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उमा भारती के CAA कानून के बयान पर कांग्रेस का पलटवार, बीजेपी नेता ही कर रहे हैं विरोध

भोपाल। CAA कानून पर उमा भारती के दिए गए बयान के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा कि इससे ज्यादा हास्यास्पद और विवेक हीन बयान क्या हो सकता है कि CAA का विरोध असम की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री कर रहे हैं.

Congress reversed Uma Bharti's statement of CAA law
उमा भारती के CAA कानून के बयान पर कांग्रेस का पलटवार
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Published : Jan 4, 2020, 8:31 AM IST

Updated : Jan 4, 2020, 10:23 AM IST

भोपाल। CAA कानून को लेकर भारतीय जनता पार्टी के आला नेता, इन दिनों जन जागरण मुहिम चला रहे हैं. भोपाल पहुंची उमा भारती एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि CAA को लेकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है. वहीं उमा भारती के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने जवाब दिया है कि इससे ज्यादा हास्यास्पद और विवेक हीन बयान नहीं हो सकता. क्योंकि CAA का विरोध कांग्रेस नहीं कर रही है बल्कि असम की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री कर रहे हैं.

उमा भारती के CAA कानून के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस नेता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि CAA का असम में भाजपा के सांसद जतिन बोरा भी विरोध जता चुके हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री और सांसदों को बरगला सकती है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने उमा भारती के आरोपों पर बोलते हुए कहा कि भ्रम तो भाजपा फैला रही है. भाजपा को इस बात को बताना चाहिए कि अगर CAA सही है, तो असम की भाजपा सरकार इसका विरोध क्यों कर रही है. पूरा उत्तर पूर्व इसका विरोध क्यों कर रहा है. ऐसा कोई कानून क्यों आ रहा है,जो अवैधानिक गतिविधियों को न्यायोचित ठहरा रहा है.

भारत का जो 2004 का नागरिकता कानून का संशोधन है. वह कहता है कि कोई भी अवैध अप्रवासी को भारत में बिना न्यायोचित प्रक्रिया के नागरिकता नहीं दी जा सकती है. जिन लोगों को नागरिकता दी जा सकती है, उनके माता-पिता में से किसी एक को भारत का वैध प्रवासी होना चाहिए. भाजपा वैध और अवैध की शर्त को खत्म कर रही है और कह रही है कि बिना किसी दस्तावेज के भारत में नागरिकता दी जाएगी. ऐसे कौन से लोग हैं,जो अवैध आप्रवासी हैं और यह उन्हें नागरिकता देना चाहते हैं. भारत के संविधान का अनुच्छेद 14 कहता है कि कानून के सामने हर व्यक्ति समान हैं तो यह कानून के सामने समानता की बात नहीं कर रहे हैं. यह तो अपराधियों को वैध नागरिक के समतुल्य बनाने पर तुले हैं। यह बड़ा सवाल है.

भूपेंद्र गुप्ता आगे कहते हैं कि भारत में जो लोग अवैधानिक रूप से बिना पासपोर्ट और वीजा के प्रवेश कर रहे हैं तो यूपीए सरकार के समय 2004 में नागरिकता कानून में किए गए संशोधन के बाद कानून कहता है कि इन चीजों की जांच होना चाहिए और अवैध प्रवासियों की जांच तो होगी भारत पहला देश है, जो इस तरह का देश बनना चाहता है. यह कानून के सामने भेदभाव करता है, इसलिए विरोध हो रहा है. आज असम से लेकर मेघालय, मणिपुर का हिंदू कानून के खिलाफ क्यों खड़ा है.

भोपाल। CAA कानून को लेकर भारतीय जनता पार्टी के आला नेता, इन दिनों जन जागरण मुहिम चला रहे हैं. भोपाल पहुंची उमा भारती एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि CAA को लेकर कांग्रेस भ्रम फैला रही है. वहीं उमा भारती के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने जवाब दिया है कि इससे ज्यादा हास्यास्पद और विवेक हीन बयान नहीं हो सकता. क्योंकि CAA का विरोध कांग्रेस नहीं कर रही है बल्कि असम की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री कर रहे हैं.

उमा भारती के CAA कानून के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

कांग्रेस नेता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि CAA का असम में भाजपा के सांसद जतिन बोरा भी विरोध जता चुके हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या कांग्रेस अपने मुख्यमंत्री और सांसदों को बरगला सकती है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने उमा भारती के आरोपों पर बोलते हुए कहा कि भ्रम तो भाजपा फैला रही है. भाजपा को इस बात को बताना चाहिए कि अगर CAA सही है, तो असम की भाजपा सरकार इसका विरोध क्यों कर रही है. पूरा उत्तर पूर्व इसका विरोध क्यों कर रहा है. ऐसा कोई कानून क्यों आ रहा है,जो अवैधानिक गतिविधियों को न्यायोचित ठहरा रहा है.

भारत का जो 2004 का नागरिकता कानून का संशोधन है. वह कहता है कि कोई भी अवैध अप्रवासी को भारत में बिना न्यायोचित प्रक्रिया के नागरिकता नहीं दी जा सकती है. जिन लोगों को नागरिकता दी जा सकती है, उनके माता-पिता में से किसी एक को भारत का वैध प्रवासी होना चाहिए. भाजपा वैध और अवैध की शर्त को खत्म कर रही है और कह रही है कि बिना किसी दस्तावेज के भारत में नागरिकता दी जाएगी. ऐसे कौन से लोग हैं,जो अवैध आप्रवासी हैं और यह उन्हें नागरिकता देना चाहते हैं. भारत के संविधान का अनुच्छेद 14 कहता है कि कानून के सामने हर व्यक्ति समान हैं तो यह कानून के सामने समानता की बात नहीं कर रहे हैं. यह तो अपराधियों को वैध नागरिक के समतुल्य बनाने पर तुले हैं। यह बड़ा सवाल है.

भूपेंद्र गुप्ता आगे कहते हैं कि भारत में जो लोग अवैधानिक रूप से बिना पासपोर्ट और वीजा के प्रवेश कर रहे हैं तो यूपीए सरकार के समय 2004 में नागरिकता कानून में किए गए संशोधन के बाद कानून कहता है कि इन चीजों की जांच होना चाहिए और अवैध प्रवासियों की जांच तो होगी भारत पहला देश है, जो इस तरह का देश बनना चाहता है. यह कानून के सामने भेदभाव करता है, इसलिए विरोध हो रहा है. आज असम से लेकर मेघालय, मणिपुर का हिंदू कानून के खिलाफ क्यों खड़ा है.

Intro:भोपाल। सीएए कानून को लेकर भाजपा इन दिनों जन जागरण कर रही है। इसी कड़ी में आज उमा भारती और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी भोपाल पहुंचे थे। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भोपाल में एक सभा को संबोधित करते हुए सीएए को लेकर कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया।उमा भारती के आरोपों पर जवाब देते हुए कांग्रेस ने कहा है कि इससे ज्यादा हास्यास्पद और विवेक हीन बयान नहीं हो सकता है।क्योंकि सीएए का विरोध कांग्रेस नहीं। असम की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री कर रहे हैं। असम में भाजपा के सांसद जतिन बोरा भी विरोध जता चुके हैं। क्या कांग्रेस उनके मुख्यमंत्री और सांसदों को बरगला सकती है।


Body:मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने उमाभारती के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि भ्रम तो भाजपा फैला रही है।भाजपा को इस बात को बताना चाहिए कि अगर सीएए सही है। तो आसाम की भाजपा सरकार इसका विरोध क्यों कर रही है। पूरा उत्तर पूर्व इसका विरोध क्यों कर रहा है। ऐसा कोई कानून क्यों आ रहा है,जो अवैधानिक गतिविधियों को न्यायोचित ठहरा रहा है। भारत का जो 2004 का नागरिकता कानून का संशोधन है। वह कहता है कि कोई भी अवैध अप्रवासी को भारत में बिना न्यायोचित प्रक्रिया के नागरिकता नहीं दी जा सकती है।जिन लोगों को नागरिकता दी जा सकती है, उनके माता-पिता में से किसी एक को भारत का वैध प्रवासी होना चाहिए। भाजपा वैध और अवैध की शर्त को खत्म कर रही है और कह रही है कि बिना किसी दस्तावेज के भारत में नागरिकता दी जाएगी। ऐसे कौन से लोग हैं,जो अवैध आप्रवासी हैं और यह उन्हें नागरिकता देना चाहते हैं।भारत के संविधान का अनुच्छेद 14 कहता है कि कानून के सामने हर व्यक्ति समान हैं।तो यह कानून के सामने समानता की बात नहीं कर रहे हैं। यह तो अपराधियों को वैध नागरिक के समतुल्य बनाने पर तुले हैं। यह बड़ा सवाल है।


Conclusion:भूपेंद्र गुप्ता आगे कहते हैं कि भारत में जो लोग अवैधानिक रूप से बिना पासपोर्ट और वीजा के प्रवेश कर रहे हैं। तो यूपीए सरकार के समय 2004 में नागरिकता कानून में किए गए संशोधन के बाद कानून कहता है कि इन चीजों की जांच होना चाहिए और अवैध प्रवासियों की जांच तो होगी।भारत पहला देश है,जो इस तरह का देश बनना चाहता है।यह कानून के सामने भेदभाव करता है, इसलिए विरोध हो रहा है। आज आसाम से लेकर मेघालय, मणिपुर का हिंदू कानून के खिलाफ क्यों खड़ा है। इस बात का जवाब भाजपा को देना चाहिए। इनके आसाम के मुख्यमंत्री क्यों विरोध कर रहे हैं। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री क्यों दबी जुबान में कह रहे हैं कि यह कानून ठीक नहीं है। यह बात भाजपा को देश को समझाना चाहिए। यह भ्रम भाजपा फैला रही है क्या कांग्रेस आसाम के मुख्यमंत्री को बरगला सकती है?आसाम के भाजपा के सांसद जतिन बोरा को कांग्रेस बरगला सकती है? क्या इनके स्पीकर को कांग्रेस बरगला लेगी।इससे हास्यास्पद और विवेक हीन बयान कोई नहीं हो सकता है।
Last Updated : Jan 4, 2020, 10:23 AM IST
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