भोपाल। भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की एक- एक करके जांच शुरू हो रही है. पिछले दिनों नर्मदा किनारे वृक्षारोपण के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ भी जांच शुरू की गई है. इसके पहले ई-टेंडर घोटाले और सिंहस्थ घोटाले में भी जांच की जा रही है. इन मामलों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने- सामने आ गए हैं. बीजेपी का कहना है पिछले 8- 9 महीने से कमलनाथ सरकार और उनके मंत्री किसी ना किसी घोटाले की बात कर जांच का एलान करते हैं और कुछ हल नहीं निकलता. उनका कहना है कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है. आज जनता के लिए मूलभूत सुविधाएं हासिल नहीं हो रही हैं, इसलिए ध्यान भटकाने के लिए भ्रष्टाचार के जांच की बात की जाती है.
वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की आपसी गुटबाजी के चलते शिवराज सिंह को भाजपा के नेता निपटाना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार का उद्देश्य जनता की मेहनत की कमाई की एक- एक पैसे का हिसाब लेना है. हमारी सरकार एक- एक घोटाले का पर्दाफाश करेगी और दोषियों को जेल की हवा खिलाएगी.
इन जांचों को लेकर मप्र बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि, पिछले 8- 9 महीने से जब से कांग्रेस की सरकार बनी है. हर हफ्ते कोई ना कोई जांच की घोषणा की जाती है. बीजेपी को इससे कोई परहेज नहीं है, जांच कराने के लिए सरकार स्वतंत्र है, लेकिन सरकार और मंत्रियों का उद्देश्य जांच कराना नहीं है. ये अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहते हैं. सड़के जो 15 साल तक अच्छी खासी थीं, वो अब दिग्विजय सिंह के दौर की याद दिला रही हैं. बिजली की हालत बिगड़ रही है, युवाओं को जो सुविधाएं मिल रही थीं, वो बंद कर दी गई है. मजदूरों के लिए जो संबल योजना बनाई गई थी, जिसमें उनके बच्चों की पढ़ाई और इलाज का खर्चा उठाया जाता था. वो बंद कर दी गई है. जनता में आक्रोश है, इसलिए मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए कभी इस जांच तो कभी उस जांच की घोषणा की जाती है.
वहीं इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता फिरोज अहमद सिद्दीकी का कहना है कि बीजेपी में आज जिस तरह से टाइगर नंबर वन की होड़ लगी है, जो गुटबाजी चरम पर है. शिवराज का विरोधी गुट चाहता है कि जल्दी से जल्दी जांच हो और शिवराज सिंह पर FIR हो, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रतिबद्ध हैं और वचनबद्ध हैं.