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कांग्रेस ने शिव'राज' पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, जांच को लेकर बीजेपी कांग्रेस आमने- सामने

भाजपा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की एक-एक करके जांच शुरू हो रही है. जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला है.

कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने
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Published : Oct 19, 2019, 2:36 PM IST

भोपाल। भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की एक- एक करके जांच शुरू हो रही है. पिछले दिनों नर्मदा किनारे वृक्षारोपण के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ भी जांच शुरू की गई है. इसके पहले ई-टेंडर घोटाले और सिंहस्थ घोटाले में भी जांच की जा रही है. इन मामलों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने- सामने आ गए हैं. बीजेपी का कहना है पिछले 8- 9 महीने से कमलनाथ सरकार और उनके मंत्री किसी ना किसी घोटाले की बात कर जांच का एलान करते हैं और कुछ हल नहीं निकलता. उनका कहना है कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है. आज जनता के लिए मूलभूत सुविधाएं हासिल नहीं हो रही हैं, इसलिए ध्यान भटकाने के लिए भ्रष्टाचार के जांच की बात की जाती है.

वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की आपसी गुटबाजी के चलते शिवराज सिंह को भाजपा के नेता निपटाना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार का उद्देश्य जनता की मेहनत की कमाई की एक- एक पैसे का हिसाब लेना है. हमारी सरकार एक- एक घोटाले का पर्दाफाश करेगी और दोषियों को जेल की हवा खिलाएगी.

इन जांचों को लेकर मप्र बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि, पिछले 8- 9 महीने से जब से कांग्रेस की सरकार बनी है. हर हफ्ते कोई ना कोई जांच की घोषणा की जाती है. बीजेपी को इससे कोई परहेज नहीं है, जांच कराने के लिए सरकार स्वतंत्र है, लेकिन सरकार और मंत्रियों का उद्देश्य जांच कराना नहीं है. ये अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहते हैं. सड़के जो 15 साल तक अच्छी खासी थीं, वो अब दिग्विजय सिंह के दौर की याद दिला रही हैं. बिजली की हालत बिगड़ रही है, युवाओं को जो सुविधाएं मिल रही थीं, वो बंद कर दी गई है. मजदूरों के लिए जो संबल योजना बनाई गई थी, जिसमें उनके बच्चों की पढ़ाई और इलाज का खर्चा उठाया जाता था. वो बंद कर दी गई है. जनता में आक्रोश है, इसलिए मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए कभी इस जांच तो कभी उस जांच की घोषणा की जाती है.

कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

वहीं इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता फिरोज अहमद सिद्दीकी का कहना है कि बीजेपी में आज जिस तरह से टाइगर नंबर वन की होड़ लगी है, जो गुटबाजी चरम पर है. शिवराज का विरोधी गुट चाहता है कि जल्दी से जल्दी जांच हो और शिवराज सिंह पर FIR हो, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रतिबद्ध हैं और वचनबद्ध हैं.

भोपाल। भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की एक- एक करके जांच शुरू हो रही है. पिछले दिनों नर्मदा किनारे वृक्षारोपण के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ भी जांच शुरू की गई है. इसके पहले ई-टेंडर घोटाले और सिंहस्थ घोटाले में भी जांच की जा रही है. इन मामलों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने- सामने आ गए हैं. बीजेपी का कहना है पिछले 8- 9 महीने से कमलनाथ सरकार और उनके मंत्री किसी ना किसी घोटाले की बात कर जांच का एलान करते हैं और कुछ हल नहीं निकलता. उनका कहना है कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है. आज जनता के लिए मूलभूत सुविधाएं हासिल नहीं हो रही हैं, इसलिए ध्यान भटकाने के लिए भ्रष्टाचार के जांच की बात की जाती है.

वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की आपसी गुटबाजी के चलते शिवराज सिंह को भाजपा के नेता निपटाना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार का उद्देश्य जनता की मेहनत की कमाई की एक- एक पैसे का हिसाब लेना है. हमारी सरकार एक- एक घोटाले का पर्दाफाश करेगी और दोषियों को जेल की हवा खिलाएगी.

इन जांचों को लेकर मप्र बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि, पिछले 8- 9 महीने से जब से कांग्रेस की सरकार बनी है. हर हफ्ते कोई ना कोई जांच की घोषणा की जाती है. बीजेपी को इससे कोई परहेज नहीं है, जांच कराने के लिए सरकार स्वतंत्र है, लेकिन सरकार और मंत्रियों का उद्देश्य जांच कराना नहीं है. ये अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहते हैं. सड़के जो 15 साल तक अच्छी खासी थीं, वो अब दिग्विजय सिंह के दौर की याद दिला रही हैं. बिजली की हालत बिगड़ रही है, युवाओं को जो सुविधाएं मिल रही थीं, वो बंद कर दी गई है. मजदूरों के लिए जो संबल योजना बनाई गई थी, जिसमें उनके बच्चों की पढ़ाई और इलाज का खर्चा उठाया जाता था. वो बंद कर दी गई है. जनता में आक्रोश है, इसलिए मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए कभी इस जांच तो कभी उस जांच की घोषणा की जाती है.

कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने

वहीं इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता फिरोज अहमद सिद्दीकी का कहना है कि बीजेपी में आज जिस तरह से टाइगर नंबर वन की होड़ लगी है, जो गुटबाजी चरम पर है. शिवराज का विरोधी गुट चाहता है कि जल्दी से जल्दी जांच हो और शिवराज सिंह पर FIR हो, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रतिबद्ध हैं और वचनबद्ध हैं.

Intro:भोपाल। भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की एक-एक करके जांच शुरू हो रही है। पिछले दिनों नर्मदा किनारे वृक्षारोपण के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ भी जांच शुरू हो गई है. इसके पहले ई टेंडर घोटाले और सिंहस्थ घोटाले में भी जांच शुरू हो चुकी है। इन मामलों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। बीजेपी का कहना है पिछले 8-9 महीने से कमलनाथ सरकार और उनके मंत्री किसी ना किसी घोटाले की बात कर कर जांच का एलान करते हैं और कुछ हल नहीं निकलता है। दरअसल कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है। आज जनता के लिए मूलभूत सुविधाएं हासिल नहीं हो रही हैं। इसलिए ध्यान भटकाने के लिए भ्रष्टाचार की जांच की बात की जाती है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की आपसी गुटबाजी के चलते शिवराज सिंह को भाजपा के नेता निपटाना चाहते हैं। लेकिन हमारी सरकार का उद्देश्य जनता की मेहनत की कमाई की एक एक पैसे का हिसाब लेना है। हमारी सरकार एक-एक घोटाले का पर्दाफाश करेगी और दोषियों को जेल की हवा खिलाएगी।


Body:इन जांचों को लेकर मप्र बीजेपी के प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि पिछले 8-9 महीने से जब से कांग्रेस की सरकार बनी है। हर हफ्ते कोई ना कोई जांच की घोषणा की जाती है। हमें इससे कोई परहेज नहीं है, जांच कराने के लिए सरकार स्वतंत्र है। असल बात यह है कि सरकार और मंत्रियों का उद्देश्य जांच कराना नहीं है।यह अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहते हैं।पिछले 8 महीने से किसानों की कर्ज माफी का ऐलान हुआ, लेकिन आज भी 80 लाख किसान कर्ज माफी का इंतजार कर रहे हैं। सड़के जो 15 साल तक अच्छी खासी थी, वह अब दिग्विजय सिंह के दौर की याद दिला रही हैं। बिजली की हालत बिगड़ रही है, युवाओं को जो सुविधाएं मिल रही थी, वह बंद कर दी गई हैं। मजदूरों के लिए जो संबल योजना बनाई गई थी,जिसमें उनके बच्चों की पढ़ाई और इलाज का खर्चा उठाया जाता था। वह बंद कर दी गई है।जनता की मूलभूत आवश्यकताओं की आपूर्ति बंद कर दी गई है। कमलनाथ सरकार इसकी जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती है। जनता में आक्रोश से इसलिए मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए कभी इस जांच तो कभी उस जांच की घोषणा की जाती है। अगर इनको वास्तव में जांच कराना है। तो 9 महीने पहले मंत्रियों और मुख्यमंत्री ने जो जांच की घोषणा की थी, उनके बारे में बताएं, कि अभी तक क्या हुआ। जाहिर तौर पर जांच कराना इनका उद्देश्य नहीं है। यह केवल जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं। हर हफ्ते भाजपा सरकार की कोई ना कोई योजना का नाम लेकर जांच कराने की बात करते हैं। जांच कुछ नहीं होती है, मंत्री बयानबाजी और प्रेस कांफ्रेंस कर भाग जाते हैं। मैं समझता हूं कि इससे जनता की समस्या का समाधान नहीं होता है। सरकार का काम गवर्नेंस देना होता है। सरकार अच्छी तरह से काम करें और जनता की समस्याओं का समाधान करें, यही उनसे अपेक्षा है।


Conclusion:वहीं इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता फिरोज अहमद सिद्दीकी का कहना है कि भाजपा में आज जिस तरह से टाइगर नंबर वन की होड़ लगी है। जो गुटबाजी चरम पर है,शिवराज का विरोधी गुट चाहता है कि जल्दी से जल्दी जांच हो। जल्दी से जल्दी उन पर एफ आई आर हो और हो, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रतिबद्ध हैं और वचनबद्ध है। इस बात के लिए कि जो जनता की मेहनत की कमाई है,उसमें जो घोटाला हुआ है। उसका पाई पाई का हिसाब लेकर रहेंगे। भाजपा के लोग हैं, जिन्होंने भ्रष्टाचार किया है। उनमें जो भी लोग हैं, कोई बचेगा नहीं।सब के सब जेल जरूर जाएंगे। जिन लोगों ने भ्रष्टाचार किया है,इसलिए भाजपा शोर कम मचाए। यह बताएं कि यह जो सारे घोटाले खुल रहे हैं, जब कांग्रेस विपक्ष में थी और घोटाले का पर्दाफाश करती थी। तो सरकार में रहते हुए,उन्होंने जांच क्यों नहीं कराई। इस बात का जवाब भाजपा को आज देना चाहिए।
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