भोपाल| कमलनाथ सरकार के द्वारा राजधानी भोपाल के नगर निगम को बांटे जाने का मुद्दा अभी भी गरमााया हुआ है. जहां एक तरफ कांग्रेसी इस निर्णय का पक्ष ले रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी इसके विरोध में खड़ी है. बीजेपी ने लगातार हर मोर्चे पर दो नगर निगम बनाए जाने का विरोध किया है. वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं.
इस मुद्दे को लेकर कुछ दिनों पहले ही वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का कहना है कि कांग्रेस की सरकार दो नगर निगम बनाकर सौ सालों के इतिहास को कलंकित करने का काम कर रही है, जिसे सुधारने में कई साल लग जाएंगे.
गोपाल भार्गव का कहना है कि प्रदेश सरकार की दो नगर निगम बनाने की कोशिश सबसे गिरी हुई राजनीति और कूटनीतिक पहल है. राज्य के 64वें साल के इतिहास में ऐसा ब्रिटिश काल के दौरान भी नहीं हुआ है जो अब किया जा रहा है. मुगल भी रहे अंग्रेज भी रहे और उसके बाद चुनाव भी हुए और आज भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम कर रहे हैं, लेकिन पिछले सौ सालों के इतिहास में इस तरह का कुकर्म किसी भी शासक, किसी भी नेता, किसी भी पार्टी ने कभी नहीं किया है.
वहीं भार्गव का मानना है कि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की बात सोच भी नहीं सकता है कि दो नगर निगम बनाए जाएं. ये मध्यप्रदेश के हृदय के साथ खिलवाड़ किया जा रह है. भोपाल के टुकड़े-टुकड़े कर इसकी हैसियत को भी कम किया जा रहा है, साथ ही इसे सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकृत करने का काम सरकार कर रही है.