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कांग्रेस का बीजेपी पर बड़ा आरोप, मिलावटखोरों को संरक्षण दे रहे भाजपा नेता

प्रदेश कांग्रेस की मीडिया अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस करके बीजेपी और केंद्रीय गृह मंत्रालय पर मिलावटखोरों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाए.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
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Published : Oct 22, 2019, 10:43 PM IST

भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान छेड़ा है, लेकिन बीजेपी लगातार इस अभियान पर सवाल खड़े कर रही है. जिस पर कांग्रेस ने एक प्रेसवार्ता कर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन आरोपों के कठघरे में बीजेपी के नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सवालों के घेरे में है.
दरअसल उज्जैन में मिलावटखोरी के एक मामले में कीर्ती वर्धन केलकर नाम के व्यक्ति के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी. जिसे केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने निरस्त कर दिया.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष शोभा ओझा और उपाध्यक्ष अभय दुबे ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूछना चाहती है कि क्या भाजपा नेता प्रदेश के साथ घिनौना षड्यंत्र कर रहे हैं. एक बेहद चौंकाने वाला और शर्मनाक तथ्य सामने आया है कि हाल ही में मिलावटखोरी के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद उज्जैन के एक आरोपी कीर्ती वर्धन केलकर पर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की थी. मगर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रासूका की कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया.उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ये बताएं कि क्या इस आरोपी को आपका संरक्षण प्राप्त है? क्या केंद्रीय गृहमंत्री को अंधेरे में रखकर आप लोगों ने मिलावटखोरी के आरोपी की रासूका की कार्रवाई को निरस्त करवाया है.

भोपाल। प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान छेड़ा है, लेकिन बीजेपी लगातार इस अभियान पर सवाल खड़े कर रही है. जिस पर कांग्रेस ने एक प्रेसवार्ता कर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इन आरोपों के कठघरे में बीजेपी के नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सवालों के घेरे में है.
दरअसल उज्जैन में मिलावटखोरी के एक मामले में कीर्ती वर्धन केलकर नाम के व्यक्ति के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी. जिसे केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने निरस्त कर दिया.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया अध्यक्ष शोभा ओझा और उपाध्यक्ष अभय दुबे ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूछना चाहती है कि क्या भाजपा नेता प्रदेश के साथ घिनौना षड्यंत्र कर रहे हैं. एक बेहद चौंकाने वाला और शर्मनाक तथ्य सामने आया है कि हाल ही में मिलावटखोरी के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद उज्जैन के एक आरोपी कीर्ती वर्धन केलकर पर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की थी. मगर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रासूका की कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया.उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ये बताएं कि क्या इस आरोपी को आपका संरक्षण प्राप्त है? क्या केंद्रीय गृहमंत्री को अंधेरे में रखकर आप लोगों ने मिलावटखोरी के आरोपी की रासूका की कार्रवाई को निरस्त करवाया है.
Intro:भोपाल मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने मिलावट फूलों के खिलाफ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान छेड़ा है लेकिन बीजेपी लगातार इस अभियान पर सवाल खड़े कर रही है आज कांग्रेश ने एक प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं इन आरोपों के कठघरे में बीजेपी के नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय भी खड़ा हो गया है दरअसल उज्जैन में मिलावट खोरी के एक मामले में एक आरोपी के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी लेकिन केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने इस रासुका की कार्रवाई को निरस्त कर दिया है इस कार्रवाई को निरस्त किए जाने पर बीजेपी श्री कांग्रेस ने पूछा है कि बीजेपी क्या मिलावटखोरों के साथ खड़ी है।Body:मप्र कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा और उपाध्यक्ष अभय दुबे ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि कांग्रेस पूछना चाहती है कि क्या मध्यप्रदेश के भाजपा नेता प्रदेश के साथ घिनौना षड्यंत्र कर रहे हैं? एक बेहद चौंकाने वाला और शर्मनाक तथ्य सामने आया है कि हाल ही में मिलावटखोरी के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद उज्जैन के एक आरोपी कीर्ती वर्धन केलकर को प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रासूका में निरूद्ध किया था, मगर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रासूका की कार्यवाही को निरस्त कर दिया गया। यह वह व्यक्ति है, जिसके खिलाफ प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में 2015 में भी मिलावटखोरी का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें 30 जुलाई 2016 को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006, नियम-2011, विनियम-2011 के अंतर्गत अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी उज्जैन न्यायालय ने इस अपराधी को दोषी भी पाया था।

मप्र भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह,
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राकेश सिंह यह बतायें कि क्या इस आरोपी को आपका संरक्षण प्राप्त है? क्या केंद्रीय गृहमंत्री को अंधेरे में रखकर आप लोगों ने मिलावटखोरी के आरोपी की रासूका में निरूद्ध करने की कार्यवाही को निरस्त कराया है? गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के माध्यम से ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ छेड़ रखा है। अब तक 89 मिलावटखारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 31 मिलावटखोरों को रासूका के तहत निरूद्ध कर जेल भेजा गया है। प्रदेश भर में 19 जुलाई 2019 से 16 अक्टूबर 2019 तक दूध एवं दुग्ध उत्पादों एवं अन्य खाद्य्य पदार्थों, पान मसालों सहित कुल 7425 नमूने जांच के लिए दिये गये हैं, जिनमें से राज्य प्रयोगशाला और अन्य प्रयोगशालाओं से कुल 2147 सेम्पलों की रिपोर्ट आयी हैं, जिसमें से 666 अवमानक पाये गये हैं, 163 मिथ्या छाप पाये गये हैं, 40 मिलावटी पाये गये हैं, 36 असुरक्षित पाये गये हैं और 30 प्रतिबंधित पाये गये हैं।

Conclusion:कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उज्जैन के प्रकरण में कीर्ती वर्धन केलकर नामक व्यक्ति जो कि नकली घी बनाने का आरोपी है, दिनांक 30 जुलाई 2019 को उज्जैन प्रशासन ने नकली घी बनाते हुये तथा कैमिकल और रसायनों के साथ पकड़ा। मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस ने पाया कि ये व्यक्ति अपने परिसर में बेकरी शार्टनिंग के नाम पर मिलावटी घी का निर्माण कर रहा है। मौके पर प्रशासन और पुलिस ने मिलावट के लिए प्रयोग किये जाने वाले कैमिकल, एक टंकी मे तैयार किया गया 45 किलो मिलावटी घी इत्यादि सामान जप्त कर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया। जांच रिपोर्ट में सामग्री अवमानक स्तर की पायी गयी और आरोपी के खिलाफ एफ.एस.एस. एक्ट-2006 की धारा 26 (2)(पप) तथा नियम 2011 सहपठित धारा 51 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।

प्रशासन ने पाया कि यह व्यक्ति आदतन अपराधी है, क्योंकि इस व्यक्ति को वर्ष 2015 में भी खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं औषधि प्रशासन ने नकली घी बनाते हुये रसायनों के साथ पकड़ा था, जिस पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 26 (2)(पप) तथा नियम 2011 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था तथा प्रकरण अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एवं न्याय निर्णायक अधिकारी जिला उज्जैन के न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 12/2015 प्रस्तुत होकर विचारण उपरांत दिनांक 30.7.2016 को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत दंडित किया गया था।
इन परिस्थितियों के दृष्टिगत उक्त आरोपी को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 की धारा 3 (2) के तहत रासूका में निरूद्ध किया गया। तत्पश्चात आरोपी ने उच्च न्यायालय की शरण ली, मगर उच्च न्यायालय ने भी अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को कोई राहत प्रदान नहीं की। मगर दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिनांक 10.10.2019 को उक्त आरोपी पर की गई रासूका की कार्यवाही को राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनी-1980 की धारा 14 (1) के तहत रिवोक कर दिया।

यह बेहद शर्मनाक है कि मध्यप्रदेश भाजपा के बड़े नेता मिलावटखोरों के साथ सत्ता में रहते हुए भी खड़े थे और आज प्रतिपक्ष में हैं, तब भी मिलावटखोरों का साथ निभा रहे हैं। जबकि यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मिलावट मुक्त मध्यप्रदेश का संकल्प लिया है। जल्द ही कमलनाथ सरकार मिलावटखोरी के अपराधियों को आजन्म कारावास की सजा का प्रावधान करेगी। मिलावटखोरी के खिलाफ अभियान में कदम आगे बढ़ाते हुए इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला के संयुक्त भवनों के निर्माण की चरणबद्ध स्वीकृति प्रदान की है। हाल ही में इंदौर में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने प्रयोगशाला का भूमि पूजन भी किया है।
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