भोपाल। राजधानी भोपाल में हुए नाव हादसे पर सियासत तेज होती जा रही है. कमलनाथ सरकार ने इस हादसे का जिम्मेदार पूर्व की शिवराज सरकार को ठहराया है. कांग्रेस का कहना है कि 20 मार्च 2016 को हुई घटना की जांच रिपोर्ट पर तत्कालीन सरकार ने अमल किया होता तो शायद 11 लोगों की मौत नहीं होती.
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का आरोप है कि 2016 में हुई घटना के बाद बीजेपी की शिवराज सरकार ने लापरवाही बरती थी, जिसका खामियाजा आज नाव हादसे में 11 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है. कांग्रेस का कहना है कि जांच रिपोर्ट पर अमल कर खटलापुरा में गणेश विसर्जन पर रोक लगा दी गई होती तो शायद 11 जानें बच जाती.
क्या है 20 मार्च 2016 की घटना
तत्कालीन शिवराज सरकार में 20 मार्च 2016 को राजधानी भोपाल के खटलापुरा घाट पर नाव हादसे जैसी घटना हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गयी थी. जिसकी जांच के लिए तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने आदेश दिए थे और तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने जांच की थी. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में खटलापुरा में गहराई ज्यादा होने के चलते विसर्जन पर रोक लगाने की सिफारिश की थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
क्या थे जांच रिपोर्ट के बिंदु
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव के मुताबकि तत्कालीन नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने स्थानीय लोगों, नाविकों और तैराकों से बातचीत कर रिपोर्ट तैयार की थी. जिसमें घटना के कारणों और घटना के जिम्मेदार लोगों की पहचान करना, घटनास्थल पर सुरक्षा उपायों की जांच करना और दोबारा ऐसी घटना न हो, इसके लिए सुझाव दिये थे, लेकिन उस रिपोर्ट का आज तक कोई अता-पता नहीं है.