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कांग्रेस का बिजली बिलों को लेकर खुलासा, मुरैना के अंबाह में बिजली बिल में फर्जीवाड़ा करने का लगाया आरोप

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Published : Oct 7, 2020, 2:15 PM IST

Updated : Oct 7, 2020, 5:14 PM IST

मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के जिन बिजली उपभोक्ताओं को कमलनाथ सरकार में इंदिरा ज्योति योजना का लाभ मिल रहा था और उनके बिल सौ रुपए में सिमटे हुए थे. उन उपभोक्ताओं को संबल योजना के तहत डेढ़ डेढ़ लाख तक के बिजली के बिल प्राप्त हो रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि मुरैना जिले के अंबाह विधानसभा क्षेत्र के दोहरी गांव में जितने बिजली के मीटर हैं, उन सभी बिजली के मीटर का एक रीडिंग का बिजली का बिल दिया गया है.

Congress charges
कांग्रेस का आरोप

भोपाल। राजधानी भोपाल में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिजली के बिलों को लेकर बड़ा खुलासा किया है. कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश के जिन बिजली उपभोक्ताओं को कमलनाथ सरकार में इंदिरा ज्योति योजना का लाभ मिल रहा था और उनके बिल सौ रुपए में सिमटे हुए थे. उन उपभोक्ताओं को संबल योजना के तहत डेढ़ डेढ़ लाख तक के बिजली के बिल प्राप्त हो रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि मुरैना जिले के अंबाह विधानसभा क्षेत्र के दोहरी गांव में जितने बिजली के मीटर हैं, उन सभी बिजली के मीटर का एक रीडिंग का बिजली का बिल दिया गया है. बता दें की अंबाह में उपचुनाव होना है.

कांग्रेस का आरोप
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मुरैना जिले के अंबाह चुनाव क्षेत्र के बिजली बिलों को पेश करते हुए बताया है कि शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद योजनाबद्ध तरीके से विद्युत वितरण कंपनियों ने झूठे बिलों के माध्यम से उपभोक्ताओं को लूटने का काम कर रही है. ऐसे सैकड़ों बिल हैं, जिन्हें एसेसमेंट के आधार पर बनाया जा रहा है और हैरानी की बात यह है कि दोहरी गांव में जितने भी मीटर है. सबके मीटर का अंतिम वाचन 140 यूनिट बताया जा रहा है, क्या यह संभव है. उन्होंने बताया कि जिन मीटरों की आंकलित खपत 130 यूनिट बताई जा रही है, उनके बिल 2000 यूनिट की खपत के आधार पर दिए जा रहे हैं.

शिवराज सिंह को इस बात का जवाब देना होगा कि जिन उपभोक्ताओं की विगत 6 महीने से आकलित खपत 130 यूनिट है. अचानक कमलनाथ सरकार के जाते ही एक महीने में 2000 यूनिट कैसे हो गई. इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होने से उपभोक्ता के ऊपर लाखों रुपए के बिल बकाया हो गए हैं. कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सरकार द्वारा अब नया झांसा दिया जा रहा है कि सितंबर माह के बिजली के बिलों में पूर्व अवशेष नहीं जोड़ा जाएगा. इसका अर्थ है कि पुराने बिल माफ नहीं किए जा रहे हैं. केवल चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए नए बिल में उन्हें लिखा नहीं जा रहा है. यह उपभोक्ता के साथ नया धोखा है. संभव है कि कल को शिवराज सिंह ने यह भी घोषणा कर दें कि लंबित बिल का आधा भुगतान लिया जाएगा, लेकिन जिस तरह की बिलिंग की गई है. उसमें बिल के आधे भुगतान के बावजूद भी उपभोक्ताओं को सामान्य से 10 गुना बिल भरना पड़ रहा है. यह विद्युत कंपनियों की लूट का नया पैंतरा है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिजली के बिलों को लेकर बड़ा खुलासा किया है. कांग्रेस का कहना है कि मध्य प्रदेश के जिन बिजली उपभोक्ताओं को कमलनाथ सरकार में इंदिरा ज्योति योजना का लाभ मिल रहा था और उनके बिल सौ रुपए में सिमटे हुए थे. उन उपभोक्ताओं को संबल योजना के तहत डेढ़ डेढ़ लाख तक के बिजली के बिल प्राप्त हो रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि मुरैना जिले के अंबाह विधानसभा क्षेत्र के दोहरी गांव में जितने बिजली के मीटर हैं, उन सभी बिजली के मीटर का एक रीडिंग का बिजली का बिल दिया गया है. बता दें की अंबाह में उपचुनाव होना है.

कांग्रेस का आरोप
मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने मुरैना जिले के अंबाह चुनाव क्षेत्र के बिजली बिलों को पेश करते हुए बताया है कि शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद योजनाबद्ध तरीके से विद्युत वितरण कंपनियों ने झूठे बिलों के माध्यम से उपभोक्ताओं को लूटने का काम कर रही है. ऐसे सैकड़ों बिल हैं, जिन्हें एसेसमेंट के आधार पर बनाया जा रहा है और हैरानी की बात यह है कि दोहरी गांव में जितने भी मीटर है. सबके मीटर का अंतिम वाचन 140 यूनिट बताया जा रहा है, क्या यह संभव है. उन्होंने बताया कि जिन मीटरों की आंकलित खपत 130 यूनिट बताई जा रही है, उनके बिल 2000 यूनिट की खपत के आधार पर दिए जा रहे हैं.

शिवराज सिंह को इस बात का जवाब देना होगा कि जिन उपभोक्ताओं की विगत 6 महीने से आकलित खपत 130 यूनिट है. अचानक कमलनाथ सरकार के जाते ही एक महीने में 2000 यूनिट कैसे हो गई. इतना बड़ा फर्जीवाड़ा होने से उपभोक्ता के ऊपर लाखों रुपए के बिल बकाया हो गए हैं. कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सरकार द्वारा अब नया झांसा दिया जा रहा है कि सितंबर माह के बिजली के बिलों में पूर्व अवशेष नहीं जोड़ा जाएगा. इसका अर्थ है कि पुराने बिल माफ नहीं किए जा रहे हैं. केवल चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए नए बिल में उन्हें लिखा नहीं जा रहा है. यह उपभोक्ता के साथ नया धोखा है. संभव है कि कल को शिवराज सिंह ने यह भी घोषणा कर दें कि लंबित बिल का आधा भुगतान लिया जाएगा, लेकिन जिस तरह की बिलिंग की गई है. उसमें बिल के आधे भुगतान के बावजूद भी उपभोक्ताओं को सामान्य से 10 गुना बिल भरना पड़ रहा है. यह विद्युत कंपनियों की लूट का नया पैंतरा है.

Last Updated : Oct 7, 2020, 5:14 PM IST
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