भोपाल। राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी ने धिक्कार प्रदर्शन किया. बीजेपी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील पर सच उजागर हुआ है. मोदी सरकार को क्लीन चिट मिलना सत्य की विजय है. इसलिए राहुल गांधी और सोनिया गांधी को सार्वजनिक रूप से झूठ बोलने और झूठ फैलाने के लिए जनता से माफी मांगना चाहिए. वहीं कांग्रेस ने इस मामले में कहा है कि भ्रष्टाचार पर संस्थागत तरीके से पर्दा डालने से बड़ा धिक्कार और कुछ नहीं हो सकता है.
राफेल में निष्पक्ष जांच की मांग
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने कहा कि राफेल प्रकरण में पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने राफेल में हुए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच के रास्ते खोल दिए हैं. सही मायने में इस निर्णय आने के बाद समूची बीजेपी आत्मग्लानि से ग्रसित हो गई है, उन्होंने कहा कि न्यायालय ने अपने फैसले में साफ लिखा है कोई भी स्वतंत्र एजेंसी इस मामले की तफ्तीश कर सकती है.
कांग्रेस ने की जेपीसी से जांच की मांग
अभय दुबे का कहना है कि कांग्रेस ने इसीलिए जेपीसी से जांच कराने की मांग की है. क्योंकि जेपीसी के पास अधिकार है कि वो इस घोटाले से जुड़े लोगों को समन करके बुला सकती है, दस्तावेज ले सकती है. जैसे कि सेना के उच्च अधिकारियों के डिसेंट नोट, जिसमें राफेल की खरीदी पर और उसकी बढ़ी हुई कीमतों पर सवाल खड़े किए गए है.
कांग्रेस ने खड़े किए ये सवाल
- अगर जेपीसी से जांच होगी तो इस बात का भी खुलासा होगा कि क्यों बीजेपी की सरकार ने 30 हजार करोड़ के ऑफसेट कांटेक्ट में हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड को दरकिनार कर दिया.
- जब 126 लड़ाकू विमानों की आवश्यकता हिंदुस्तान को थी. तो उन्हें कम करके 36 क्यों कर दिया गया.
- डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीजर और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी का वैधानिक रास्ता अपनाए बिना, प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से जहाज खरीदने की घोषणा क्यों की.
- राफेल जहाज का बेंचमार्क प्राइस 5.2 बिलियन यूरो से बढ़ाकर 8.2 बिलीयन यूरो क्यों कर दिया गया.
- कानून मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की डिफेंस एग्जिबिशन विंग के ऐतराज के बावजूद सावरेन गारंटी की शर्त सरकार ने क्यों हटा दी.