भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत में होलिका दहन के बाद होली का दिन भी सियासी उथलपुथल भरा रहा, सोमवार रात 20 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद होली के दिन कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा दे दिया, अभी इस्तीफे का तूफान थमा भी नहीं था कि 22 विधायकों के इस्तीफे ने सियासी सूनामी ला दी, भोपाल में आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 93 विधायक मौजूद रहे, इस बैठक में सर्वसम्मति से सिंधिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया.
विधायक दल की बैठक के मुख्य बिंदु
- जिस प्रकार लोकतांत्रिक मूल्यों की अवमानना करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के साढे़ सात करोड़ नागरिकों की अपेक्षा और आकांक्षाओं पर कुठाराघात करने की कोशिश की है, ये बेहद निंदनीय है.
- विपक्षी दल बीजेपी ने प्रजा तंत्र को शर्मसार करते हुए जनप्रतिनिधियों को प्रलोभन देकर और प्रताड़ित कर चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है.
- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिस प्रकार प्रदेश को माफिया मुक्त करने का प्रयास किया और मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया. जोकि बीजेपी सरकार की सरपरस्ती में चल रहे थे, जिससे बीजेपी बौखला गई.
- भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने पहले कुछ कांग्रेस के और निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन देने की कोशिश की. निजी विमान से दिल्ली और बेंगलुरु ले जाकर कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्र रचा. जब वह इसमें सफल नहीं हुए तो दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को पुष्ट करते हुए सारे प्रजातांत्रिक नैतिक मूल्यों को ताक पर रखकर जनादेश को अपमानित किया.
- हम सब एक स्वर में कांग्रेस अध्यक्ष का आभार जताते हैं कि उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया.
- सभी विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में दृढ़ प्रतिज्ञ हैं कि मध्यप्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाकर देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करेंगे.
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और प्रभारी मध्यप्रदेश सुधांशु त्रिपाठी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव व सांसद विवेक तन्खा मौजूद रहे.