भोपाल। विधानसभा सत्र में पेश हुए अविस्वास प्रस्ताव की चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक काफी आक्रामक मूड में दिखे. मंत्री मोहन यादव द्वारा राम व सीता के बयान को लेकर कांग्रेस ने माफी मांगने की मांग को लेकर हंगामा किया. विपक्षी विधायकों का कहना था कि मंत्री मोहन यादव ने माता सीता के प्रति अपमानजनक शब्द बोले हैं. मंत्री मोहन यादव को माफी मांगनी चाहिए. इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वे इसके लिए माफी मांगते हैं.
रामेश्वर शर्मा के बयान पर गर्मागर्म बहस : बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा के संबोधन के दौरान भी सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई. रामेश्वर शर्मा और कंग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधो के बीच तीखी नोकझोंक हुई. कांग्रेस ने रामेश्वर शर्मा से माफी मांगने की मांग की. रामेश्वर शर्मा ने कहा था हमारे राम है, हमारी सीता हैं. आपका क्या है. रामेश्वर शर्मा का बयान था कि कांग्रेस राम को काल्पनिक बताती है. विवाद के दौरान सदन में जयश्री राम के नारे लगे.
सीएम बोले- कांग्रेस में दिखा अविश्वास : अपने संबोधन के दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव आज तक नहीं देखा. कांग्रेस में एक-दूसरे पर ही अविश्वास है. सीएम ने कहा कि कांग्रेसी हम पर आरोप लगाते हैं कि सरकार हमने गिराई, लेकिन असल हकीकत ये है कि निर्दलीय सहित कुछ लोग उसी दिन हमारे साथ आ रहे थे, लेकिन मेरी अंतरात्मा ने नहीं माना. और मैंने कमलनाथ से कहा कि आपको बधाई. आपके पास 114 सीटें हैं. यदि हम चाहते तो सरकार ही नहीं बनने देते, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया.
शिवराज बोले- बंद योजनाएं हमने शुरू की : Cm शिवराज के भाषण के बीच लक्ष्मण सिंह ने कहा कि आपसे किसी ने नहीं पूछा कि सरकार कैसे गिरी. आप तो उन आरोपों का जवाब दो, जो कांग्रेस विधायकों ने पूछे हैं. इस पर सीएम शिवराज कहा कि 15 महीने में IAS, IPS सहित 15 हजार से ज्यादा ट्रांसफर हुए. वल्लभ भवन को दलाली का अड्डा बना दिया था. मैं आज ऑन रिकॉर्ड बोल रहा हूं. सीएम शिवराज ने कहा कि जब हमारी सरकार आई तो मुझसे कहा गया की हम भी eow का इस्तेमाल करें लेकिन मैंने कहा कि हम गंदी राजनीति नहीं करते. कांग्रेस ने कई योजनाओं को बंद कर दिया था, जिसे हमने फिर से शुरू किया. आदिवासी की बैगा जनजाति को 1 हजार रुपए देना हमने शुरू किए. विधायक हीरालाल के अलावा और ओमकार मरकाम से सीएम शिवराज ने पूछा कि योजना बंद हुई, फिर भी आपने आवाज क्यों नहीं उठाई. इस पर जीतू पटवारी बोले यदि आपके पास कोई प्रमाण हैं तो सदन के पटल पर रखिए.