भोपाल/एएनआई। परशुराम जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर के पुजारियों को राज्य में मंदिर की जमीन बेचने का अधिकार देने की घोषणा की थी. इसके बाद से राजनीतिक पारा चढ़ गया है. सीएम शिवराज ने कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राज्य सरकार का मंदिरों की गतिविधियों पर कोई नियंत्रण नहीं होगा. अब कलेक्टर हमारे मंदिरों से जुड़ी जमीन की नीलामी नहीं कर सकेंगे. मंदिरों से जुड़े पुजारी अब इन जमीनों की नीलामी कर सकेंगे. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन की भी घोषणा की.
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा का शिवराज पर हमलाः सोमवार को पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने शिवराज सिंह पर हमला करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक चुनावी घोषणा है. सीएम चौहान को 18 साल तक ब्राह्मणों की याद क्यों नहीं आई ? जब हम प्रदेश में 15 महीने सत्ता में रहे तो हमने भोपाल में भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में भी हमने ब्राह्मणों को लेकर कई फैसले लिए, लेकिन पिछले साल परशुराम जयंती पर सीएम चौहान द्वारा की गई घोषणाएं आज तक पूरी नहीं हुई हैं. कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले हमें बताएं कि परशुराम जयंती पर पहले की गई घोषणाओं का क्या हुआ. यह घोषणा चुनावों को देखते हुए की गई हैं.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस पर बोला हमलाः वहीं, राज्य के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि देश में अब यह भावना है कि सभी धर्म एक समान हैं. वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़े मामलों में राज्य सरकार का कोई दखल नहीं है. हम 50 साल की कांग्रेस सरकार की ओर से की गई गलतियों को बदल रहे हैं. वहीं, भाजपा प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि हमारा देश अपने धर्म और संस्कृति के लिए जाना जाता है. यह फैसला एक नया इतिहास लिखेगा. कांग्रेस को इस घोषणा को एक संकीर्ण राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए.