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फूंक-फूंक कर कदम रख रही कांग्रेस, प्रदेश से लेकर दिल्ली तक रहेगी नजर

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Published : Nov 10, 2020, 1:55 AM IST

Updated : Nov 10, 2020, 4:19 AM IST

28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को हुए मतदान का परिणाम 10 नवंबर को आएगा. इसको लेकर कांग्रेस खास एहतियात बरत रही है. पूरे मतगणना और सियासी समीकरणों पर कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय से लेकर दिल्ली तक नजर रखी जाएगी.

Digvijay- Kamal Nath
दिग्विजय- कमलनाथ

भोपाल। मध्य प्रदेश की सत्ता का भविष्य तय करने वाले 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे आने से पहले कांग्रेस चौकन्नी हो गई है. अपने विधायकों के साथ निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों के विधायकों पर नजर बनाए हुए हैं. कांग्रेस के सीनियर नेता अपने-अपने स्तर पर सभी स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं. कांग्रेस नहीं चाहेगी कि इस बार बीजेपी फिर से उसके किले में सेंधमारी करे, इसके लिए कांग्रेस विधायकों का भोपाल पहुंचना शुरू हो गया है. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस मतदान के दिन यानी मंगलवार को ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस विधायक भोपाल में मौजूद रहेंगे. इसके पीछे की वजह ये भी मानी जा रही है कि कमलनाथ पहले ही 11 नवंबर को विधायक दल की बैठक की घोषणा कर चुके हैं, जिसमें सभी की उपस्थिति अनिवार्य होगी.

सीनियर नेता रखेंगे विधायकों पर नजर

सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीनियर नेताओं को कांग्रेस विधायकों के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है. साथ ही अपने-अपने गुटों के विधायकों की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, सुरेश पचौरी, जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह इस काम में जुटे हुए हैं. दरअसल, कांग्रेस को आशंका है कि उपचुनाव में परिणाम के बाद एक फिर भाजपा पार्टी विधायकों का पाला बदलवाने की कोशिश करेगी. कमलनाथ इसको लेकर भाजपा पर आरोप भी लगा चुके हैं.

दिल्ली की भी होगी नजर

मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों पर दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की नजर भी रहेगी. मध्यप्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक दिल्ली मुख्यालय से ही नतीजों पर नजर रखेंगे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह फाइनल रिजल्ट तक प्रदेश कार्यालय में मौजूद रहेंगे, नतीजों के बाद की रणनीति को लेकर कमलनाथ की रविवार को ही दिल्ली में वासनिक से बैठक हो चुकी है.

मतगणना पर खास सावधानी बरतने के निर्देश

जिला कांग्रेस कमेटी और उम्मीदवारों को संगठन ने निर्देश दिए हैं कि मतगणना से पहले इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सील देखें और नंबर का मिलान करें. हर चक्र के बाद परिणाम की सत्यापित प्रतिलिपि लें. जहां कहीं भी मतगणना में गड़बड़ी नजर आए तो लिखित में शिकायत दर्ज कराएं और सुनवाई न हो तो प्रदेश कार्यालय के कंट्रोल रूम को तत्काल सूचित करें. ताकि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और चुनाव आयोग को शिकायत कर हस्तक्षेप कराया जा सके.

वॉर रूम की तरह काम करेगा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के कक्ष से जुड़े सभागार में टीवी लगाई गई है. यहां कमलनाथ समेत तमाम दिग्गज मतगणना होने तक यहीं रुकेंगे और सभी 28 सीटों का अपडेट लेंगे. इसको लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. नेताओं और कार्यकर्ताओं को सीधे निर्देश हैं कि अगर कि मतगणना को लेकर कोई गड़बड़ी समझ आती है तो सीधे पीसीसी रिपोर्ट करें. यहां मौजूद टीम उस पर तुरंत रिस्पांस करेगी.

उपचुनाव के नतीजे आते ही संगठन में हो सकता है फेरबदल

सूत्रों के अनुसार कमलनाथ को संगठन स्तर पर फेरबदल करने की मंजूरी मिल चुकी है. इसको लेकर दिल्ली में रविवार को वासनिक के साथ उनका लंबा विचार-विमर्श हो चुका है. उपचुनाव के नतीजों के आधार पर ही बदलाव किया जाना तय किया गया है. नतीजे उम्मीद के मुताबिक आते हैं, तो संगठन को अधिक ताकतवर बनाया जाएगा और विस्तार भी किया जाएगा. युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और महिला कांग्रेस में बड़े बदलाव हो सकते हैं. प्रदेश में युवक कांग्रेस की कमान फिलहाल विधायक कुणाल चौधरी के पास हैं, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जबकि एनएसयूआई के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने आगर सीट से चुनाव लड़ा है.

सदन की स्थिति

विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. उपचुनाव के दौरान ही दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. अब सदन की संख्या 229 रह गई है. मौजूदा विधानसभा में 201 सदस्य हैं. इसमें भाजपा के 107, कांग्रेस के 87, बीसपी के 2, एसपी का 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत के लिए 115 विधायकों की जरुरत होगी. ऐसे में भाजपा को 8 और कांग्रेस को 28 सीटें जीतनी होंगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश की सत्ता का भविष्य तय करने वाले 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे आने से पहले कांग्रेस चौकन्नी हो गई है. अपने विधायकों के साथ निर्दलीय और अन्य दलों के विधायकों के विधायकों पर नजर बनाए हुए हैं. कांग्रेस के सीनियर नेता अपने-अपने स्तर पर सभी स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं. कांग्रेस नहीं चाहेगी कि इस बार बीजेपी फिर से उसके किले में सेंधमारी करे, इसके लिए कांग्रेस विधायकों का भोपाल पहुंचना शुरू हो गया है. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस मतदान के दिन यानी मंगलवार को ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस विधायक भोपाल में मौजूद रहेंगे. इसके पीछे की वजह ये भी मानी जा रही है कि कमलनाथ पहले ही 11 नवंबर को विधायक दल की बैठक की घोषणा कर चुके हैं, जिसमें सभी की उपस्थिति अनिवार्य होगी.

सीनियर नेता रखेंगे विधायकों पर नजर

सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीनियर नेताओं को कांग्रेस विधायकों के संपर्क में रहने के लिए कहा गया है. साथ ही अपने-अपने गुटों के विधायकों की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, सुरेश पचौरी, जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह इस काम में जुटे हुए हैं. दरअसल, कांग्रेस को आशंका है कि उपचुनाव में परिणाम के बाद एक फिर भाजपा पार्टी विधायकों का पाला बदलवाने की कोशिश करेगी. कमलनाथ इसको लेकर भाजपा पर आरोप भी लगा चुके हैं.

दिल्ली की भी होगी नजर

मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों पर दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की नजर भी रहेगी. मध्यप्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक दिल्ली मुख्यालय से ही नतीजों पर नजर रखेंगे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह फाइनल रिजल्ट तक प्रदेश कार्यालय में मौजूद रहेंगे, नतीजों के बाद की रणनीति को लेकर कमलनाथ की रविवार को ही दिल्ली में वासनिक से बैठक हो चुकी है.

मतगणना पर खास सावधानी बरतने के निर्देश

जिला कांग्रेस कमेटी और उम्मीदवारों को संगठन ने निर्देश दिए हैं कि मतगणना से पहले इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की सील देखें और नंबर का मिलान करें. हर चक्र के बाद परिणाम की सत्यापित प्रतिलिपि लें. जहां कहीं भी मतगणना में गड़बड़ी नजर आए तो लिखित में शिकायत दर्ज कराएं और सुनवाई न हो तो प्रदेश कार्यालय के कंट्रोल रूम को तत्काल सूचित करें. ताकि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और चुनाव आयोग को शिकायत कर हस्तक्षेप कराया जा सके.

वॉर रूम की तरह काम करेगा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के कक्ष से जुड़े सभागार में टीवी लगाई गई है. यहां कमलनाथ समेत तमाम दिग्गज मतगणना होने तक यहीं रुकेंगे और सभी 28 सीटों का अपडेट लेंगे. इसको लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. नेताओं और कार्यकर्ताओं को सीधे निर्देश हैं कि अगर कि मतगणना को लेकर कोई गड़बड़ी समझ आती है तो सीधे पीसीसी रिपोर्ट करें. यहां मौजूद टीम उस पर तुरंत रिस्पांस करेगी.

उपचुनाव के नतीजे आते ही संगठन में हो सकता है फेरबदल

सूत्रों के अनुसार कमलनाथ को संगठन स्तर पर फेरबदल करने की मंजूरी मिल चुकी है. इसको लेकर दिल्ली में रविवार को वासनिक के साथ उनका लंबा विचार-विमर्श हो चुका है. उपचुनाव के नतीजों के आधार पर ही बदलाव किया जाना तय किया गया है. नतीजे उम्मीद के मुताबिक आते हैं, तो संगठन को अधिक ताकतवर बनाया जाएगा और विस्तार भी किया जाएगा. युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और महिला कांग्रेस में बड़े बदलाव हो सकते हैं. प्रदेश में युवक कांग्रेस की कमान फिलहाल विधायक कुणाल चौधरी के पास हैं, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जबकि एनएसयूआई के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने आगर सीट से चुनाव लड़ा है.

सदन की स्थिति

विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. उपचुनाव के दौरान ही दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए. अब सदन की संख्या 229 रह गई है. मौजूदा विधानसभा में 201 सदस्य हैं. इसमें भाजपा के 107, कांग्रेस के 87, बीसपी के 2, एसपी का 1 और 4 निर्दलीय विधायक हैं. बहुमत के लिए 115 विधायकों की जरुरत होगी. ऐसे में भाजपा को 8 और कांग्रेस को 28 सीटें जीतनी होंगी.

Last Updated : Nov 10, 2020, 4:19 AM IST
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