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बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई का मामला, बीजेपी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

प्रदेश में बिजली कटौती पर कार्रवाई करने पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा, जिस पर कांग्रेस ने जवाब देते हुए बीजेपी पर मिलीभगत करने का आरोप लगाया है.

सीएम कमलनाथ
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Published : Apr 24, 2019, 10:26 AM IST

भोपाल। बिजली कर्मचारियों पर की गई सरकार की कार्रवाई पर बीजेपी लगातार सवाल उठा रही है. अब इस पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि अगर बिजली कटती है, तो बीजेपी के पेट में दर्द होता है और अगर दोषियों पर कार्रवाई की जाती है, तब भी इनके पेट में दर्द होता है. उन्होंने बीजेपी पर दोषियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.


नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी से जुड़े आउटसोर्सिंग कर्मचारी साजिश को अंजाम दे रहे थे. अब बीजेपी उनके पक्ष में बयान दे रही है, इससे ही समझा जा सकता है कि यह सब उनकी मिलीभगत से हो रहा है. उन्होंने कहा कि कटौती और लापरवाही बीजेपी के इशारे पर हो रही थी, इसलिए अब पूर्व सीएम शिवराज सिंह उनके समर्थन में बयान देने के लिए खड़े हो गए हैं.

नरेंद्र सलूजा ने दिया जवाब


कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि अब तक 492 कर्मचारियों-अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सरप्लस बिजली होने के बाद भी अगर कहीं बिजली कटौती की जाती है और इसमें कर्मचारियों-अधिकारियों की लापरवाही या साजिश सामने आती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.


बता दें कि मध्य प्रदेश सरप्लस बिजली का स्टेट है. यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली को भी मध्यप्रदेश से बिजली दी जाती है. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद बिजली कटौती का सिलसिला लगातार जारी है. जिस पर सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं. 492 कर्मचारी इस कार्रवाई के शिकार हो चुके हैं. वहीं बीजेपी ने इस मसले पर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर सीएम कमलनाथ पर हमला बोला है

भोपाल। बिजली कर्मचारियों पर की गई सरकार की कार्रवाई पर बीजेपी लगातार सवाल उठा रही है. अब इस पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि अगर बिजली कटती है, तो बीजेपी के पेट में दर्द होता है और अगर दोषियों पर कार्रवाई की जाती है, तब भी इनके पेट में दर्द होता है. उन्होंने बीजेपी पर दोषियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.


नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी से जुड़े आउटसोर्सिंग कर्मचारी साजिश को अंजाम दे रहे थे. अब बीजेपी उनके पक्ष में बयान दे रही है, इससे ही समझा जा सकता है कि यह सब उनकी मिलीभगत से हो रहा है. उन्होंने कहा कि कटौती और लापरवाही बीजेपी के इशारे पर हो रही थी, इसलिए अब पूर्व सीएम शिवराज सिंह उनके समर्थन में बयान देने के लिए खड़े हो गए हैं.

नरेंद्र सलूजा ने दिया जवाब


कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा का कहना है कि अब तक 492 कर्मचारियों-अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सरप्लस बिजली होने के बाद भी अगर कहीं बिजली कटौती की जाती है और इसमें कर्मचारियों-अधिकारियों की लापरवाही या साजिश सामने आती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी.


बता दें कि मध्य प्रदेश सरप्लस बिजली का स्टेट है. यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली को भी मध्यप्रदेश से बिजली दी जाती है. लेकिन प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद बिजली कटौती का सिलसिला लगातार जारी है. जिस पर सीएम ने जांच के आदेश दिए हैं. 492 कर्मचारी इस कार्रवाई के शिकार हो चुके हैं. वहीं बीजेपी ने इस मसले पर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर सीएम कमलनाथ पर हमला बोला है

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश बिजली के मामले में सर प्लस स्टेट है। यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली को भी मध्यप्रदेश से बिजली दी जाती है। लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद बिजली कटौती का सिलसिला शुरू हो गया। पहले तो सरकार इसे सामान्य तौर पर लेती रही, लेकिन जब यह सिलसिला लगातार चलता रहा और लोकसभा चुनाव के समय पर कुछ ज्यादा ही बिजली कटने लगी, तो मुख्यमंत्री कमलनाथ में जांच के आदेश दिए। जांच में पता चला कि भाजपा समर्थक अधिकारी और आउटसोर्सिंग कर्मचारी जानबूझकर बिजली गुल कराके सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया और आम जनता में मुहिम चला रहे हैं। साजिश की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद सरकार ने दोषी कर्मचारियों अधिकारियों पर निलंबन और बर्खास्तगी की कार्यवाही तेज कर दी है। अब तक 492 कर्मचारी इस तरह की कार्रवाई का शिकार हो चुके हैं और बर्खास्तगी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि शिवराज समर्थक अधिकारी कर्मचारी सरप्लस बिजली होने के बावजूद यह हरकत कर रहे थे। अभी ऐसे कर्मचारी अधिकारियों पर और भी कार्रवाई की जाएगी।


Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ की जांच के बाद साजिश का खुलासा होने पर लगातार हो रही निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट करते हुए कमलनाथ सरकार पर हमला बोला शिवराज सिंह ने ट्वीट करके कहा कि....... खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे। स्वयं व्यवस्था करते बन नहीं रहा है और कर्मचारियों पर गुस्सा निकाल रहे हैं।यही कर्मचारी हैं जिन्होंने मध्य प्रदेश को खड़ा किया है लेकिन अब इन्हें बेइज्जत किया जा रहा है बर्खास्त किया जा रहा है। यह प्रवृत्ति कांग्रेस के सत्ता के अहंकार को दर्शाती है।



Conclusion:शिवराज सिंह की ट्वीट के जवाब में मप्र कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि बिजली कटौती होती है, तो भाजपा के पेट में दर्द होता है और बिजली में साजिश सामने आती है और हम जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हैं, तो भी भाजपा के पेट में दर्द होता है। हमारा आरोप है कि भाजपा से जुड़े आउटसोर्सिंग कर्मचारी साजिश को अंजाम दे रहे थे, भाजपा उनके पक्ष में बयान दे रही है, इससे ही समझा जा सकता है कि यह सब भाजपा की मिलीभगत से हो रहा था। कटौती और लापरवाही भाजपा के इशारे पर हो रही थी। इसलिए अब शिवराज सिंह उनके समर्थन में बयान दे दे खड़े हो गए हैं। कांग्रेस का कहना है कि अब तक 492 कर्मचारी अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुके हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि सरप्लस बिजली होने के बाद भी अगर कहीं बिजली कटौती की जाती है और इसमें कर्मचारियों अधिकारियों की लापरवाही या साजिश सामने आती है, तो कितना भी बड़ा अधिकारी हो या कर्मचारी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
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