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बतौर मुख्यमंत्री मिले उपहारों पर शिवराज का कोई हक नहीं, उन्हें बेचना धोखाधड़ी- कांग्रेस

बतौर मुख्यमंत्री मिले उपहारों पर शिवराज का हक नहीं, उपहारों की नीलामी करना धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है. पूर्व सीएम को अपना सामान्य ज्ञान बढाना चाहिए.

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा
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Published : Mar 5, 2019, 10:04 PM IST

भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 60वें जन्मदिन पर एलान किया है कि उन्हें मुख्यमंत्री रहते जो उपहार और स्मृति चिन्ह मिले हैं, वे उनकी नीलामी करेंगे और गरीबों का इलाज कराएंगे. लेकिन, इस पर कांग्रेस ने शिवराज पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

बतौर मुख्यमंत्री मिले उपहारों पर शिवराज का कोई हक नहीं, उन्हें बेचना धोखाधड़ी- कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने शिवराज सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि उन्हें ये पता होना चाहिए कि बतौर मुख्यमंत्री मिले उपहारों पर उनका कोई हक नहीं है. वे गलत तरीके से उपहारों को अपने साथ घर लेकर गए हैं, क्योंकि बतौर मुख्यमंत्री मिलने वाले उपहारों पर राज्य सरकार का हक होता है. उन्हें (शिवराज सिंह को) इतना सामान्य ज्ञान होना चाहिए.


हालांकि नरेंद्र सलूजा ने कहा कि वे गरीबों का भला और उनके लिए काम करना चाहते हैं तो वे खुद भी कर सकते हैं. लेकिन, इस तरह की नौंटकी करने की उन्हें कोई जरूरत नहीं है. बतौर मुख्यमंत्री मिले उपहारों की नीलामी करना एक तरह की धोखाधड़ी है. साथ ही उन्होंने शिव'राज' में व्यापम, सिंहस्थ, ई-टेंडर घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर अब वे ऐसी बाते करते हैं तो ये उनका दोहरा चरित्र है. ऐसा करके वे देश और प्रदेश के गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं.

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भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 60वें जन्मदिन पर एलान किया है कि उन्हें मुख्यमंत्री रहते जो उपहार और स्मृति चिन्ह मिले हैं, वे उनकी नीलामी करेंगे और गरीबों का इलाज कराएंगे. लेकिन, इस पर कांग्रेस ने शिवराज पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.

बतौर मुख्यमंत्री मिले उपहारों पर शिवराज का कोई हक नहीं, उन्हें बेचना धोखाधड़ी- कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने शिवराज सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि उन्हें ये पता होना चाहिए कि बतौर मुख्यमंत्री मिले उपहारों पर उनका कोई हक नहीं है. वे गलत तरीके से उपहारों को अपने साथ घर लेकर गए हैं, क्योंकि बतौर मुख्यमंत्री मिलने वाले उपहारों पर राज्य सरकार का हक होता है. उन्हें (शिवराज सिंह को) इतना सामान्य ज्ञान होना चाहिए.


हालांकि नरेंद्र सलूजा ने कहा कि वे गरीबों का भला और उनके लिए काम करना चाहते हैं तो वे खुद भी कर सकते हैं. लेकिन, इस तरह की नौंटकी करने की उन्हें कोई जरूरत नहीं है. बतौर मुख्यमंत्री मिले उपहारों की नीलामी करना एक तरह की धोखाधड़ी है. साथ ही उन्होंने शिव'राज' में व्यापम, सिंहस्थ, ई-टेंडर घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर अब वे ऐसी बाते करते हैं तो ये उनका दोहरा चरित्र है. ऐसा करके वे देश और प्रदेश के गरीबों का मजाक उड़ा रहे हैं.

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Intro:भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज अपने साथ में जन्मदिन पर ऐलान किया है कि बतौर मुख्यमंत्री उन्हें जो उपहार और स्मृति चिन्ह मिले हैं, उनकी नीलामी कर वह गरीबों का इलाज कराएंगे। लेकिन कांग्रेस ने उनके इस फैसले पर तीखा वार करते हुए कहा है कि एक तो बतौर मुख्यमंत्री जो उपहार उन्हें मिले हैं, वह नियम अनुसार खजाने में जमा होते और उनको नीलाम करना या अपने साथ ले जाना धोखाधड़ी है। वहीं गरीबों की मदद की बात है,तो अलीबाबा चालीस चोर मंत्रिमंडल के मुखिया के तौर पर व्यापमं,ई टैंडर और सिंहस्थ घोटाले से हुई कमाई शिवराज सिंह तो देशभर के गरीबों की मदद कर सकते हैं।


Body:मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के समन्वयक नरेंद्र सलूजा का कहना है कि सबसे पहले शिवराज सिंह चौहान को उनके 60 वें जन्मदिन की बधाई, लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि शिवराज सिंह ने जो निर्णय लिया है कि उनको मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए जो स्मृति चिन्ह और उपहार स्वरुप मिले हैं, उनको बेचकर वह गरीबों का और जरूरतमंदों का इलाज कराएंगे। शिवराज सिंह मुख्यमंत्री रहे हैं और उनको इतना सामान्य ज्ञान होना चाहिए कि मुख्यमंत्री के तौर पर जो उन्हें स्मृति चिन्ह और उपहार मिले हैं, वह सरकारी खजाने में जमा होते हैं।जिस पर सरकार का हक होता है और यह किसी की निजी संपत्ति नहीं होते हैं। शिवराज सिंह के इस फैसले से साफ है कि शिवराज सिंह चौहान यह तमाम चीजें अपने साथ ले गए हैं, जो कि नियम विरुद्ध है। जन्मदिन के दिन सरकारी खजाने में जमा होने वाले उपहार बेचना धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। वही शिवराज सिंह का कहना है कि मैं यह काम इसलिए कर रहा हूं कि मुझे गरीब निर्धन लोगों की सेवा के लिए राहत कोष बनाना है। लेकिन मैं समझता हूं कि अलीबाबा चालीस चोर मंत्रिमंडल के मुखिया रहे शिवराज सिंह ने व्यापमं से लेकर ई टेंडर और सिंहस्थ घोटाले में काफी पैसा कमाया है, इतने घोटाले के बाद शिवराज सिंह को गरीबों की मदद करना है,तो इस नौटंकी की क्या जरूरत है। यूं ही पूरे देश और प्रदेश के गरीबों की मदद कर सकते हैं, यह दोहरा चरित्र दिखाना गरीबों का मजाक उड़ाना है और पूरे देश की जनता का मजाक उड़ाना है।


Conclusion:....
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