भोपाल। कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद जौरा में उपचुनाव होना है, जिसके लिए कांग्रेस-भाजपा ने उपचुनाव के लिए होमवर्क शुरू कर दिया है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी के अहम रणनीतिकार दिग्विजय सिंह और कमलनाथ अपने प्रबंधन के साथ सहानुभूति की लहर पर भी फोकस कर रहे हैं. संभावना है कि दिवंगत विधायक के बेटे प्रदीप शर्मा को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. दूसरी तरफ कांग्रेस अपनी सीट बचाए रखने के लिए जौरा क्षेत्र में प्रत्याशी चयन के लिए सर्वे कराना शुरू करा दिया है, सर्वे के जरिए कांग्रेस मतदाताओं का मन टटोलने की कोशिश कर रही है और पता लगा रही है कि मौजूदा स्थिति में कांग्रेस अपनी सीट बचाने में कामयाब हो पाएगी या नहीं.
कांग्रेस के लिए किसी भी कीमत पर अपनी सीट बचाए रखना बड़ी चुनौती है क्योंकि बहुमत का जादुई आंकड़ा शर्मा के निधन के बाद 116 से घटकर 114 पर पहुंच गई है. ऐसे में अपनी सीट बचाने के लिए कांग्रेस ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है. जीत सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सहयोगी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह रणनीति बनाने में जुट गए हैं.
जौरा उपचुनाव के लिए कई स्तर पर सर्वे का कार्य चल रहा है. इसमें जहां चुनावी माहौल और मुद्दों पर जानकारी जुटाई जा रही है, वहीं प्रत्याशी चयन को भी लेकर जानकारी जुटाई जा रही है, सर्वे के जरिए कांग्रेस ये भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बनवारी लाल शर्मा के परिवार से किसी को टिकट देने पर सहानुभूति का फायदा मिलेगा कि नहीं. यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस बनवारी लाल के बेटे प्रदीप शर्मा पर दांव लगा सकती है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि जौरा विधायक के निधन के चलते वहां चुनाव शीघ्र होना है, वहां पर सर्वे चल रहा है. कौन जनता का प्रत्याशी होगा, जनता के बीच से जिसका नाम निकल कर आएगा, वह कांग्रेस का प्रत्याशी होगा, दिवंगत विधायक का बेटा भी प्रत्याशी हो सकता है और कांग्रेस के अन्य नेताओं के बीच में से भी हो सकता है. ये निर्णय वहां की जनता और कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं को तय करना है कि प्रत्याशी कौन होगा.