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नगरीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया में जी जान से जुटी कांग्रेस, भारी सफलता की उम्मीद - Organization Incharge Chandraprabhash Shekhar

नगरीय निकाय चुनाव के लिए मप्र का सत्ताधारी दल कांग्रेस पहले से ही जुट गया है. साथ ही नगरीय निकाय चुनाव के लिए चल रही परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया में कांग्रेस बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है.

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कांग्रेस को नगरीय निकाय चुनाव में जीत की उम्मीद
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Published : Jan 16, 2020, 1:45 PM IST

भोपाल। मप्र में ज्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वहां पर प्रशासकों की तैनाती कर दी गई है. इस व्यवस्था में नगरीय निकाय छह महीने तक संचालित हो सकते हैं. इस आधार पर उम्मीद लगाई जा रही है कि अप्रैल-मई महीने में प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न हो सकते हैं.

कांग्रेस को नगरीय निकाय चुनाव में जीत की उम्मीद
  • परिस्थितियों के हिसाब से चयनित होंगे प्रत्याशी


चुनाव की तैयारियों में मप्र का सत्ताधारी दल कांग्रेस पहले ही जुट गया है. नगरीय निकाय चुनाव के लिए चल रही परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया में कांग्रेस बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है. मप्र कांग्रेस को भरोसा है कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को भारी सफलता मिलेगी. फिलहाल प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, क्योंकि कांग्रेस परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया पूरा होने का इंतजार कर रही है. साथ ही नई परिस्थितियों के हिसाब से प्रत्याशियों का चयन करेगी.

  • निकाय चुनाव एक्ट में किए गए कई बदलाव


दरअसल, मप्र में नगरीय निकाय चुनाव के पहले जहां परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया को शुरू किया गया है, वहीं नगरीय निकाय चुनाव एक्ट में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. एक तरफ जहां पार्षदों का प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव हो रहा है, तो महापौर और अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने जा रहा है. पार्षदों का चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह के आधार पर संपन्न होगा. चुनाव प्रक्रिया और एक्ट में हुए बदलाव के कारण मप्र के नगरीय निकाय चुनाव तय समय पर संपन्न नहीं हो पाए हैं. जिन नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, उनमें प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई है. यह व्यवस्था 6 महीने तक संचालित हो सकती है.

  • मनमाने तरीके से कराया बीजेपी ने परिसीमन और आरक्षण


वहीं कांग्रेस का मानना है कि प्रदेश में 15 साल तक सत्ता पर काबिज रही बीजेपी ने वॉर्डों का परिसीमन और आरक्षण मनमाने तरीके से कराया था, जिसके कारण ज्यादातर नगरीय निकायों पर भाजपा कब्जा करने में कामयाब रही. प्रदेश की सत्ता जब कांग्रेस ने संभाली, तो नगरीय निकायों पर अपना जनाधार बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने नए सिरे से परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करवाई.

  • कांग्रेस को मिलेगी जीत


फिलहाल प्रदेश भर में नगरीय निकायों में परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गंभीरता से नजर रखे हुए हैं और बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. कांग्रेस को भरोसा है कि नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां चल रही हैं, उसमें पार्टी को भारी जीत मिलेगी.

  • प्रत्याशियों को भेजा गया परिपत्र


इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में जिला कांग्रेस, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, विधायक और जो लोकसभा-विधानसभा के प्रत्याशी रहे हैं, उनको एक परिपत्र भेजा गया है.

  • पत्र में किया गया निवेदन


पत्र में सभी से निवेदन किया गया है कि परिसीमन की प्रक्रिया पर ध्यान दें. परिसीमन जनहित में और जनकल्याणकारी हो, ऐसा ना हो कि सिर्फ चुनाव जीतने के लिए परिसीमन हो, इस मोहल्ले को उस मोहल्ले में जोड़ दिया जाए, तो फायदा मिलेगा. हमारी पूरी तैयारियां हैं और उन तैयारियों के आधार पर हमें पूरा विश्वास है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस को पूरी सफलता मिलेगी.

वहीं नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है. यह काम परिसीमन और आरक्षण के बाद तय करेंगे कि कौन सा वॉर्ड महिला होता है और कौन सा पुरुष, ये सब तय होने के बाद प्रत्याशी का चयन किया जाएगा.

भोपाल। मप्र में ज्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वहां पर प्रशासकों की तैनाती कर दी गई है. इस व्यवस्था में नगरीय निकाय छह महीने तक संचालित हो सकते हैं. इस आधार पर उम्मीद लगाई जा रही है कि अप्रैल-मई महीने में प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न हो सकते हैं.

कांग्रेस को नगरीय निकाय चुनाव में जीत की उम्मीद
  • परिस्थितियों के हिसाब से चयनित होंगे प्रत्याशी


चुनाव की तैयारियों में मप्र का सत्ताधारी दल कांग्रेस पहले ही जुट गया है. नगरीय निकाय चुनाव के लिए चल रही परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया में कांग्रेस बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है. मप्र कांग्रेस को भरोसा है कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को भारी सफलता मिलेगी. फिलहाल प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है, क्योंकि कांग्रेस परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया पूरा होने का इंतजार कर रही है. साथ ही नई परिस्थितियों के हिसाब से प्रत्याशियों का चयन करेगी.

  • निकाय चुनाव एक्ट में किए गए कई बदलाव


दरअसल, मप्र में नगरीय निकाय चुनाव के पहले जहां परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया को शुरू किया गया है, वहीं नगरीय निकाय चुनाव एक्ट में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. एक तरफ जहां पार्षदों का प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव हो रहा है, तो महापौर और अध्यक्षों का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होने जा रहा है. पार्षदों का चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह के आधार पर संपन्न होगा. चुनाव प्रक्रिया और एक्ट में हुए बदलाव के कारण मप्र के नगरीय निकाय चुनाव तय समय पर संपन्न नहीं हो पाए हैं. जिन नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, उनमें प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई है. यह व्यवस्था 6 महीने तक संचालित हो सकती है.

  • मनमाने तरीके से कराया बीजेपी ने परिसीमन और आरक्षण


वहीं कांग्रेस का मानना है कि प्रदेश में 15 साल तक सत्ता पर काबिज रही बीजेपी ने वॉर्डों का परिसीमन और आरक्षण मनमाने तरीके से कराया था, जिसके कारण ज्यादातर नगरीय निकायों पर भाजपा कब्जा करने में कामयाब रही. प्रदेश की सत्ता जब कांग्रेस ने संभाली, तो नगरीय निकायों पर अपना जनाधार बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने नए सिरे से परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करवाई.

  • कांग्रेस को मिलेगी जीत


फिलहाल प्रदेश भर में नगरीय निकायों में परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गंभीरता से नजर रखे हुए हैं और बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. कांग्रेस को भरोसा है कि नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां चल रही हैं, उसमें पार्टी को भारी जीत मिलेगी.

  • प्रत्याशियों को भेजा गया परिपत्र


इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में जिला कांग्रेस, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, विधायक और जो लोकसभा-विधानसभा के प्रत्याशी रहे हैं, उनको एक परिपत्र भेजा गया है.

  • पत्र में किया गया निवेदन


पत्र में सभी से निवेदन किया गया है कि परिसीमन की प्रक्रिया पर ध्यान दें. परिसीमन जनहित में और जनकल्याणकारी हो, ऐसा ना हो कि सिर्फ चुनाव जीतने के लिए परिसीमन हो, इस मोहल्ले को उस मोहल्ले में जोड़ दिया जाए, तो फायदा मिलेगा. हमारी पूरी तैयारियां हैं और उन तैयारियों के आधार पर हमें पूरा विश्वास है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस को पूरी सफलता मिलेगी.

वहीं नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है. यह काम परिसीमन और आरक्षण के बाद तय करेंगे कि कौन सा वॉर्ड महिला होता है और कौन सा पुरुष, ये सब तय होने के बाद प्रत्याशी का चयन किया जाएगा.

Intro:भोपाल। मप्र में ज्यादातर नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वहां पर प्रशासकों की तैनाती कर दी गई है। इस व्यवस्था में नगरीय निकाय 6 माह तक संचालित हो सकते हैं। इस आधार पर उम्मीद लगाई जा रही है कि अप्रैल-मई माह में प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव संपन्न हो सकते हैं। हालांकि चुनाव की तैयारियों में मप्र का सत्ताधारी दल कांग्रेस पहले ही जुट गया है। नगरीय निकाय चुनाव के लिए चल रही परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया में कांग्रेस बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है। मप्र कांग्रेस को भरोसा है कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को भारी सफलता मिलेगी। फिलहाल प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। क्योंकि कांग्रेस परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया पूरे होने का इंतजार कर रही है और नई परिस्थितियों के हिसाब से प्रत्याशियों का चयन करेगी।


Body:दरअसल,मप्र में नगरीय निकाय चुनाव के पहले जहां परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया को शुरू किया गया है। वहीं नगरी निकाय चुनाव एक्ट में कई तरह के बदलाव किए गए हैं। एक तरफ जहां पार्षदों का प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव हो रहा है,तो महापौर और अध्यक्षों का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होने जा रहा है। पार्षदों का चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह के आधार पर संपन्न होगा। चुनाव प्रक्रिया और एक्ट में हुए बदलाव के कारण मप्र के नगरीय निकाय चुनाव तय समय पर संपन्न नहीं हो पाए हैं। जिन नगरीय निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया है,उनमें प्रशासकों की नियुक्ति कर दी गई है। यह व्यवस्था 6 महीने तक संचालित हो सकती है।

दरअसल कांग्रेस का मानना है कि प्रदेश में 15 साल तक सत्ता पर काबिज रही बीजेपी ने वार्डों का परिसीमन और आरक्षण मनमाने तरीके से कराया था।जिसके कारण ज्यादातर नगरीय निकायों पर भाजपा कब्जा करने में कामयाब रही। प्रदेश की सत्ता जब कांग्रेस ने संभाली, तो नगरीय निकायों पर अपना जनाधार बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने नए सिरे से परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करवाई. फिलहाल प्रदेश भर में नगरीय निकायों में परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है।जिसमें कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता गंभीरता से नजर रखे हुए हैं और बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। कांग्रेस को भरोसा है कि नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां चल रही है, उसमें पार्टी को भारी जीत मिलेगी।


Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देशानुसार हमने पूरे प्रदेश में जिला कांग्रेस, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, विधायक और जो हमारे लोकसभा -विधानसभा के प्रत्याशी रहे हैं। हमने उनको एक परिपत्र भेजा है, जिसमें सभी से निवेदन किया गया है कि परिसीमन की प्रक्रिया पर ध्यान दें। परिसीमन जनहित में और जनकल्याणकारी हो, ऐसा ना हो कि सिर्फ चुनाव जीतने के लिए परिसीमन हो, इस मोहल्ले को उस मोहल्ले में जोड़ दिया जाए, तो फायदा मिलेगा। हमारी पूरी तैयारियां हैं और उन तैयारियों के आधार पर हमें पूरा विश्वास है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस को पूरी सफलता मिलेगी।

वहीं नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है। यह काम परिसीमन और आरक्षण के बाद तय करेंगे। कौन सा वार्ड महिला वार्ड होता है, कौन सा वार्ड पुरुष वार्ड होता है।यह सब तय हो जाएगा, तब प्रत्याशी चयन किया जाएगा।
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