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शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर कमेटी का गठन, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने उठाया था मुद्दा

प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता पर उठे सवाल पर सीएम कमलनाथ ने शैक्षणिक गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए एक कमेटी बनाने की बात कही है.

फाइल फोटो
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Published : Jul 24, 2019, 9:27 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ में प्रदेश की शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के लिए समिति बनाने का ऐलान किया है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने प्रदेश में जगह-जगह खुल चुके नर्सिंग कॉलेजों का सवाल उठाया था. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने इस मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराने का भरोसा दिलाया.


नर्सिंग कॉलेज के अलावा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश के दूसरे शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता पर चिंता जताई है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने प्रदेश में नियमों को ताक पर रखकर खुल रहे नर्सिंग कॉलेजों पर सवाल उठाते हुए कहा की जबलपुर जिले में कई स्थानों पर छतों पर इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहे हैं. केंद्रीय नर्सिंग काउंसिल ने निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर इन्हें संचालन की अनुमति दे दी. उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति प्रदेशभर में है इसलिए इस मामले की ईओडब्ल्यू से जांच कराई जानी चाहिए.

शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर कमेटी का होगा गठन


प्रश्न का जवाब देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधो ने कहा कि सरकार इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएगी. मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थिति सिर्फ नर्सिंग कॉलेजों की नहीं है बल्कि प्रदेश की गलियों तक में B.Ed, D.Ed कॉलेज खुल गए हैं. कंप्यूटर की डिग्रियां जगह-जगह बेची जा रही हैं. इसका असर प्रदेश की शैक्षणिक गुणवत्ता पर पढ़ रहा है, इसलिए इसकी निगरानी के लिए एक कमेटी गठित की जानी चाहिए.


मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष की चिंता को जायज बताते हुए कहा कि कुछ समय पहले गुड़गांव के एक कंपनी संचालक ने भी इसको लेकर चिंता जताई थी मुख्यमंत्री ने कहा कि इंजीनियरिंग पास करने वाला बच्चा अपना रिज्यूम नहीं तैयार कर पाता यह चिंता की बात है और इसलिए सरकार एक कमेटी गठित करेगी, जो प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए काम करेगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ में प्रदेश की शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के लिए समिति बनाने का ऐलान किया है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने प्रदेश में जगह-जगह खुल चुके नर्सिंग कॉलेजों का सवाल उठाया था. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने इस मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराने का भरोसा दिलाया.


नर्सिंग कॉलेज के अलावा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश के दूसरे शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता पर चिंता जताई है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने प्रदेश में नियमों को ताक पर रखकर खुल रहे नर्सिंग कॉलेजों पर सवाल उठाते हुए कहा की जबलपुर जिले में कई स्थानों पर छतों पर इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहे हैं. केंद्रीय नर्सिंग काउंसिल ने निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर इन्हें संचालन की अनुमति दे दी. उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति प्रदेशभर में है इसलिए इस मामले की ईओडब्ल्यू से जांच कराई जानी चाहिए.

शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर कमेटी का होगा गठन


प्रश्न का जवाब देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधो ने कहा कि सरकार इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएगी. मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थिति सिर्फ नर्सिंग कॉलेजों की नहीं है बल्कि प्रदेश की गलियों तक में B.Ed, D.Ed कॉलेज खुल गए हैं. कंप्यूटर की डिग्रियां जगह-जगह बेची जा रही हैं. इसका असर प्रदेश की शैक्षणिक गुणवत्ता पर पढ़ रहा है, इसलिए इसकी निगरानी के लिए एक कमेटी गठित की जानी चाहिए.


मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष की चिंता को जायज बताते हुए कहा कि कुछ समय पहले गुड़गांव के एक कंपनी संचालक ने भी इसको लेकर चिंता जताई थी मुख्यमंत्री ने कहा कि इंजीनियरिंग पास करने वाला बच्चा अपना रिज्यूम नहीं तैयार कर पाता यह चिंता की बात है और इसलिए सरकार एक कमेटी गठित करेगी, जो प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए काम करेगी.

Intro:भोपाल मध्य प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ में प्रदेश की शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता सुधार के लिए समिति बनाने का ऐलान किया है. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने प्रदेश में जगह-जगह खुल चुके नर्सिंग कॉलेजों का सवाल उठाया था. मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधने मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से कराने का भरोसा दिलाया. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश के दूसरे शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता पर चिंता जताई.


Body:विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने प्रदेश में नियमों के विपरीत खुल रहे नर्सिंग कॉलेजों पर सवाल उठाते हुए कहा की जबलपुर जिले में कई स्थानों पर छतों पर इंजीनियरिंग कॉलेज चल रहे है. केंद्रीय नर्सिंग काउंसिल ने निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति कर इन्हें संचालन की अनुमति दे दी. उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति प्रदेशभर में है इसलिए इस मामले की ईओडब्ल्यू से जांच कराई जानी चाहिए. प्रश्न का जवाब देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ विजयलक्ष्मी साधो ने कहा कि सरकार इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएगी. मामले में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थिति सिर्फ नर्सिंग कॉलेजों की नहीं है बल्कि प्रदेश की गलियों तक में B.Ed D.Ed कॉलेज खुल गए हैं. कंप्यूटर की डिग्रियां जगह-जगह बेची जा रही है. और इस सब का असर प्रदेश की शैक्षणिक गुणवत्ता पर पढ़ रहा है इसलिए इसकी निगरानी के लिए एक कमेटी गठित की जानी. जवाब में मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष की चिंता को जायज बताते हुए कहा कि कुछ समय पहले गुड़गांव के एक कंपनी संचालक ने भी इसको लेकर चिंता जताई थी मुख्यमंत्री ने कहा कि इंजीनियरिंग पास करने वाला बच्चा अपना रिज्यूम नहीं तैयार कर पाता यह चिंता की बात है और इसलिए सरकार एक कमेटी गठित करेगी जो प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए काम करेगी. खबर कैमरे से इन जस्ट करा दी गई है। बाईट जीतू पटवारी


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