भोपाल| सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही है, सत्ता से दूर होने का आरोप भी लगातार कांग्रेस ने बीजेपी पर ही लगाया है, कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने एक बार फिर से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से कई सवाल पूछे हैं. मीडिया समन्वयक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से सवाल किया है कि 'भाजपा की सत्ता लोलुपता की ऐसी कौन सी मजबूरी थी, जिसके लिए उसने अपनी पार्टी की नीति-सिद्धांतों तक को दांव पर लगा दिया ? जिस भाजपा को वर्षों से जमीनी संघर्ष कर जिन नेताओं ने अपने खून पसीने से सींचा , आज वे सत्ता को बाहर से निहार रहे हैं और वही सिंधिया समर्थक अवसरवादी दल बदलू मंत्री बनकर उनके सिर पर बैठे हैं ?'
आज मध्य प्रदेश में उस पार्टी ने सिर्फ सत्ता लोलुपता के लिए अपनी पार्टी के नीति-सिद्धांतों को ही दांव पर नहीं लगाया दिया, बल्कि उन नेताओं-कार्यकर्ताओं को भी दांव पर लगा दिया, जिन्होंने वर्षों तक पार्टी के लिये जमीनी संघर्ष किया. भाजपा के वो नेता-कार्यकर्ता जो वर्षों से अपने-अपने क्षेत्रों में जनता की सेवा कर रहे थे, जनता के हितों के लिए संघर्ष कर रहे थे ,आज उनके सर पर सिंधिया समर्थक अवसरवादी और दल बदलू आकर बैठ गए हैं.
पांच सदस्य मंत्रिमंडल में भी भाजपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ल ,विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, नागेंद्र सिंह, गौरीशंकर बिसेन, पारस जैन, विश्वास सारंग, यशपाल सिसोदिया जैसे पहली पंक्ति के नेता मंत्रिमंडल में दरकिनार कर दिए गए. भाजपा ने प्रदेश में भले प्रलोभन का खेल खेल कर साजिश व षड्यंत्र रच कर सत्ता हथिया ली लेकिन यह तय है कि भाजपा का निष्ठावान कार्यकर्ता, इन दल बदलू अवसरवादियों को सहन नहीं करेगा और इनके खिलाफ विद्रोह का बिगुल ज़रूर बजाएगा.
उन्होंने कहा है कि आज प्रभात झा ,जयभान सिंह पवैया, कैलाश विजयवर्गीय, अनूप मिश्रा जैसे नेता जिन्होंने वर्षों तक सिंधिया से अपने क्षेत्रों में आमने-सामने संघर्ष किया, वह आज घर बैठे है, सत्ता से नदारद है और सिंधिया समर्थकों को मंत्री बना देख खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं.