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बीजेपी में अलगाव, टकराव और बिखराव, उपचुनाव के बाद सरकार का जाना तय : कांग्रेस

प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए कांग्रेसी नेताओं को प्रत्याशी बनाए जाने पर बीजेपी में आपसी टकराव की स्थिति निर्मित हो गई है.

Congress state spokesman Ajay Singh Yadav said
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव
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Published : Sep 7, 2020, 12:21 PM IST

Updated : Sep 7, 2020, 2:22 PM IST

भोपाल। प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुट गई है. बीजेपी के सामने कई तरह की मुश्किलें हैं, जिससे निपटना सरकार और संगठन के लिए एक बड़ी चुनौती है. वर्तमान में कई पूर्व विधायक और कई वरिष्ठ नेता पार्टी की कार्यप्रणाली से नाराज हैं. जिसे लेकर वे कई बार संगठन को अवगत करा चुके हैं. यही वजह है कि कई नेताओं ने बीजेपी कार्यालय से भी दूरी बना ली है, लेकिन इस दौरान कांग्रेस को बैठे-बिठाए एक नया मुद्दा बीजेपी को घेरने का मिल गया है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव

बीजेपी कार्यालय में हुई बैठक को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि भाजपा में अलगाव-टकराव-बिखराव अब सार्वजनिक तौर पर दिखाई देने लगा है. भाजपा के नेता समझ चुके हैं कि उपचुनाव के साथ ही उनकी जोड़-तोड़ की सरकार की विदाई तय है. इसके लिए विभिन्न बैठक करके अपने नेताओं को झूठे आश्वासन, झूठे झुनझुना पकड़ा कर मनाने की कोशिश कर रहे हैं. जनता इस खरीद-फरोख्त की सरकार को पहले ही नकार चुकी है और अब उपचुनाव के साथ ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनाना तय है.

बता दें कि एक दिन पहले ही बीजेपी कार्यालय में संगठन को मजबूत करने के लिए बीजेपी के समस्त वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बैठक की है.

इस बैठक के दौरान उपचुनाव में सभी नेताओं को एक साथ पार्टी के लिए काम करने का संकल्प भी दिलाया गया है. हालांकि इस बैठक में भी कई नेता नाराज दिख रहे हैं, जिसमें पूर्व मंत्री अजय विश्नोई भी शामिल हैं. वह लगातार सरकार से नाराज चल रहे हैं. यहां तक की कई बार वे पार्टी की कार्यप्रणाली के खिलाफ बयान भी दे चुके हैं.

प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में इस बात के साफ संकेत दिखाई देने लगे हैं कि कम से कम 25 सीटों पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए पूर्व विधायकों को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा.

इन सभी 25 विधायकों ने अपने क्षेत्र में जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है. वहीं 2 सीटों पर ही बीजेपी को प्रत्याशियों का चयन करना है. ऐसी स्थिति में इन विधायकों से चुनाव हार चुके बीजेपी के नेता भविष्य को लेकर चिंतित है. यही वजह है कि बीजेपी में आपसी प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है, जो उपचुनाव में भारी पड़ सकता है.

भोपाल। प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुट गई है. बीजेपी के सामने कई तरह की मुश्किलें हैं, जिससे निपटना सरकार और संगठन के लिए एक बड़ी चुनौती है. वर्तमान में कई पूर्व विधायक और कई वरिष्ठ नेता पार्टी की कार्यप्रणाली से नाराज हैं. जिसे लेकर वे कई बार संगठन को अवगत करा चुके हैं. यही वजह है कि कई नेताओं ने बीजेपी कार्यालय से भी दूरी बना ली है, लेकिन इस दौरान कांग्रेस को बैठे-बिठाए एक नया मुद्दा बीजेपी को घेरने का मिल गया है.

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव

बीजेपी कार्यालय में हुई बैठक को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि भाजपा में अलगाव-टकराव-बिखराव अब सार्वजनिक तौर पर दिखाई देने लगा है. भाजपा के नेता समझ चुके हैं कि उपचुनाव के साथ ही उनकी जोड़-तोड़ की सरकार की विदाई तय है. इसके लिए विभिन्न बैठक करके अपने नेताओं को झूठे आश्वासन, झूठे झुनझुना पकड़ा कर मनाने की कोशिश कर रहे हैं. जनता इस खरीद-फरोख्त की सरकार को पहले ही नकार चुकी है और अब उपचुनाव के साथ ही मध्यप्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनाना तय है.

बता दें कि एक दिन पहले ही बीजेपी कार्यालय में संगठन को मजबूत करने के लिए बीजेपी के समस्त वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बैठक की है.

इस बैठक के दौरान उपचुनाव में सभी नेताओं को एक साथ पार्टी के लिए काम करने का संकल्प भी दिलाया गया है. हालांकि इस बैठक में भी कई नेता नाराज दिख रहे हैं, जिसमें पूर्व मंत्री अजय विश्नोई भी शामिल हैं. वह लगातार सरकार से नाराज चल रहे हैं. यहां तक की कई बार वे पार्टी की कार्यप्रणाली के खिलाफ बयान भी दे चुके हैं.

प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में इस बात के साफ संकेत दिखाई देने लगे हैं कि कम से कम 25 सीटों पर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए पूर्व विधायकों को ही प्रत्याशी बनाया जाएगा.

इन सभी 25 विधायकों ने अपने क्षेत्र में जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है. वहीं 2 सीटों पर ही बीजेपी को प्रत्याशियों का चयन करना है. ऐसी स्थिति में इन विधायकों से चुनाव हार चुके बीजेपी के नेता भविष्य को लेकर चिंतित है. यही वजह है कि बीजेपी में आपसी प्रतिरोध बढ़ता जा रहा है, जो उपचुनाव में भारी पड़ सकता है.

Last Updated : Sep 7, 2020, 2:22 PM IST
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