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'वीर सावरकर कितने वीर?' पर फिर गरमाई सियासत, पीएल पुनिया ने RSS पर साधा निशाना

कांग्रेस सेवादल के अखिल भारतीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने भोपाल पहुंचे छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने RSS पर हमला बोला और वीर सावरकर विवाद मामले में भी बयान दिया.

PL Punia targeted RSS
पीएल पुनिया ने RSS पर साधा निशाना
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Published : Jan 8, 2020, 7:24 PM IST

भोपाल। राजधानी में चल रहे कांग्रेस सेवादल के अखिल भारतीय प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के आने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया भोपाल पहुंचे थे. जहां उन्होंने सावरकर को लेकर बांटी जा रही बुकलेट के सवाल पर कहा कि 'हम जो भी कह रहे हैं, वो मनगढ़त नहीं है. सावरकर के बारे में जो कहा गया है वो एक बहुत बड़े लेखक की किताब का संदर्भ है.' इसलिए आपत्ति लेखक से होनी चाहिए'.

पीएल पुनिया ने RSS पर साधा निशाना

'धर्म के नाम पर राजनीति करता है RSS'
आरएसएस पर टिप्पणी करते हुए पीएल पुनिया ने कहा कि आरएसएस का एजेंडा समाज को बांटकर धर्म के नाम पर राजनीति करने का है. इस अवसर पर पीएल पुनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस सेवा दल ने राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है, सेवादल एक ऐसा संगठन है, जो बौद्धिक और वैचारिक स्तर पर विचारधारा को सुरक्षित करने का काम करता है.

लेखक पर होनी चाहिए आपत्ति
प्रशिक्षण शिविर में सावरकर पर बांटी जा रही किताब के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए ये पहली बार नहीं हुआ है. कोई हमने मनगढ़त नहीं किया है. एक बहुत बड़े लेखक की किताब फ्रीडम एट मिडनाइट का संदर्भ है, जो किताब में लिखा है, वही भाषा बुकलेट में दी गई है. इसलिए जिसने ये लिखा है उसके खिलाफ आपत्ति होनी चाहिए. बीजेपी के विरोध पर उन्होंने कहा कि सबका अपना-अपना नजरिया है, जिसे रखने के लिए सब स्वतंत्र हैं.

यहां से शुरू हुआ था विवाद
राजधानी भोपाल स्थित बैरागढ़ में कांग्रेस सेवादल के दस दिवसीय राष्‍ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में बुकलेट बांटी गई थी. जिसमें वीर सावरकर और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे तथा वीर विनायक सावरकर को लेकर अभद्र टिप्‍पणी भी की गई है.

आरएसएस और सेवादल में बताया अंतर
आरएसएस और सेवा दल में अंतर के सवाल पर पीएल पुनिया ने कहा कि सेवा दल की स्थापना 1923 में हुई. दो साल बाद आर एस एस की स्थापना हुई. आर एस एस का एजेंडा समाज को बांट कर धर्म के आधार पर राजनीति करना है. वे अपने आप को सामाजिक सांस्कृतिक संगठन बताते हैं, लेकिन शुद्ध रूप से बीजेपी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करते हैं, जबकि सेवादल कांग्रेस का संगठन है, ये कांग्रेस की विचारधारा को कार्यकर्ता तक पहुंचाने का काम विशेष रूप से करते हैं. समाज में सामंजस्य स्थापित हो, भाईचारा हो. इसीलिए इस कार्यक्रम में समानता का विषय रखा गया है, जो हमारे संविधान की मूल आत्मा है.

भोपाल। राजधानी में चल रहे कांग्रेस सेवादल के अखिल भारतीय प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के आने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में बुधवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया भोपाल पहुंचे थे. जहां उन्होंने सावरकर को लेकर बांटी जा रही बुकलेट के सवाल पर कहा कि 'हम जो भी कह रहे हैं, वो मनगढ़त नहीं है. सावरकर के बारे में जो कहा गया है वो एक बहुत बड़े लेखक की किताब का संदर्भ है.' इसलिए आपत्ति लेखक से होनी चाहिए'.

पीएल पुनिया ने RSS पर साधा निशाना

'धर्म के नाम पर राजनीति करता है RSS'
आरएसएस पर टिप्पणी करते हुए पीएल पुनिया ने कहा कि आरएसएस का एजेंडा समाज को बांटकर धर्म के नाम पर राजनीति करने का है. इस अवसर पर पीएल पुनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस सेवा दल ने राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है, सेवादल एक ऐसा संगठन है, जो बौद्धिक और वैचारिक स्तर पर विचारधारा को सुरक्षित करने का काम करता है.

लेखक पर होनी चाहिए आपत्ति
प्रशिक्षण शिविर में सावरकर पर बांटी जा रही किताब के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए ये पहली बार नहीं हुआ है. कोई हमने मनगढ़त नहीं किया है. एक बहुत बड़े लेखक की किताब फ्रीडम एट मिडनाइट का संदर्भ है, जो किताब में लिखा है, वही भाषा बुकलेट में दी गई है. इसलिए जिसने ये लिखा है उसके खिलाफ आपत्ति होनी चाहिए. बीजेपी के विरोध पर उन्होंने कहा कि सबका अपना-अपना नजरिया है, जिसे रखने के लिए सब स्वतंत्र हैं.

यहां से शुरू हुआ था विवाद
राजधानी भोपाल स्थित बैरागढ़ में कांग्रेस सेवादल के दस दिवसीय राष्‍ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में बुकलेट बांटी गई थी. जिसमें वीर सावरकर और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे तथा वीर विनायक सावरकर को लेकर अभद्र टिप्‍पणी भी की गई है.

आरएसएस और सेवादल में बताया अंतर
आरएसएस और सेवा दल में अंतर के सवाल पर पीएल पुनिया ने कहा कि सेवा दल की स्थापना 1923 में हुई. दो साल बाद आर एस एस की स्थापना हुई. आर एस एस का एजेंडा समाज को बांट कर धर्म के आधार पर राजनीति करना है. वे अपने आप को सामाजिक सांस्कृतिक संगठन बताते हैं, लेकिन शुद्ध रूप से बीजेपी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करते हैं, जबकि सेवादल कांग्रेस का संगठन है, ये कांग्रेस की विचारधारा को कार्यकर्ता तक पहुंचाने का काम विशेष रूप से करते हैं. समाज में सामंजस्य स्थापित हो, भाईचारा हो. इसीलिए इस कार्यक्रम में समानता का विषय रखा गया है, जो हमारे संविधान की मूल आत्मा है.

Intro:भोपाल।राजधानी में चल रहे सेवादल के अखिल भारतीय प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में आज कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के प्रभारी पीएल पुनिया भोपाल पहुंचे थे। जहां उन्होंने सावरकर को लेकर बांटी जा रही बुकलेट के सवाल पर कहा कि हम जो भी कह रहे हैं, वह मनगढ़त नहीं है। उनके बारे में जो कहा गया है,वह एक बहुत बड़े लेखक की किताब का संदर्भ है। इसलिए आपत्ति लेखक से होना चाहिए। वहीं उन्होंने आर एस एस पर टिप्पणी करते हुए का आर एस एस का एजेंडा समाज को बांटकर धर्म के नाम पर राजनीति करने का है।Body:इस अवसर पर पीएल पुनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस सेवा दल ने राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है।सेवादल एक ऐसा संगठन है, जो बौद्धिक और वैचारिक स्तर पर विचारधारा को सुरक्षित करने का काम करता है। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि उन्होंने मुझे आमंत्रित किया।

प्रशिक्षण शिविर में सावरकर पर बांटी जा रही किताब के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए यह पहली बार नहीं हुआ है। कोई हमने मनगढ़त नहीं किया है। एक बहुत बड़े लेखक की किताब फ्रीडम एट मिडनाइट का संदर्भ है,जो उसमें लिखा है,वही भाषा दी है। तो जिसने यह लिखा है उसके खिलाफ आपत्ति होनी चाहिए। हर विषय में हम लोगों को बताते हैं। सावरकर के बारे में भी है , नाथूराम गोडसे के बारे में भी है।यह लोग नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने का काम करते हैं। उन्हें देशभक्त और राष्ट्रभक्त बताते हैं, तो उनसे पूछिए कि तथ्य गलत है।जिन्होंने किताब लिखी है उनके खिलाफ कार्यवाही करना चाहिए। बीजेपी के विरोध पर उन्होंने कहा कि सबका अपना-अपना नजरिया है, जिसे रखने के लिए सब स्वतंत्र हैं।Conclusion:वही आर एस एस और सेवा दल में अंतर के सवाल पर पीएल पुनिया ने कहा कि सेवा दल की स्थापना 1923 में हुई। दो साल बाद आर एस एस की स्थापना हुई। आर एस एस का एजेंडा समाज को बांट कर धर्म के आधार पर राजनीति करना है । वह अपने आप को सामाजिक सांस्कृतिक संगठन बताते हैं। लेकिन शुद्ध रूप से बीजेपी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करते हैं ।सेवादल कांग्रेस का संगठन है, यह कांग्रेस की विचारधारा को कार्यकर्ता तक पहुंचाने का काम विशेष रूप से करते हैं। समाज में सामंजस्य स्थापित हो, भाईचारा हो।आज इसीलिए इस कार्यक्रम में समानता का विषय रखा गया है, जो हमारे संविधान की मूल आत्मा है।
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