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कांग्रेस ने बनाई प्रशासनिक अत्याचार प्रतिरोध समिति, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बने अध्यक्ष - पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बने अध्यक्ष

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामलों में विधिक कार्यवाही को लेकर प्रशासनिक अत्याचार प्रतिरोध समिति का गठन किया है. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को इस समिति का अध्यक्ष बनाया है. समिति में 9 सदस्य शामिल किए गए हैं. (Administrative atrocities resistance committee) ( Digvijay Singh became chairman of committee)

Digvijay Singh became president of committee
प्रशासनिक अत्याचार प्रतिरोध समिति
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Published : Apr 14, 2022, 3:04 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अत्याचार रोकने के लिए पार्टी ने प्रशासनिक अत्याचार प्रतिरोध समिति बनाई है. यह समिति मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लगातार अपनी राजनीतिक विरोधियों विशेषकर कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध झूठे प्रकरण दर्ज करने संबंधी मामले देखेगी. समिति ऐसे सभी मामलों में विधिक कार्यवाही एवं राजनीतिक स्तर पर संघर्ष के लिए रणनीति तैयार करेगी.

नेताओं को संभागवार जिम्मा सौंपा : समिति में संभागवार सदस्य बनाए गए हैं. पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ग्वालियर -चंबल संभाग, विधायक आरिफ मसूद भोपाल संभाग, पूर्व विधायक बाला बच्चन और प्रवक्ता केके मिश्रा इंदौर संभाग, विधायक रामलाल मालवीय उज्जैन संभाग, प्रभु सिंह ठाकुर और अरुणोदय चौबे सागर संभाग, विधायक विनय सक्सेना जबलपुर संभाग और राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल रीवा संभाग से समिति के सदस्य होंगे. कमलनाथ ने जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों से कहा है कि वे अपने जिले में दर्ज किए गए ऐसे सभी प्रकरणों की सूची और संबंध संबंधित दस्तावेज दिग्विजय सिंह अथवा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जेपी धनोपिया के पास जमा करा सकते हैं.

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नहीं रुक रहे दग्विजय सिंह : उधर, खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में विवादित ट्वीट पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के खिलाफ लगभग पूरे प्रदेश में ही एफआईआर और मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इससे नाराज दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए खरगोन दंगे को पूरी तरह से भाजपा प्रायोजित बताया है. उन्होंने खरगोन में रामनवमी के दिन हुई हिंसा को बीजेपी और मुस्लिम संगठनों के मिलीभगत बताया है. (Administrative atrocities resistance committee) ( Digvijay Singh became president of committee)

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर अत्याचार रोकने के लिए पार्टी ने प्रशासनिक अत्याचार प्रतिरोध समिति बनाई है. यह समिति मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लगातार अपनी राजनीतिक विरोधियों विशेषकर कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के विरुद्ध झूठे प्रकरण दर्ज करने संबंधी मामले देखेगी. समिति ऐसे सभी मामलों में विधिक कार्यवाही एवं राजनीतिक स्तर पर संघर्ष के लिए रणनीति तैयार करेगी.

नेताओं को संभागवार जिम्मा सौंपा : समिति में संभागवार सदस्य बनाए गए हैं. पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ग्वालियर -चंबल संभाग, विधायक आरिफ मसूद भोपाल संभाग, पूर्व विधायक बाला बच्चन और प्रवक्ता केके मिश्रा इंदौर संभाग, विधायक रामलाल मालवीय उज्जैन संभाग, प्रभु सिंह ठाकुर और अरुणोदय चौबे सागर संभाग, विधायक विनय सक्सेना जबलपुर संभाग और राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल रीवा संभाग से समिति के सदस्य होंगे. कमलनाथ ने जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों से कहा है कि वे अपने जिले में दर्ज किए गए ऐसे सभी प्रकरणों की सूची और संबंध संबंधित दस्तावेज दिग्विजय सिंह अथवा प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जेपी धनोपिया के पास जमा करा सकते हैं.

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नहीं रुक रहे दग्विजय सिंह : उधर, खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के मामले में विवादित ट्वीट पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के खिलाफ लगभग पूरे प्रदेश में ही एफआईआर और मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इससे नाराज दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए खरगोन दंगे को पूरी तरह से भाजपा प्रायोजित बताया है. उन्होंने खरगोन में रामनवमी के दिन हुई हिंसा को बीजेपी और मुस्लिम संगठनों के मिलीभगत बताया है. (Administrative atrocities resistance committee) ( Digvijay Singh became president of committee)

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