भोपाल। राजधानी भोपाल सहित कई शहरों में कोरोना की दूसरी लहर आने की वजह से सरकार ने कुछ सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. राजधानी भोपाल में रात 8 बजे से ही बाजार बंद किए जा रहे हैं. 10 बजे से नाइट कर्फ्यू लागू किया जा रहा है. जो सुबह 6 बजे तक चलता है, लेकिन शराब की दुकान 11 बजे तक खुली रहती है. इसको लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने भी एतराज जताया है. इसके अलावा छोटे दुकानदारों ने भी सरकार के इस रवैया पर नाराजगी जाहिर की है.
भोपाल में नाइट कर्फ्यू
दरअसल समस्या ये है कि, एक तरफ सरकार को कोरोना से लड़ना है और दूसरी तरफ आर्थिक गतिविधियां भी संचालित करनी हैं. सरकार की माली हालत खराब है. ऐसी स्थिति में शराब और पेट्रोल-डीजल के अलावा सरकार के पास राजस्व बढ़ाने की दूसरे तरीके नहीं हैं. जब राजधानी भोपाल में कोरोना की दूसरी लहर आई, तो सरकार ने आनन-फानन में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू का एलान कर दिया, जिसको लेकर व्यापारियों के साथ- साथ कांग्रेस ने भी प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.
शराब दुकानें भी 8 बजे हों बंद
कांग्रेस का कहना है कि, जब दूसरे बाजार 8 बजे बंद किए जा रहे हैं, तो शराब दुकानें भी 8 बजे बंद होनी चाहिए. छोटे दुकानदारों का कहना है कि, जब तक चुनाव था, तब तक कोरोना को लेकर सरकार को कोई चिंता नहीं थी. चुनाव होते ही सरकार कोरोना के नाम पर छोटे दुकानदारों को परेशान कर रही है. प्रदेश सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी ट्वीट करके ऐतराज जता चुके हैं.
कमलनाथ ने ट्वीट करके कहा..
'प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई जिलों में बाजार रात्रि 8 बजे बंद,शादियां 10 बजे बंद, रात्रि कर्फ्यू 10 बजे से लागू, लेकिन शराब की दुकानें 11 बजे तक चालू. शिवराज सरकार में जनता को राशन भले ना मिले ,लेकिन शराब जरूर मिलती है. शिवराज सरकार अजब है, उसका मदिरा प्रेम गजब है.'
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, सरकार कोरोना से निपटने के मामले में गंभीर नहीं है. ना सरकार के पास कोई नीति है और ना ही नीयत. जहां अन्य बाजार और प्रतिष्ठानों को जबरदस्ती बंद कर किया जा रहा है. वहां शराब की दुकानों को रात के 11 बजे तक भीड़ लगाने की अनुमति दी जा रही है. ये शराब माफिया के दबाव में रियायत दी जा रही है. बीजेपी सरकार जनता की आंखों में धूल झोंक रही है और माफियाओं के दबाव में काम कर रही है.
दुकानदारों की आपत्ति
चाय नाश्ते की गुमटी चलाने वाले राजेश नागले कहते हैं कि, एक आम इंसान ही परेशान हो रहा है. जब चुनाव था, तब भी तो कोरोना था, उस समय कहां गए थे. उस समय की लापरवाही का नतीजा अब निकल रहा है. सरकार शराब की दुकानें भी 8 बजे बंद करने का आदेश जारी करे. छोटे दुकानदारों को कम से कम 10 बजे तक का टाइम देना चाहिए. अभी चार-पांच महीने हम लोगों ने मुश्किल से निकाले हैं. आम इंसान मरने की कगार पर हैं. गरीब लोग मरे जा रहे हैं. जिसके पास पैसा है, उसका घर अच्छे से चल रहा है. दो पैसे कमाने बैठे हैं.वह भी नहीं कमा पा रहे.
बीजेपी का पलटवार
भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी कहते हैं कि, एक तो मुझे समझ नहीं आता है कि कमलनाथ को 11 बजे शराब खरीदने की जरूरत क्यों पड़ी. एक तो वो भारी आबकारी प्रेमी हैं. जब मुख्यमंत्री थे 15 महीने की अवधि में, उनका सारा फोकस आबकारी नीति बनाने पर था. आबकारी गिरोह उनके आसपास था. आप 11 बजे क्यों गए कि, आपको दुकान खुली मिली, क्योंकि सारी दुकानें 10 बजे बंद हो रही हैं, इसमें सरकार ने रियायत नहीं दी है.