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मौत की कश्ती पर सियासी संग्राम, सबूतों के साथ कांग्रेस ने बीजेपी को बताया जिम्मेदार

नाव हादसे पर सूबे में सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी जहां कमलनाथ सरकार पर लापरवाही के आरोप लगा रही है, वहीं अब कांग्रेस ने इस घटना का जिम्मेदार पूर्व की शिवराज सरकार हो ठहराया है.

शिवराज सिंह, पूर्व सीएम, एमपी
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Published : Sep 14, 2019, 8:11 PM IST

Updated : Sep 14, 2019, 9:24 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में हुए नाव हादसे पर सियासत तेज होती जा रही है. कमलनाथ सरकार ने इस हादसे का जिम्मेदार पूर्व की शिवराज सरकार को ठहराया है. कांग्रेस का कहना है कि 20 मार्च 2016 को हुई घटना की जांच रिपोर्ट पर तत्कालीन सरकार ने अमल किया होता तो शायद 11 लोगों की मौत नहीं होती.

कांग्रेस ने नाव हादसे का जिम्मेदार बीजेपी को ठहराया है

कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का आरोप है कि 2016 में हुई घटना के बाद बीजेपी की शिवराज सरकार ने लापरवाही बरती थी, जिसका खामियाजा आज नाव हादसे में 11 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है. कांग्रेस का कहना है कि जांच रिपोर्ट पर अमल कर खटलापुरा में गणेश विसर्जन पर रोक लगा दी गई होती तो शायद 11 जानें बच जाती.

Incident Report on 20 March 2016
20 मार्च 2016 को हुई घटना की जांच रिपोर्ट

क्या है 20 मार्च 2016 की घटना
तत्कालीन शिवराज सरकार में 20 मार्च 2016 को राजधानी भोपाल के खटलापुरा घाट पर नाव हादसे जैसी घटना हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गयी थी. जिसकी जांच के लिए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने आदेश दिए थे और तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने जांच की थी. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में खटलापुरा में गहराई ज्यादा होने के चलते विसर्जन पर रोक लगाने की सिफारिश की थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

क्या थे जांच रिपोर्ट के बिंदु
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव के मुताबकि तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने स्थानीय लोगों, नाविकों और तैराकों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की थी. जिसमें घटना के कारणों और घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान करना, घटनास्थल पर सुरक्षा उपायों की जांच करना और दोबारा ऐसी घटना न हो, इसके लिए सुझाव दिये थे, लेकिन उस रिपोर्ट का आज तक कोई अता-पता नहीं है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में हुए नाव हादसे पर सियासत तेज होती जा रही है. कमलनाथ सरकार ने इस हादसे का जिम्मेदार पूर्व की शिवराज सरकार को ठहराया है. कांग्रेस का कहना है कि 20 मार्च 2016 को हुई घटना की जांच रिपोर्ट पर तत्कालीन सरकार ने अमल किया होता तो शायद 11 लोगों की मौत नहीं होती.

कांग्रेस ने नाव हादसे का जिम्मेदार बीजेपी को ठहराया है

कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का आरोप है कि 2016 में हुई घटना के बाद बीजेपी की शिवराज सरकार ने लापरवाही बरती थी, जिसका खामियाजा आज नाव हादसे में 11 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है. कांग्रेस का कहना है कि जांच रिपोर्ट पर अमल कर खटलापुरा में गणेश विसर्जन पर रोक लगा दी गई होती तो शायद 11 जानें बच जाती.

Incident Report on 20 March 2016
20 मार्च 2016 को हुई घटना की जांच रिपोर्ट

क्या है 20 मार्च 2016 की घटना
तत्कालीन शिवराज सरकार में 20 मार्च 2016 को राजधानी भोपाल के खटलापुरा घाट पर नाव हादसे जैसी घटना हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गयी थी. जिसकी जांच के लिए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने आदेश दिए थे और तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने जांच की थी. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में खटलापुरा में गहराई ज्यादा होने के चलते विसर्जन पर रोक लगाने की सिफारिश की थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

क्या थे जांच रिपोर्ट के बिंदु
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव के मुताबकि तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने स्थानीय लोगों, नाविकों और तैराकों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की थी. जिसमें घटना के कारणों और घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान करना, घटनास्थल पर सुरक्षा उपायों की जांच करना और दोबारा ऐसी घटना न हो, इसके लिए सुझाव दिये थे, लेकिन उस रिपोर्ट का आज तक कोई अता-पता नहीं है.

Intro:भोपाल। राजधानी के खटलापुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान हुई घटना को लेकर अब सियासत तेज हो गई है। खासकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह घटना के बाद लगातार कमलनाथ सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लेकिन अगर इस घटना की तह में जाया जाए, तो इसी स्थान पर 20 मार्च 2016 को ऐसी ही घटना घट चुकी है, जिसमें 5 लोगों की मौत हुई थी। तब शिवराज सिंह मुख्यमंत्री हुआ करते थे और इस घटना की जांच के आदेश दिए गए थे। घटना की जांच तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने की थी और उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में खटलापुरा में गहराई ज्यादा होने के कारण विसर्जन पर रोक लगाने की सिफारिश की थी।लेकिन इस जांच रिपोर्ट का वही हाल हुआ, जो शिवराज सिंह के कार्यकाल में दूसरी जांच रिपोर्ट का हुआ है। अगर इस रिपोर्ट पर अमल कर खटला पुरा में गणेश विसर्जन पर रोक लगा दी गई होती, तो शायद 11 जाने बच जाती।Body:खटलापुरा में गणेश विसर्जन के दौरान 11 युवाओं की मौतों पर सियासत रुकने का नाम नहीं ले रही है। जब विपक्ष इस हादसे के लिए कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है, तो कांग्रेस भी इस घटना को लेकर शिवराज सिंह की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। क्योंकि ऐसा ही हादसा 20 मार्च 2016 को खटला पुरा घाट पर घटा था, जिसमें 5 युवाओं की जान गई थी। इस घटना के बाद तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार ने घटना की जांच के निर्देश दिए थे और तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने घटना की जांच की थी।जांच के प्रमुख बिंदु घटना के कारणों और घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान करना, घटना स्थल पर सुरक्षा उपायों की जांच करना और दोबारा ऐसी घटना ना हो इसके लिए सुझाव देना थे।तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने घटना की जांच के बाद सिफारिश की थी कि खटलापुरा में गणेश विसर्जन बंद कर देना चाहिए। उन्होंने जांच रिपोर्ट तैयार करते हुए स्थानीय लोगों, नाविको और तैराकों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की थी।अपनी रिपोर्ट में उन्होंने घटना रोकने के लिए खटलापुरा में विसर्जन बंद करने की सलाह दी थी। क्योंकि जानकार लोगों ने बताया था कि खटलापुरा में काफी गहराई है और इधर विसर्जन करने के दौरान कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।लेकिन इस जांच रिपोर्ट का वही हाल हुआ, जो अन्य जांच रिपोर्ट का होता है जांच रिपोर्ट शिवराज सिंह सरकार में पेश कर दी गई, लेकिन सरकार ने इस रिपोर्ट की सिफारिशों पर अमल नहीं किया।Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि भोपाल में मार्च 2016 में छोटे तालाब में पांच युवकों की डूबने से मौत हो गई थी। उस समय तत्कालीन शिवराज सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने दुर्घटना की जांच की और आगे इस तरह की घटनाएं ना हो, इसके लिए रिपोर्ट तैयार की थी। लेकिन शिवराज सिंह ने इस मामले में लापरवाही का परिचय दिया। ना रिपोर्ट का कोई अता पता चला और ना सिफारिशों पर अमल हुआ। अगर रिपोर्ट की सिफारिशों पर अमल हुआ होता,तो यह दुर्घटना नहीं होती। इस दुर्घटना के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार माना जाना चाहिए। यदि इस रिपोर्ट पर अमल हुआ होता तो 11 युवकों की जान नहीं जाती।
Last Updated : Sep 14, 2019, 9:24 PM IST
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