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छतरपुर किसान आत्महत्याः कांग्रेस ने गठित की तीन सदस्यीय कमेटी

छतरपुर जिले में किसान की आत्महत्या मामले की जांच करने के लिए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच करेगी और कमलनाथ को रिपोर्ट भेजेगी.

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Published : Jan 4, 2021, 9:00 PM IST

Kamal Nath
कमलनाथ

भोपाल। छतरपुर जिले में बिजली विभाग की कार्रवाई से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या करने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. ये जांच दल मौके पर जाकर मृतक के परिजनों से मिलेगा और मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगा.

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता

कमेटी में इन्हें मिली जगह

बता दें जिले के मातगंवा निवासी मुनेंद्र राजपूत द्वारा भारी भरकम बिजली बिल व उसकी वसूली को लेकर बिजली अफसरों द्वारा की गई प्रताड़ना के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया. जांच दल में पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर, पूर्व मंत्री हर्ष यादव, विधायक विक्रम सिंह नातीराजा को शामिल किया गया है.

किसान ने छोड़ा था सुसाइड नोट

गौरतलब है कि मामला मातगवां गांव का है. 35 वर्षीय मुनेंद्र राजपूत ने बुधवार को फांसी लगा ली थी. साथ ही एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था. किसान ने सुसाइड नोट में लिखा गया था कि मेरे मरने के बाद मेरे शव को शासन को सौंप देना, ताकि मेरा अंग-अंग बेचकर बकाया बिजली बिल की वसूली कर सके.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि ये घटना मध्यप्रदेश के माथे पर कलंक है. वहीं सीएम शिवराज भाषण देते हैं कि अगर बिजली का बिल ज्यादा आए तो मत भरना. यह विरोधाभासी है. लोगों के घर कुर्की की जा रही है. उनके सामान उठाए जा रहे हैं. उनकी गाड़ियां जब्त की जा रहीं हैं. दूसरी तरफ ये कहा जा रहा है कि बिजली का बिल अगर ज्यादा हो, तो भरना मत. इस पर मुख्यमंत्री अपनी नीति स्पष्ट करें. प्रदेश सरकार जब तक किसी नीति को लेकर सामने नहीं आती है, तो यह आत्मघाती घटनाएं नहीं रुकेंगी.

भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि आज अकेले सागर जिले में 5000 से ज्यादा लोगों पर बिजली चोरी के मुकदमे दर्ज किए गए हैं. लोगों की बत्तियां काटी जा रहीं हैं. बुंदेलखंड में ऐसे गांव चिन्हित किए जा सकते हैं,जहां 15-15 साल से बिजली नहीं हैं. यह सरकार क्या कर रही है? किस बात की सौभाग्य योजना, किस बात की अटल ज्योति योजना और किस बात की दीनदयाल बिजली योजना. इन सब योजनाओं का क्या परिणाम हुआ. इसमें हमारी पार्टी ने एक कमेटी बनाई है. जिसमें 3 विधायक हैं,यह सब घटनास्थल पर जाकर जानकारी लेंगे और रिपोर्ट कमलनाथ को सौपेंगे.

ये भी पढ़ेंःएमपी: किसान का सुसाइड नोटः 'मेरा अंग-अंग बेच कर बिजली विभाग का कर्ज चुका दिया जाए'

भोपाल। छतरपुर जिले में बिजली विभाग की कार्रवाई से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या करने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. ये जांच दल मौके पर जाकर मृतक के परिजनों से मिलेगा और मामले की जांच कर इसकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगा.

कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता

कमेटी में इन्हें मिली जगह

बता दें जिले के मातगंवा निवासी मुनेंद्र राजपूत द्वारा भारी भरकम बिजली बिल व उसकी वसूली को लेकर बिजली अफसरों द्वारा की गई प्रताड़ना के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया. जांच दल में पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर, पूर्व मंत्री हर्ष यादव, विधायक विक्रम सिंह नातीराजा को शामिल किया गया है.

किसान ने छोड़ा था सुसाइड नोट

गौरतलब है कि मामला मातगवां गांव का है. 35 वर्षीय मुनेंद्र राजपूत ने बुधवार को फांसी लगा ली थी. साथ ही एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था. किसान ने सुसाइड नोट में लिखा गया था कि मेरे मरने के बाद मेरे शव को शासन को सौंप देना, ताकि मेरा अंग-अंग बेचकर बकाया बिजली बिल की वसूली कर सके.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि ये घटना मध्यप्रदेश के माथे पर कलंक है. वहीं सीएम शिवराज भाषण देते हैं कि अगर बिजली का बिल ज्यादा आए तो मत भरना. यह विरोधाभासी है. लोगों के घर कुर्की की जा रही है. उनके सामान उठाए जा रहे हैं. उनकी गाड़ियां जब्त की जा रहीं हैं. दूसरी तरफ ये कहा जा रहा है कि बिजली का बिल अगर ज्यादा हो, तो भरना मत. इस पर मुख्यमंत्री अपनी नीति स्पष्ट करें. प्रदेश सरकार जब तक किसी नीति को लेकर सामने नहीं आती है, तो यह आत्मघाती घटनाएं नहीं रुकेंगी.

भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि आज अकेले सागर जिले में 5000 से ज्यादा लोगों पर बिजली चोरी के मुकदमे दर्ज किए गए हैं. लोगों की बत्तियां काटी जा रहीं हैं. बुंदेलखंड में ऐसे गांव चिन्हित किए जा सकते हैं,जहां 15-15 साल से बिजली नहीं हैं. यह सरकार क्या कर रही है? किस बात की सौभाग्य योजना, किस बात की अटल ज्योति योजना और किस बात की दीनदयाल बिजली योजना. इन सब योजनाओं का क्या परिणाम हुआ. इसमें हमारी पार्टी ने एक कमेटी बनाई है. जिसमें 3 विधायक हैं,यह सब घटनास्थल पर जाकर जानकारी लेंगे और रिपोर्ट कमलनाथ को सौपेंगे.

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