भोपाल। कोरोना काल में बालाघाट और मंडला में गरीबों को बांटे गए जानवरों के चावल का मामला बढ़ता जा रहा है. मध्यप्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश के राशन माफिया पर 100 करोड़ का घोटाला करने का आरोप लगाया है और कहा है कि इस मामले में जांच के बाद भी छतरपुर जिले के नौगांव ब्लॉक में दो प्राथमिक शाला में 3 सितंबर को यही अनाज भेजा गया है. कांग्रेस ने कहा है कि 2016 में बालाघाट से 70 रैक गायब होने के मामले की अगर जांच की जाए, तो सब हकीकत सामने आ जाएगी. कांग्रेस ने इस घोटाले का कनेक्शन महाराष्ट्र के गोंदिया जिले से बताया है. कांग्रेस ने बालाघाट, गोंदिया और बालाघाट के वारासिवनी के मिलर्स के पिछले 10 साल के बिजली बिल की जांच करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि यह राशन माफिया हर साल लगभग एक हजार करोड़ का घोटाला करता है और नीचे से लेकर ऊपर तक जलेबियां शीरा पी जाती हैं. उन्होंने मांग की है कि इस मामले में FCI जांच करें. साथ ही मिलर्स के पिछले 10 साल के बिजली बिल की जांच की जाए.
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भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि इस घोटाले में FCI के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. इसलिए उन्हें भी जांच के दायरे में लाया जाए. FCI क्योंकि केंद्र सरकार का संगठन है, इसलिए जांच CBI से कराना ही न्याय संगत होगा. जिन अधिकारियों ने पूरे प्रदेश में छापामारी शुरू हो जाने के बावजूद स्कूली बच्चों को जानवरों के खाने योग्य अनाज सप्लाई किया है, उनकी तत्काल गिरफ्तारी की जाए.