भोपाल। आज माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि है. वैसे तो उनकी ये 19वीं पुण्यतिथि है. लेकिन मध्य प्रदेश के सियासी माहौल के कारण आज एक ऐसा नजारा देखने मिला कि दिवंत माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर कांग्रेस ने तो एक कार्यक्रम आयोजित किया ही था, बीजेपी ने अचानक उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित कर दिया. कांग्रेस के कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी की मौजूदगी में माधवराव सिंधिया को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. तो भाजपा कार्यालय में सिर्फ सिंधिया समर्थक और कुछ भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने माधवराव सिंधिया को याद किया.इस अवसर पर भाजपा का कोई बड़ा नेता माधवराव सिंधिया को श्रद्धांजलि अर्पित करने नहीं पहुंचा.
माना जा रहा है कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों और सियासी मजबूरियों के चलते बीजेपी ने ये आयोजन किया. मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. जिसमें 16 सीटों ग्वालियर चंबल क्षेत्र में हैं. हालांकि बीजेपी ने सफाई दी कि अब चूंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं, तो अब ये परंपरा भी शुरू हो गई है.
सिंधिया समर्थक शाहवर आलम का कहना है कि वे पहले से ही दिवगंत नेता माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि मनाते आएं हैं. रहा सवाल कि लोग उपस्थित नहीं हैं,तो ये कार्यक्रम 11 बजे से 5 बजे तक चलेगा और भाजपा के वरिष्ठ नेता आएंगे, और पुष्पांजलि कार्यक्रम में शामिल होंगे. वहीं उन्होंने कहा कि माधवराव सिंधिया की पुण्य तिथि और जयंती मनाना कांग्रेस की मजबूरी है. लेकिन भाजपा की परंपरा है और इसमें माधवराव सिंधिया शुमार हो चुके हैं.आज ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भाजपा कार्यालय आ रहे हैं. यहां बहुत बड़ा सम्मेलन हैं, वहां सभी लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. आज पूरा सिंधिया परिवार भाजपा की विचारधारा के साथ उनके सारे लोग बीजेपी के साथ हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी का कहना है कि माधवराव सिंधिया को हमारे प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने साथी के तौर पर याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. कांग्रेस परिवार भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है. भाजपा के द्वारा आयोजित कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि कृपा पूर्वक आप याद करें कि हम प्रतिवर्ष कार्यक्रम मनाते हैं. चाहे जयंती हो या पुण्यतिथि या फिर उनकी स्मृति में कोई कार्यक्रम हो. उन्होंने कहा कि मैं स्वयं साक्षी रहा हूं कि जब एम्स में शोकाकुल माहौल था और उनका पार्थिक शरीर लाया गया था, उनके दाह संस्कार में सभी लोग शामिल हुए थे, ना केवल शामिल हुए और हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हुईं थीं. इसलिए इसको राजनीतिक चश्मे से देखना अनुचित होगा.