुके हैं. सरकार सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से भी किसानों को ठगने की कोशिश कर रही है. लेकिन सरकार विश्वास खो चुकी है. कृषि कानून के रद्द होने तक आंदोलन खत्म होने वाले नहीं होंगे.
किसानों को आगाह कर रही है कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया के जरिए किसानों को केंद्र सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी के बारे में आगाह कर रही है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने टि्वटर हैंडल पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सभी सदस्य पहले ही कृषि बिल का समर्थन कर चुके हैं. कांग्रेस ने बाकायदा चारों सदस्यों के नाम देते हुए समर्थन से संबंधित उन अखबारों की क्लिक भी सोशल मीडिया पर शेयर की है.
कौन-कौन है समिति के चार सदस्य
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने टि्वटर हैंडल पर समिति के 4 सदस्य अशोक गुलाटी, अनिल घणावत, डॉ पीके जोशी और भूपेंद्र सिंह मान से संबंधित सभी समाचार पत्रों की लिंक को भी शेयर किया है. जिसमें इन चारों सदस्यों ने कृषि बिलों का समर्थन किया था.