भोपाल। प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ अब सब कुछ ठीक करने की राह पर निकल पड़े हैं. संगठन में जरूरी फेरबदल करने के साथ ही पार्टी में असंतुष्टों को मनाने की कवायद भी शुरू हो गई है. इस सूची में प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ से रूठे हुए को मनाना भी शामिल है.
कमलनाथ से असंतुष्ट चल रहे पूर्व मंत्री अजय सिंह राहुल को मनाने के लिए कुछ फेरबदल किया जा रहा है. इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब रीवा के जिला प्रभारी नियुक्त किए गए चौधरी राकेश सिंह का प्रभार बदले जाने की तैयारी की जा रही है. इसके साथ ही विंध्य में कमलेश्वर पटेल और अजय सिंह राहुल के बीच भी सुलह कराने के प्रयास तेज हो गए हैं.
दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद भोपाल लौटे पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पिछले दिनों अलग-अलग बैठकों के जरिए संगठन में बदलाव के लिए सलाह मशविरा किया है. सूत्र बताते हैं कि इससे पहले पूर्व मंत्री अजय सिंह राहुल के साथ भी उनकी अनौपचारिक मुलाकात हो चुकी है. इस मुलाकात के बाद ही रीवा जिला प्रभारी बनाए गए चौधरी राकेश सिंह का प्रभार बदले जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं.
बताया जा रहा है कि इसके लिए चौधरी राकेश सिंह ने बाकायदा एक पत्र लिखकर कहा है कि उनका प्रभार बदल दिया जाए और उन्हें उनके गृह नगर के आसपास के जिले का प्रभार दिया जाए.
उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में भी कहा कि वो पार्टी संगठन की बेहतरी के लिए किसी भी जिम्मेदारी या बेदखली के लिए तैयार हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की स्थिति मजबूत है और अगले चुनाव में वो वापसी करेगी.
पार्टी संगठन में बदलाव को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि संगठन में परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जब हमें अधिनायकवादी फ़ौज से लड़ना है, फिरकापरस्त ताकतों से लड़ना है तो हमारे संगठन में आमूलचूल परिवर्तन करना जरूरी है। मिश्रा ने कहा कि हम लोगों के बाद की बैच भी तैयार होना चाहिए ,जब तक सेकंड लाइन तैयार नहीं होगी, तब तक 21वीं सदी में हमारे लड़ने का सपना अधूरा रहेगा. परिवर्तन होगा परिवर्तन शाश्वत है. हमारे सीनियर लीडरों का अनुभव और नौजवानों की शक्ति यह दोनों मिलकर कांग्रेस पार्टी 2023 का मुकाबला करने के लिए सक्षम होगी.
कोई असंतुष्ट नही, सिंधिया थे पनौती प्रवक्ता
केके मिश्रा ने कहा कि हमारे यहां सबसे बड़ी बीमारी थी ज्योतिरादित्य सिंधिया. उस संक्रमण के हटने बाद अब हमारे यहां कोई असंतुष्ट नहीं है. जिस दिन से सिंधिया नामक पनौती कांग्रेस से गई है, हमारे कार्यालय के दरवाजे सुरक्षित हैं और खिड़कियां सुरक्षित हैं. वे जब भी यहां आते थे दरवाजे टूटते थे और कांच फूटते थे, लेकिन अब कील भी नहीं निकली है.
बयानबाजी से झलका था असंतोष
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपनी मैहर दौरे के दौरान कहा था कि अगर विंध्य में कांग्रेस कार्यकर्ता और मेहनत करते तो ज्यादा सीटें आती और हमारी सरकार नहीं गिरती. इसके बाद सतना दौरे पर कांग्रेसी नेता अजय सिंह ने यह कहकर अपना असंतोष जाहिर कर दिया था कि कमल नाथ विंध्य का अपमान कर रहे हैं. सरकार गिरने का कारण विंध्य नहीं बल्कि खुद कमलनाथ थे.वे चाहते तो सरकार बची रहती. इसके बाद कमलनाथ ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आये चौधरी राकेश सिंह को रीवा जिले का प्रभारी बना दिया था.