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MP: मंडी एक्ट में संशोधन के विरोध में कांग्रेस, पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने का लगाया आरोप

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Published : Jun 1, 2020, 3:59 PM IST

Updated : Jun 1, 2020, 4:34 PM IST

मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार सभी संस्थाओं का निजीकरण करने में लगी थी, अब प्रदेश सरकार मंडियों का निजीकरण करने जा रही है, जिससे उद्योगपतियों को फायदा होगा, किसानों का नुकसान होगा.

MLA Kunal Chaudhary
विधायक कुणाल चौधरी

भोपाल। मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने शिवराज सरकार द्वारा कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में किये जा रहे संशोधन का विरोध किया है. चौधरी का कहना है कि शिवराज सरकार मंडियों का निजीकरण करने जा रही है. इनकी मंशा किसानों को लूट कर व्यापारियों को लाभ पहुंचाने की है. शिवराज सरकार के इस फैसले से व्यापारियों पर किसी का नियंत्रण नहीं रह जाएगा.

विधायक कुणाल चौधरी

विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार पहले से संस्थाओं का निजीकरण करने में लगी है, अब प्रदेश की बीजेपी सरकार मंडियों का निजीकरण करने जा रही है. जिससे साफ है कि इनकी मंशा चंद पूंजीपतियों और व्यापारियों को मदद पहुंचने की है. कुणाल चौधरी ने कहा कि मॉडल एक्ट में प्राइवेट मंडियों को लाइसेंस प्राप्त होगा, जो बाहर अपनी मंडियां चलाएंगे, जिससे कृषि उपज मंडियों के अधिकार क्षेत्र खत्म हो जाएंगे और उन पर नियंत्रण भी मंडी समिति का नहीं रहेगा.

कुणाल चौधरी ने कहा कि जब बड़े व्यापारी एवं निजी कंपनियों को आजादी प्रशासन द्वारा दे दी गई है तो इसमें जो फुटकर व्यापारी हैं, उनका क्या होगा क्योंकि इन निजी कंपनियों में मंडी प्रशासन किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं कर पाएगा. इसकी क्या गारंटी है कि निजी कंपनियां, बड़े व्यापारी किसानों की उपज का सही दाम और सही तौल उपलब्ध कराएंगे.

भोपाल। मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने शिवराज सरकार द्वारा कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में किये जा रहे संशोधन का विरोध किया है. चौधरी का कहना है कि शिवराज सरकार मंडियों का निजीकरण करने जा रही है. इनकी मंशा किसानों को लूट कर व्यापारियों को लाभ पहुंचाने की है. शिवराज सरकार के इस फैसले से व्यापारियों पर किसी का नियंत्रण नहीं रह जाएगा.

विधायक कुणाल चौधरी

विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार पहले से संस्थाओं का निजीकरण करने में लगी है, अब प्रदेश की बीजेपी सरकार मंडियों का निजीकरण करने जा रही है. जिससे साफ है कि इनकी मंशा चंद पूंजीपतियों और व्यापारियों को मदद पहुंचने की है. कुणाल चौधरी ने कहा कि मॉडल एक्ट में प्राइवेट मंडियों को लाइसेंस प्राप्त होगा, जो बाहर अपनी मंडियां चलाएंगे, जिससे कृषि उपज मंडियों के अधिकार क्षेत्र खत्म हो जाएंगे और उन पर नियंत्रण भी मंडी समिति का नहीं रहेगा.

कुणाल चौधरी ने कहा कि जब बड़े व्यापारी एवं निजी कंपनियों को आजादी प्रशासन द्वारा दे दी गई है तो इसमें जो फुटकर व्यापारी हैं, उनका क्या होगा क्योंकि इन निजी कंपनियों में मंडी प्रशासन किसी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं कर पाएगा. इसकी क्या गारंटी है कि निजी कंपनियां, बड़े व्यापारी किसानों की उपज का सही दाम और सही तौल उपलब्ध कराएंगे.

Last Updated : Jun 1, 2020, 4:34 PM IST
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