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Congress Mission 2023: मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 'एक नाथ' सिर्फ 'कमलनाथ' - एमपी विधानसभा चुनाव 2023

एमपी विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस ने शंखनाद कर दिया है. कमलनाथ का सबसे ज्यादा जोर उन विधानसभा क्षेत्रों में है जहां के वर्तमान विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और चुनाव जीत गए. इन क्षेत्रों के लिए कमलनाथ ने एक खास रणनीति बनाई है और उस पर अमल भी शुरू हो गया है. (congress mission 2023) (mp assembly election 2023)

Kamal Nath
कमलनाथ
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Published : Oct 23, 2022, 10:13 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने खास रणनीति पर अमल तेज कर दिया है. एक तरफ जहां पार्टी दलबदल कर सरकार गिराने वाले विधायकों को सबक सिखाने की तैयारी में है तो दूसरी ओर पार्टी का सारा दारोमदार प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के कंधों पर रहने वाला है.

दल बदलुओं को शिकस्त देने की तैयारी में कमलनाथ: राज्य में वर्ष 2018 में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस के हाथ में सत्ता आई थी, मगर अपनों की दगाबाजी ने कांग्रेस को फिर विपक्ष में लाकर खड़ा कर दिया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ तत्कालीन 22 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और अब तक यह आंकड़ा 29 पर पहुंच गया है. कमलनाथ दल बदल कर फिर विधायक बने विधायकों को शिकस्त देने की तैयारी में है.

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले विधायकों के क्षेत्र में सक्रिय हुए कमलनाथ: कांग्रेस ने दल-बदल कर विधायक बनने वालों के इलाकों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और कमलनाथ ने इसका आगाज भी कर दिया है. बीते दिनों छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और जमकर गरजे भी. इस क्षेत्र से वर्तमान में भाजपा के विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी हैं. लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था. बड़ा मलहरा विधानसभा सीट से वर्ष 2003 में उमा भारती भी विधायक निर्वाचित हुई थीं.

Congress Mission 2023: महाकौशल से कांग्रेस करेगी चुनावी शंखनाद, जबलपुर में कल होगी कमलनाथ की जनसभा

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ का सबसे ज्यादा जोर उन विधानसभा क्षेत्रों में है जहां के वर्तमान विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और चुनाव जीत गए. इन क्षेत्रों के लिए कमलनाथ ने एक खास रणनीति बनाई है और उस पर अमल भी शुरू हो गया है. शुरूआत छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा से उन्होंने कर भी दी है और आने वाले समय में उन क्षेत्रों तक वे पहुंचेंगे जहां के विधायकों ने कांग्रेस को धोखा किया था.

कांग्रेस में एक नाथ के तौर पर कमलनाथ : पार्टी पूरी तरह कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. गुटों में बंटी कांग्रेस को कमलनाथ ने एक बार फिर एक जुट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, इसके बावजूद वर्तमान में कांग्रेस में गुट तो नजर नहीं आ रहे है, मगर कई बड़े नेता सक्रिय भी नहीं हैं. कुल मिलाकर कांग्रेस में सिर्फ एक नाथ के तौर पर कमलनाथ ही दिखाई दे रहे हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों की राय: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता. इस चुनाव में दोनों ही राजनीतिक दलों के संगठन की बड़ी भूमिका रहने वाली है. भाजपा लगातार बूथ स्तर पर पहुंचने के अभियान में जुटी है तो वहीं कांग्रेस को भी बूथ स्तर पर अपनी पहुंच को मजबूत बनाना होगा. नेताओं के तौर पर भाजपा के पास लंबी-चौंड़ी लिस्ट है तो कांग्रेस के पास बड़ा चेहरा सिर्फ कमल नाथ और दिग्विजय सिंह ही हैं, इस स्थिति में जो भी दल कारगर रणनीति बनाने के साथ कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में सफल होगा जीत उसके लिए आसान रहेगी. (congress mission 2023) (mp assembly election 2023)

भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने खास रणनीति पर अमल तेज कर दिया है. एक तरफ जहां पार्टी दलबदल कर सरकार गिराने वाले विधायकों को सबक सिखाने की तैयारी में है तो दूसरी ओर पार्टी का सारा दारोमदार प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के कंधों पर रहने वाला है.

दल बदलुओं को शिकस्त देने की तैयारी में कमलनाथ: राज्य में वर्ष 2018 में डेढ़ दशक बाद कांग्रेस के हाथ में सत्ता आई थी, मगर अपनों की दगाबाजी ने कांग्रेस को फिर विपक्ष में लाकर खड़ा कर दिया. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ तत्कालीन 22 विधायकों ने पार्टी छोड़ दी थी और अब तक यह आंकड़ा 29 पर पहुंच गया है. कमलनाथ दल बदल कर फिर विधायक बने विधायकों को शिकस्त देने की तैयारी में है.

कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले विधायकों के क्षेत्र में सक्रिय हुए कमलनाथ: कांग्रेस ने दल-बदल कर विधायक बनने वालों के इलाकों में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है और कमलनाथ ने इसका आगाज भी कर दिया है. बीते दिनों छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और जमकर गरजे भी. इस क्षेत्र से वर्तमान में भाजपा के विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी हैं. लोधी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था. बड़ा मलहरा विधानसभा सीट से वर्ष 2003 में उमा भारती भी विधायक निर्वाचित हुई थीं.

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कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ का सबसे ज्यादा जोर उन विधानसभा क्षेत्रों में है जहां के वर्तमान विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और चुनाव जीत गए. इन क्षेत्रों के लिए कमलनाथ ने एक खास रणनीति बनाई है और उस पर अमल भी शुरू हो गया है. शुरूआत छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा विधानसभा से उन्होंने कर भी दी है और आने वाले समय में उन क्षेत्रों तक वे पहुंचेंगे जहां के विधायकों ने कांग्रेस को धोखा किया था.

कांग्रेस में एक नाथ के तौर पर कमलनाथ : पार्टी पूरी तरह कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट होकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. गुटों में बंटी कांग्रेस को कमलनाथ ने एक बार फिर एक जुट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, इसके बावजूद वर्तमान में कांग्रेस में गुट तो नजर नहीं आ रहे है, मगर कई बड़े नेता सक्रिय भी नहीं हैं. कुल मिलाकर कांग्रेस में सिर्फ एक नाथ के तौर पर कमलनाथ ही दिखाई दे रहे हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों की राय: राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी टक्कर की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता. इस चुनाव में दोनों ही राजनीतिक दलों के संगठन की बड़ी भूमिका रहने वाली है. भाजपा लगातार बूथ स्तर पर पहुंचने के अभियान में जुटी है तो वहीं कांग्रेस को भी बूथ स्तर पर अपनी पहुंच को मजबूत बनाना होगा. नेताओं के तौर पर भाजपा के पास लंबी-चौंड़ी लिस्ट है तो कांग्रेस के पास बड़ा चेहरा सिर्फ कमल नाथ और दिग्विजय सिंह ही हैं, इस स्थिति में जो भी दल कारगर रणनीति बनाने के साथ कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में सफल होगा जीत उसके लिए आसान रहेगी. (congress mission 2023) (mp assembly election 2023)

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