भोपाल। बालाघाट और मंडला में गरीबों को घटिया चावल बांटने के मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होनें मंत्री बिसाहू लाल सिंह को तत्काल पद से बर्खास्त करने की मांग करने के साथ ही जांच की मांग की है. भूपेंद्र गुप्ता ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर हैरानी जाहिर की है कि मध्यप्रदेश में कोरोना त्रासदी के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली में चावल बांटा गया, वह मनुष्यों के खाने योग्य नहीं था. लोगों को बांटा गया चावल जानवरों के खाने लायक था.
उनका कहना है कि इस महामारी के वक्त अपने गरीब और भूखे नागरिकों को इस तरह का घटिया अनाज शासन द्वारा प्रदान करना कितना घिनौना क्रूर और अपराधिक हो सकता है. इसके लिए समाज के पास शब्द नहीं हैं. भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि बालाघाट और मंडला जिले में वेयरहाउस एवं राशन की दुकान पर शासकीय वितरण प्रणाली में बांटे जा रहे चावलों की शिकायत पर केंद्र सरकार की टीम ने सैंपल लिए थे. 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच लिए गए 32 सैंपलों को केंद्रीय टीम ने दिल्ली की सीजीएएल लैब में जांच के लिए भेजा था. जो लैब न केवल भारत बल्कि सार्क देशों के लिए भी जांच में श्रेष्ठ मानी जाती है.
लैब ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ये चावल ह्यूमन कंजंप्शन के योग्य नहीं हैं, जो चावल सप्लाई किया गया है, वो पोल्ट्री ग्रेड का था. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि पूरे प्रदेश में घटिया चावल सप्लाई कर अच्छा चावल गायब किए जाने के कई प्रकरण सामने आए थे. मंदसौर, शहडोल सहित कई जिलों में ट्रक के ट्रक पकड़े जाने की खबरें आई थी, लेकिन शिवराज सरकार इन खबरों को दबाने में ही अपनी जान लगाए जा रही है.
अगर समय पर जांच की जाती तो करोड़ों लोगों को ये अनाज बांटे जाने से रोका जा सकता था. सरकार में जिन गैर विधायकों को मंत्री बनाया गया है, वे भी बेखबर होकर अपना चुनाव बचाने में लगे हैं और मंत्री पद का दुरुपयोग कर केवल राजनीति कर रहे हैं. इतना अपराधिक दुष्कृत्य खाद्य आपूर्ति विभाग की आंखों तले किया गया है. उसके मंत्री बिसाहू लाल सिंह को तत्काल पद से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता से इस लापरवाही के लिए माफी मांगनी चाहिए. कांग्रेस भाजपा की सौदागर सरकार का काला चेहरा लेकर घर घर जाएगी.