भोपाल। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के मुद्दों से कांग्रेस पार्टी ही किनारा करती जा रही है. विधानसभा में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के मुद्दे के स्थान पर कांग्रेस 13 मार्च को महंगाई, बिगड़ती कानून व्यवस्था और प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. मध्यप्रदेश कांग्रेस ने जीतू पटवारी द्वारा उठाई गई 3000 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की मांग से भी किनारा कर लिया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने पत्रकार वार्ता कर साफ कर दिया है कि यह प्रदर्शन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर किया जा रहा है. जबकि, कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने इसे अपने निष्कासन से जोड़ा था.
संगठन के पहले जीतू ने धरना प्रदर्शन की सूचना दी थी: दरअसल, कांग्रेस द्वारा 13 मार्च को किए जा रहे राजभवन घेराव की जानकारी कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से पहले कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया के जरिए देते हुए कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में इसमें शामिल होने की अपील की थी. उन्होंने 13 मार्च को होने वाले राजभवन घेराव और धरना प्रदर्शन को अपने निलंबन से भी जोड़ा था. पटवारी ने कहा था कि जिस तरह से मेरा निलंबन किया गया ऐसे ही धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले जनप्रतिनिधियों को निलंबन का डर दिखाया जाएगा. जीतू पटवारी ने धरना प्रदर्शन की एक वजह गेहूं का समर्थन मूल्य ₹3000 किए जाने की मांग को भी बताया था. (Congress Internal Politics)
पटवारी के मुद्दों से कांग्रेस ने ही किनारा कर लिया: विधानसभा में बीजेपी के लिए मुसीबत बनने के बाद निष्कासित किए गए कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के मुद्दों से कांग्रेस ने ही किनारा कर लिया है. कांग्रेस प्रदेश कार्यालय ने पत्रकार वार्ता कर बताया है कि राजभवन घेराव अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यालय के निर्देश पर किया जा रहा है. प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा उद्योगपति गौतम अडानी के पक्ष में अपनाई गई क्रोनी कैपिटलिज्म की नीति से गहराये आर्थिक संकट, देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़े वर्ग और महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर यह राजभवन का घेराव किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राजभवन घेराव कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल, पीसीसी चीफ कमलनाथ और प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेता विधायक और कार्यकर्ता शामिल होंगे.
निलंबन के मुद्दे को छोड़ सकती है कांग्रेस: उधर, बताया जा रहा है कि विधानसभा में कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के मुद्दे को लेकर भी पीछे हट सकती है. जीतू पटवारी के निलंबन के बाद कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का निर्णय लिया था, साथ ही संसदीय कार्य मंत्री द्वारा नेता प्रतिपक्ष पर किताब फेंके जाने के मुद्दे को लेकर भी विशेषाधिकार हनन का मामला लाने को कहा था. हालांकि, इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा सदन में माफी मांग चुके हैं. उधर, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम कह चुके हैं कि जीतू पटवारी के निलंबन पर पुनर्विचार किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस भी इस मामले को लेकर ज्यादा आगे बढ़ने के मूड में नहीं है. इस मुद्दे को खत्म कर कांग्रेस दूसरे मुद्दों को लेकर सत्तापक्ष को घेरने की तैयारी कर रही है. गौरतलब है कि 27 फरवरी से शुरू हुए विधानसभा सत्र को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. हालांकि, इस दौरान कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी अपनी तीखी टिप्पणियों से सदन में छाए रहे.